राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के चुनाव कराने पर लगी रोक राजस्थान हाईकोर्ट ने हटा दी है। 4 जिला क्रिकेट एसोसिएशन और उनके सेक्रेट्री की रिट याचिका को आज हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।हाईकोर्ट जयपुर बेंच में जस्टिस इंद्रजीत सिंह की कोर्ट में RCA की ओर से एडवोकेट प्रतीक कासलीवाल और याचिकाकर्ताओं की ओर से एकवोकेट अभिनव शर्मा ने पैरवी की।
भारत के पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुनील अरोड़ा ही RCA के चुनाव कराएंगे। चुनाव का पूरा प्रोसेस नए सिरे से होगा। अब RCA जल्द ही बैठक बुलाकर चुनाव कार्यक्रम घोषित कर सकता है। माना जा रहा है कि दिसम्बर महीने में ही चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। नोटिस के लिए नियमानुसार 21 दिन का पीरियड देना होता है।
4 जिला क्रिकेट संघों और उनके सचिवों ने लगाई थी याचिका
दैनिक भास्कर से बातचीत में RCA के एडवोकेट प्रतीक कासलीवाल ने कहा- राजस्थान हाईकोर्ट ने 4 डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन दौसा, गांगानगर, नागौर, अलवर और उनके 4 सेक्रेट्री मिलाकर कुल 8 याचिकाकर्ताओं ने यह रिट याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट में RCA की ओर से पैरवी करते हुए कहा कि रामलुभाया ने 27 अक्टूबर को व्यक्तिगत कारणों से रिजाइन कर दिया था। 11 नवंबर को नया चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिया। 16 नवंबर को सुनील अरोड़ा ने इसकी एक्सेप्टेंस और कंसेंट भी दे दी ।
कोर्ट ने कहा- RCA चुनाव कराने के लिए अब स्वतंत्र
कोर्ट को बताया गया नए चुनाव अधिकारी भारत के चीफ इलेक्शन कमिश्नर रह चुके हैं। वह सबसे सीनियर मोस्ट ऑफिसर रहे हैं,जिन्होंने देश में चुनाव करवाए हैं। इस पर कहीं भी आपत्ति नजर नहीं आई। कोर्ट ने कहा इस लाइट में हम रिट याचिका का डिस्पोजल कर रहे हैं। RCA चुनाव कराने के लिए अब स्वतंत्र है।
दोबारा नए सिरे से होगी पूरी चुनाव प्रक्रिया
एडवोकेट प्रतीक कासलीवाल ने कहा- अब RCA चुनाव की पूरी प्रक्रिया दोबारा नए सिरे से अपनाएगा। यही तय किया गया है। कुच याचिकाएं बीच में चुनाव प्रक्रिया को भी चैलेंज करते हुए हुई थी। इसलिए तमाम विवादों को खत्म करने के लिए पूरी चुनाव प्रक्रिया फिर से होगी। आज जिला संघों में सूची के नामों पर कोई बहस नहीं हुई। सवाईमाधोपुर, दौसा,बूंदी की अलग-अलग याचिकाएं चल रही हैं। उन याचिकाओं में चुनाव अधिकारी की ओर से दी गई लिस्ट में फेरबदल की बात कही गई थी। लेकिन क्योंकि अब चुनाव नए सिरे से हो रहे हैं। इसलिए उस मुद्दे को कोर्ट के सामने नहीं रखा गया। मेरा मानना है कि नए सिरे से चुनाव प्रक्रिया करवाने पर अब वो याचिकाएं भी सारहीन (infructuous) हो जाएंगी। क्योंकि अब नए चुनाव अधिकारी अपने नोटिफिकेशन के तहत दोबारा से आपत्तियां आमंत्रित करेंगे। अपनी चुनाव की वोटर लिस्ट फाइनल करेंगे। उससे कोई पीड़ित, शोषित या कुंठित होता है, तो वो अपनी कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है।
क्या है पूरा मामला ?
