राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव का मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। लेकिन पिछला ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि मूंड इस चुनाव में वोट काटने वाले उम्मीदवार के तौर पर भूमिका निभाएंगे। कांग्रेस में स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा का पहले से टिकट तय माना जा रहा था, पार्टी ने उन्हें ही टिकट दिया। लेकिन बीजेपी में अशोक कुमार पिंचा के अलावा कई जाट समाज से भी टिकट के दावेदार थे। जिन्हें टिकट नहीं मिलने से समाज में नाराजगी बताई जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि RLP कैंडिडेट लालचंद मूंड बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशियों के वोट काटेंगे।
चुनावी मैदान में 12 उम्मीदवार
सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव के लिए 12 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं। कांग्रेस से अनिल शर्मा, BJP से अशोक कुमार पिंचा, RLP से लालचंद मूंड, CPI(M) से सांवरमल मेघवाल, इंडियन पीपुल्स ग्रीन पार्टी से परमाराम नायक, निर्दलीय- उमेश साहू, प्रेम सिंह, सुभाष चंद्र, राजेंद्र भाम्बू, विजयपाल श्योराण, सांवरमल प्रजापत, सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने नॉमिनेशन फाइल किए हैं।
क्या हैं चुनावी त्रिकोण के समीकरण ?
RLP ने मूंड को इसलिए चुनाव में उतारा है, ताकि वह ग्रामीण क्षेत्र से ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल कर सके। दूध उत्पादक संघ अध्यक्ष होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी अच्छी पकड़ है। बीजेपी से आरएलपी पार्टी राजस्थान में गठबंधन तोड़ चुकी है। बीजेपी नेतृत्व RLP को तवज्जो नहीं दे रहा है। जाट उम्मीदवार इसलिए उतारा है, क्योंकि क्षेत्र में 65 हजार जाट वोट बताए जाते हैं। जबकि ब्राह्मण वोट 45 हजार और जैन समाज के वोट 4000 ही हैं। कांग्रेस कैंडिडेट अनिल शर्मा ब्राह्मण समाज से हैं। बीजेपी कैंडिडेट अशोक कुमार पिंचा जैन समाज से हैं। लेकिन चूरू में जातीय समीकरणों से ज्यादा स्थानीय इक्वेशन काम करते हैं। इसीलिए भंवरलाल शर्मा यहां से 6 बार चुनाव जीते और अशोक कुमार पिंचा 4000 हजार के समाज के बावजूद सर्वाधिक 73902 वोट लाकर 2008 विधानसभा चुनाव में जीत के झंडे गाड़ चुके।
बसपा से लड़कर 2008 में विधानसभा चुनाव हार चुके लालचंद मूंड
आदर्श जाट महासभा के जिला संयोजक और चूरू जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ के अध्यक्ष लालचंद मूंड को हनुमान बेनीवाल ने अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। लेकिन मूंड 2008 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर बुरी तरह हारे थे। लालचंद मूंड को केवल 8084 वोट मिले थे। तब BJP के अशोक कुमार पिंचा की जीत हुई थी। पिंचा को 73902 वोट मिले थे। 64128 वोट कांग्रेस के भंवरलाल शर्मा को मिले थे। तब भंवरलाल शर्मा की चुनावी हार हुई थी। माना जाता है कि मूंड ने तब बसपा के बैनर तले जाट और दलित समाज के वोट काटे। जो कांग्रेस उम्मीदवार भंवरलाल शर्मा को मिलते।
लालचंद मूंड और भंवरलाल शर्मा के वोट जोड़ें तो भी पिंचा पड़े भारी
2008 विधानसभा चुनाव में भंवरलाल शर्मा और लालचंद मूंड को मिले वोटों का जोड़ 72212 होता है। दूसरे और तीसरे नम्बर पर रहे इन दोनों उम्मीदवारों को मिले कुल वोटों से भी पिंचा ने 1690 वोट ज्यादा हासिल किए थे।
1993 में भंवरलाल शर्मा BJP से चुनाव लड़े,कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र बुड़ानिया से हारे
