जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री अर्जुन प्रजापति (63) नहीं रहे। कई दिनों से कोरोना संक्रमण से जूझ रहे प्रजापति का जयपुर के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को निधन हो गया। हालांकि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी लेकिन इन्फेक्शन बना हुआ था। परिवार के पांच और लोग भी पॉजिटिव थे।
प्रजापति ने मूर्ति कला और मिट्टी के बर्तनों की कला के लिए अलग पहचान बनाई थी। उनके निधन पर सीएम अशोक गहलोत, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने संवेदना प्रकट की।
परंपरागत राजस्थानी कला बणी-ठणी को दिया नया रूप
प्रजापति ने परंपरागत कला ‘बणी-ठणी’ को नया रूप दिया। उसके बाद से यह कला ‘अर्जुन की बणी-ठणी’ के नाम से जानी जाती है। वे देश के पहले ऐसे मूर्तिकार हैं जो मात्र 20 मिनट में सामने बैठे व्यक्ति का क्लोन बना देते थे। इसलिए उन्हें ‘क्लोनिंग का महारथी’ कहा जाता था।
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का क्लोन 20 मिनट में बनाकर दिखाया तो क्लिंटन ने बदले में 20 मिनट तक मिट्टी से सने प्रजापति के हाथों को अपने हाथों में थामे रखा था। पूछा- इन उंगलियों में आखिर क्या खास है। क्लिंटन ने प्रजापति को ‘मूर्तिकला का जादूगर’ कहा था। साल 2010 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
प्रजापति ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स समेत कई हस्तियों के भी क्लोन बनाए थे। बणी-ठणी राजस्थान के किशनगढ़ चित्रकला से सम्बन्धित है। इनकी रचना निहाल चन्द ने की थी। इसे भारत की मोनालिसा भी कहा जाता है। बनी-ठणी तो राजस्थानी शब्द है, मतलब सजी-धजी होता है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.