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कांग्रेस के बड़े नेताओं की खेमेबंदी का असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। इस खींचतान के कारण नेता वार पलटवार करने लगे हैं। ताजा विवाद हाड़ौती से जुड़ा है। बारां जिले के पायलट समर्थक युवा नेता नरेश मीणा ने जहां खान मंत्री प्रमोद जैन भाया पर उन्हें हिस्ट्रीशीटर घोषित कराने की साजिश करने का आरोप लगाया है। मीणा के बचाव में कांग्रेस के ही विधायक भरत सिंह कुंदनपुर उतर आए हैं। उन्होंने मीणा को क्लीन चिट देते हुए लिखा कि नेता पर कोर्ट केस होना आम बात है। मीणा गुंडे नहीं है इसलिए उन्हें हिस्ट्रीशीटर घोषित करना ठीक नहीं होगा।
दरअसल, हिस्ट्रीशीट खुलने की सुगबुगाहट के बाद मीणा ने भाया के विरोधी विधायक भरत सिंह से चिट्ठी के जरिए मदद मांगी थी। इसके बाद भरत सिंह ने कोटा आईजी को चिट्ठी लिखकर मीणा की पैरवी कर दी। उन पर लगे मुकदमों को राजनीतिक बताते हुए उनके गंभीर अपराधी नहीं होने का हवाला दिया।
विधायक ने मीणा की चिट्ठी को भी अटैच किया है। मीणा ने अपनी चिट्ठी में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया और छबड़ा से भाजपा विधायक प्रतापसिंह सिंघवी पर फंसाने की साजिश आरोप लगाया। एक तरह से विधायक ने मीणा को क्लीन चिट दे दी। इस लैटर बम से कांग्रेस की पॉलिटिक्स गरमा सकती है।
भरत सिंह ने चिट्ठी में नाम लिए बिना भाया और सिंघवी पर निशाना साधा
कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने आईजी को लिखी चिट्ठी में मंत्री प्रमोद जैन और भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी का नाम नहीं लिया, लेकिन मीणा के पत्र का हवाला देकर दो नेताओं पर निशाना साधा। भरत सिंह ने लिखा- मीणा को मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता, लेकिन इन्होंने जिन नेताओं के बारे में बताया है, उन्हें सारा राजस्थान जानता है। राजनीतिक कोर्ट केस होना वर्तमान समय में आम बात है। इस आधार पर हिस्ट्रीशीटर घोषित करना उचित नहीं होगा।
राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई की यह है वजह
मीणा इन दिनों बारां जिले में राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। पिछले दिनों किसान सम्मेलनों के जरिए उन्होंने शक्ति प्रदर्शन किया। वह पहले किरोड़ीलाल मीणा के साथ हुआ करते थे। बाद में वह सचिन पायलट के समर्थक बन गए। इन दिनों किसान आंदोलन के समर्थन में भी सभाएं कर रहे हैं। उन्होंने पहले भी खान मंत्री प्रमोद जैन भाया पर आरोप लगाए थे। बताया जाता है कि उनके खिलाफ मुकदमों को क्लब करवाकर हिस्ट्रीशीटर घोषित करने की कवायद चल रही है।
इसे शुरू करवाने का आरोप प्रमोद जैन पर लगाया जा रहा है। जैन भी पायलट समर्थक रहे हैं, लेकिन बदली राजनीतिक परिस्थितियों में वह अभी मुख्यमंत्री गहलोत खेमे के साथ हैं। भाया को हाड़ौती में जनाधार वाला नेता माना जाता है, लेकिन उनके विरोधियों की भी कमी नहीं है।
भरत सिंह को नरेश के रूप में भाया के खिलाफ लड़ाई का साझेदार मिला
इस पूरे घटनाक्रम में भरत सिंह ने जिस तरह से नरेश मीणा का पक्ष लिया, वह भी कम दिलचस्प नहीं है। वह अब तक अकेले ही प्रमोद भाया के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे, अब उन्हें भाया विरोधी उग्र युवा नेता मिल गया है। बताया जाता है कि भविष्य में भाया के खिलाफ दोनों मिलकर अभियान छेड़ सकते हैं। मीणा के पास युवाओं की टीम है, जो भरत सिंह के चिट्ठी वार को धरातल पर विरोध का रूप देगी।
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