इससे पहले 1993 में भंवरलाल शर्मा बीजेपी से चुनाव लड़कर कांग्रेस के प्रत्याशी नरेंद्र बुड़ानिया से चुनाव हारे थे। तब भंवरलाल शर्मा को 49589 वोट मिले, जबकि बुढ़ानिया को 53902 वोट मिले थे। CPIM के रमेश पोटलिया को 3528 वोट मिले थे। भंवरलाल शर्मा को कांग्रेस के नरेंद्र बुड़ानिया और बीजेपी के अशोक कुमार पिंचा ही हरा सके। लेकिन भंवरलाल इसलिए कद्दावर रहे,क्योंकि 1985 से 2018 तक कुल 33 साल के दौरान सरदारशहर विधानसभा सीट पर हुए 8 विधानसभा चुनाव में भंवरलाल शर्मा 6 बार विजयी रहे।
2018 विधानसभा चुनाव भंवरलाल शर्मा ने अशोक पिंचा को 16816 वोट से हराया
हालांकि 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के भंवरलाल शर्मा भारी पड़े। उन्होंने बीजेपी के मौजूदा विधायक अशोक कुमार पिंचा को तब 16816 वोटो से हराया था। भंवरलाल शर्मा को 95282 और अशोक कुमार पिंचा को 78466 वोट मिले थे।
मैं पंडित अनिल भंवरलाल शर्मा, रिश्ता है पुराना,अब हमें है निभाना
पंडित भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा ने चुनाव प्रचार में सिम्पैथी वोट बैंक हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। उन्होंने प्रचार सामग्री पर अपना नाम भी 'मैं पंडित अनिल भंवरलाल शर्मा' लिखवा दिया है। साथ ही कहा है- 'रिश्ता है पुराना, अब हमें है निभाना।'
लालचंद मूंड की प्रोफाइल
लालचंद मूंड 52 साल हैं और बीए पास हैं। सरदारशहर तहसील की करणसर ग्राम पंचायत के निवासी हैं। मूंड के पिता रामेश्वर दयाल मूंड जाट विकास परिषद सरदारशहर के दो बार अध्यक्ष रहे। लालचद खुद भी आदर्श जाट महासभा के चूरू जिला संयोजक हैं। लालचंद 1994 में सरदारशहर के एसबीडी कॉलेज के अध्यक्ष रह चुके। 2000 में वार्ड 2 से कांग्रेस के टिकट पर पंसायत समिति सदस्य चुने गए। सरदारशहर पंचायत समिति के उप प्रधान बने। 2005 में पहली बार चूरू जिला दूध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष चुने गए। 2008 विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा,लेकिन हार हुई। फिर 2010 में दूसरी बार, 2015 में तीसरी बार चूरू में दूध उत्पादक संघ के अध्यक्ष चुने गए। 2017 में मूंड राजस्थान डेयरी फेडरेशन जयपुर के संचालक मंडल के सदस्य चुने गए। 2021 में चूरू जिला दूध उत्पादक संघ के चौथी बार चुनाव में जीते। 2010 में इनकी पत्नी संतोष मूंड ग्राम पंचायत रंगाईसर में सरपंच चुनी गईं। 2015 में दूसरी बार सरपंच चुनी गईं।
सरदारशहर विधानसभा के विधानसभा चुनाव के नतीजे
साल | चुने गए विधायक का नाम | पार्टी |
1952 | चंदनमल बैद | कांग्रेस |
1957 | चंदनमल बैद | कांग्रेस |
1962 | चंदनमल बैद | कांग्रेस |
1967 | आर सिंह | निर्दलीय |
1972 | चंदनमल बैद | कांग्रेस |
1977 | हजारीमल | जनता पार्टी |
1980 | मोहनलाल | बीजेपी |
1985 | भंवरलाल शर्मा | लोकदल |
1990 | भंवरलाल शर्मा | जनता दल |
1993 | नरेंद्र बुड़ानिया | कांग्रेस |
1998 | भंवरलाल शर्मा | कांग्रेस |
2003 | भंवरलाल शर्मा | कांग्रेस |
2008 | अशोक कुमार पिंचा | बीजेपी |
2013 | भंवरलाल शर्मा | कांग्रेस |
2018 | भंवरलाल शर्मा | कांग्रेस |
सरदारशहर विधानसभा सीट के जातीय समीकरण (अनुमानित)
जाति | कितने वोटर हैं |
कुल वोटर | 289500 |
ग्रामीण | 219500 |
शहरी | 67000 |
जाट | 65000 |
हरिजन | 55000 |
ब्राह्मण | 45000 |
मुसलमान | 23000 |
राजपूत | 20000 |
माली | 10000 |
कुम्हार | 8000 |
स्वामी | 8500 |
जैन | 4000 |
अग्रवाल | 4000 |
सोनी | 8000 |
सुथार | 7000 |
सिद्ध | 7000 |
बाकी जातियां | 19500 |
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