CM गहलोत ने पैरा खिलाड़ियों को बांटे स्पोर्ट्स किट:वेदांता जयपुर हाफ मैराथन के पोस्टर का किया विमोचन, झांझरिया, नागर भी रहे मौजूद

जयपुर7 महीने पहले
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पैरा खिलाड़ियों को बांटे अत्याधुनिक किट। - Dainik Bhaskar
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पैरा खिलाड़ियों को बांटे अत्याधुनिक किट।

दुनियतभर में आयोजित होने वाली खेल प्रतिस्पर्धाओं में पदक जीत कर देश का गौरव बढ़ाने वाले पैरा-ओलंपियंस से शुक्रवार को CM अशोक गहलोत ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने केयर्न ऑयल एंड गैस से सहयोग से खिलाड़ियों को अत्याधुनिक स्पोर्ट्स किट देने के साथ ही भविष्य के लिए शुभकामनाय दी। इस दौरान CM ने दिसंबर में आयोज्य वेदांता जयपुर हॉफ मैराथन के पोस्टर का विमोचन भी किया। दरअसल, केयर्न फाउंडेशन के माध्यम से सुरक्षित पेयजल, कृषि और पशुपालन, बच्चों की भलाई और शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, कौशल विकास के अलावा परियोजना दिव्यांग के माध्यम से पैरालंपिक खेलों का समर्थन करता है। बता दे कि केयर्न फाउंडेशन प्रोजेक्ट दिव्यांग के तहत, पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) के माध्यम से 2017 से राजस्थान और गुजरात के होनहार पैरा-एथलीटों का सहयोग कर रहा है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े खिलाड़ी पहले ही राज्य और राष्ट्र के लिए कई पदक जीत चुके हैं। ऐसे में शुक्रवार को इस प्रोजेक्ट से जुड़े 12 पैरा-एथलीटों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

इस दौरान हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अरुण मिश्रा, केयर्न के राजस्थान परियोजना प्रेसिडेंट ब्रिगेडियर बी एस शेखावत, केयर्न सीएसआर हेड हरमीत सेहरा और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस प्रोजेक्ट के साथ 2017 से जयपुर में केयर्न पिंक सिटी हाफ मैराथन का आयोजन किया जा रहा है। इस बार यह आयोजन 18 दिसंबर को किया जा रहा है। शुक्रवार को CM गहलोत ने निरोगी राजस्थान की थीम पर वेदांता पिंकसिटी हाफ मैराथन के पोस्टर का विमोचित किया।

इस दौरान पैरा ओलंपिक एथलीट देवेंद्र झाझडिया ने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए यह सिर्फ एक सीएसआर परियोजना नहीं है। बल्कि राजस्थान में पैरालंपिक आंदोलन मूवमेंट को आगे बढ़ाने के लिए पीसीआई और केयर्न की अनूठी पहल है। जिसके माध्यम से फिजियोथेरेपी, प्रशिक्षण, पोषण, और उपकरण का सहयोग दिया जा रहा है। जो हर खिलाड़ी की परफॉर्मेंस में सुधार के लिए कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमने पिछले साल भारत को टोक्यो ओलंपिक में रिप्रेजेंट किया और कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। मुझे लगता है अगर खिलाड़ियों को इसी तरह मदद मिलती रही। तो खेलों में भारत का डंका पूरी दुनिया में बोलेगा।