राजस्थान में कोरोना के नए वैरिएंट कप्पा के केस मिलने से हड़कंप मच गया है। इस वैरिएंट को डेल्टा वैरिएंट की तरह तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है। हालांकि, इसकी घातकता कम है यानी इस वैरिएंट से संक्रमित होने वाले मरीज को नुकसान कम होता है। राजस्थान में इस वैरिएंट के 11 केस पहली बार सामने आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक कप्पा वैरिएंट 4-4 केस अलवर और जयपुर, 2 बाड़मेर और 1 भीलवाड़ा में मिला है। इन सभी सैंपल में से 9 की रिपोर्ट दिल्ली स्थित IGIB लैब और 2 की रिपोर्ट SMS स्थित जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन से हुई जांच से मिली है। जिन लोगों में ये सैंपल लिए गए हैं, वे मई-जून में पॉजिटिव हुए थे। विशेषज्ञों की मानें तो कप्पा वैरिएंट 30 देशों में मिल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न कहा है। यानी इसके बारे में ज्यादा सजग रहने की जरूरत है।
कप्पा वैरिएंट बी.1.617 वैरिएंट के म्यूटेशन से ही पैदा हुआ है, जो डेल्टा वैरिएंट के लिए भी जिम्मेदार है। पिछले दिनों इस वैरिएंट के केस उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी मिले थे। जयपुर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि इस वैरिएंट की फैलने की स्पीड डेल्टा की तरह काफी तेज है। इसके लक्षण भी नहीं दिखते। हालांकि ये संक्रमण शरीर में डेल्टा के मुकाबले कम घातक होता है।
लापरवाही बरती तो जल्द आ सकती है तीसरी लहर
डॉ. शर्मा ने बताया कि जयपुर में जिन चार लोगों में ये वायरस मिला है। वह अभी ठीक हैं। राजस्थान में कुछ समय पहले ही दूसरी लहर को बहुत मुश्किल से काबू किया है। अगर लोगों ने लापरवाही बरती और कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर (कोराेना के लिए जारी गाइडलाइन की पालना) नहीं अपनाया तो जल्द ही हमें तीसरी लहर देखने को मिल सकती है।
राजस्थान में कोरोना की स्थिति पर एक नजर
राजस्थान में पिछले 16 महीने के अंदर 9 लाख 53 हजार 224 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 8,947 लोगों की मौत हो चुकी है। राजस्थान में वर्तमान में अभी भी 558 मरीजों का इलाज चल रहा है। 9 लाख 43 हजार 719 लोगों ठीक हो चुके हैं। राज्य में जिलेवार स्थिति देखें तो सबसे ज्यादा केस जयपुर जिले में 1.87 लाख से ज्यादा आए हैं। मौत भी सबसे ज्यादा यहीं हुई है।
3 जिले हो चुके हैं कोरोना मुक्त
राजस्थान में 33 में से 4 जिले प्रतापगढ़, धौलपुर, जालोर और बूंदी कोरोना मुक्त हो चुके हैं। बांसवाड़ा, करौली जिले ऐसे हैं जहां केवल एक-एक एक्टिव केस बचा है। यह जिले भी जल्द ही कोरोना मुक्त हो सकते हैं।
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