पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलने से नाराज एक युवक आज गलता गेट के सामने आमरण अनशन पर बैठ गया। युवक आमागढ़ स्थित मंदिर में पुजारी है। उसके पिता जयपुर कलेक्ट्रेट में राजकीय कर्मचारी थे और ड्राइवर के पद पर कार्यरत थे। जिनका नवंबर 2012 में देहांत हो गया था।
अनशन पर बैठे युवक श्रवण कुमार मीणा ने बताया कि उसके पिता सीताराम मीणा का देहांत होने के बाद से अब तक वह अनुकंपा नियुक्ति के लिए चक्कर लगा रहा है, लेकिन सरकार और प्रशासन में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने बताया कि इस मामले में जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें कोर्ट में जाने की सलाह दी है, ताकि वह अपने पिता के दत्तक पुत्र होने का वैध प्रमाणिकरण करवा सके।
उन्होंने बताया कि वे इस मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में भी गए थे, जहां से हाईकोर्ट जस्टिस ने टिप्पणी भी की थी कि गोदनामा को सही मानते हुए बनवारी लाल के समस्त अधिकार उसके प्राकृतिक माता-पिता (सीताराम मीणा व प्रेमा देवी) से समाप्त हो गए है।
आपको बता दें कि स्व. सीताराम मीणा के दो पुत्र बनवारी लाल मीणा और श्रवण मीणा है। बनवारी लाल मीणा को सीताराम मीणा और उनकी पत्नी प्रेम देवी ने रीती रिवाज के साथ उसके मामा पूरणमल को गोद दिया है। इस मामले को लेकर विभाग में पिछले 10 साल से विवाद चल रहा है कि मृतक राजकीय कर्मचारी के बड़े बेटे की जगह छोटे बेटे श्रवण कुमार को नौकरी दी जाए अथवा नहीं?
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