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव पर रोक लगी हुई थी। जिसकी पिछली सुनवाई शुक्रवार को हुई, लेकिन तब फैसला नहीं हो पाया था। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वैभव गुट की ओर से राम लुभाया की जगह सुनील अरोड़ा को चुनाव अधिकारी नियुक्त करने की बात कही गई। जिस पर कोर्ट ने ऑन रिकॉर्ड दस्तावेज मांगते हुए अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख दी थी।
दरअसल, RCA चुनाव अधिकारी बनाए गए रिटायर्ड IAS रामलुभाया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसे लेकर 4 जिला क्रिकेट संघों और उनके सचिवों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। नए चुनाव अधिकारी देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को तय किया गया। सुनील अरोड़ा की नियुक्ति को लेकर नांदू गुट भी संतुष्ट है। नागौर जिला क्रिकेट संघ के सचिव राजेंद्र सिंह नांदू ने कहा था कि सुनील अरोड़ा की नियुक्ति से हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा था कि वैभव गुट ने गलत तरीके से कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर उन्हें नियुक्त किया है। जो पूरी तरह गलत है। हम हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। अगर हाईकोर्ट सुनील अरोड़ा को चुनाव अधिकारी नियुक्त करता है। तो हमें कोई आपत्ति नहीं होगी।
30 सितम्बर को होने थे चुनाव, लेकिन 29 सितम्बर को रोक लगी
नांदू गुट की ओर से भी सुनवाई के दौरान रामलुभाया के खिलाफ कोर्ट में कहा गया कि रामलुभाया को राजस्थान सरकार ने लाभ का पद दिया है। क्योंकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव RCA का चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में पूरी संभावना है कि राम लुभाया मुख्यमंत्री के बेटे को फायदा पहुंचा सकते हैं। इसलिए निष्पक्ष चुनाव अधिकारी बनाए जाने तक चुनाव स्थगित करने चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने 30 सितम्बर को होने वाले RCA चुनाव से एक दिन पहले 29 सितम्बर को नांदू गुट के पक्ष में आदेश देते हुए चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
अलग-अलग पदों के लिए इन चेहरों ने नॉमिनेशन दाखिल किया था
वैभव गुट पैनल : अध्यक्ष- वैभव गहलोत, उपाध्यक्ष- राजेश भडाना, सतीश व्यास, रतन सिंह, सचिव- भवानी सामोता, कोषाध्यक्ष- रामपाल शर्मा, संयुक्त सचिव- सतीश व्यास, राजेश भडाना, कार्यकारिणी सदस्य- फारूख अहमद।
नांदू गुट पैनल : अध्यक्ष- धनंजय सिंह, मुकेश शाह उपाध्यक्ष- धनंजय सिंह, मुकेश शाह, सचिव- राजेन्द्र सिंह नांदू, कोषाध्यक्ष- विनोद सहारण, संयुक्त सचिव- अरुण सिंह, कार्यकारिणी सदस्य- कोई नामांकन फाइल नहीं किया गया।
कार्यकारिणी सदस्य पर मिल गई थी जीत
RCA कार्यकारिणी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और कार्यकारिणी सदस्य पद के लिए 30 सितंबर को सुबह 8 से 10 बजे तक वोटिंग प्रस्तावित थी। इसके बाद रिजल्ट जारी किया जाता। कार्यकारिणी सदस्य पर वैभव गुट के फारूख अहमद का निर्विरोध निर्वाचन हो गया था। लेकिन पूरा चुनाव प्रोसेस दोबारा होने से फारुख को भी दोबारा नॉमिनेशन फॉर्म भरना होगा। तब नांदू गुट की ओर से फारूख के खिलाफ किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया था।
RCA चुनाव में 36 वोटर्स की लिस्ट थी
अजमेर से राजेश भडाना, अलवर से पवन गोयल, बांसवाड़ा से मनीष देव जोशी, बारां से अभिनव जैन, बाड़मेर से देवाराम चौधरी, भरतपुर से शत्रुघ्न तिवाड़ी, भीलवाड़ा से रामपाल शर्मा, बीकानेर से रतन सिंह, बूंदी से राजकुमार माथुर, चित्तौड़गढ़ से शक्ति सिंह, चुरू से सुशील शर्मा, दौसा से प्रदीप नागर, धौलपुर से सोमेंद्र तिवाड़ी, डूंगरपुर से सुशील जैन, हनुमानगढ़ से मनीष धारनिया, जयपुर से अमितराज, जैसलमेर से विमल शर्मा, जालौर से सतीश व्यास, झालावाड़ से फारुख, झुंझुनूं से राजेंद्र राठौड़, जोधपुर से शैतान सिंह, करौली से शिवचरण माली, कोटा से अमीन पठान, नागौर से राजेंद्र नांदू, पाली से धर्मवीर, प्रतापगढ़ से चंद्रेश आंजना, राजसमंद से गिरिराज सनाढ्य, सवाई माधोपुर से सुमित गर्ग, सीकर से सुभाष जोशी , सिरोही से संयम लोढा, श्रीगंगानगर से विनोद सहारण, टोंक से विवेक व्यास और उदयपुर से महेंद्र शर्मा के नाम के साथ ही तीन पूर्व इंटरनेशनल क्रिकेट प्लेयर्स में सलीम दुर्रानी, गगन खोड़ा और पंकज सिंह शामिल थे।
याचिकाओं में यह कहा गया
4 जिला क्रिकेट संघों और उनके सचिवों की याचिकाओं में कहा गया कि रामलुभाया को मुख्य चुनाव अधिकारी बनाए जाने से RCA के चुनाव निष्पक्ष नहीं हो पाएंगे। रामलुभाया जिला पुनर्गठन कमेटी के चेयरमैन हैं। जिस पर सीएम गहलोत का कंट्रोल है। खुद सीएम के बेटे वैभव गहलोत आरसीए चुनाव में अध्यक्ष पद प्रत्याशी हैं। इसलिए निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए रामलुभाया के अंडर में चुनाव नहीं होने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट को लौटा दिया था केस
राजस्थान हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने जब 29 सितंबर को RCA के 30 सितंबर को प्रस्तावित चुनाव पर अंतरिम रोक लगा दी थी, तो RCA की ओर से सुप्रीम कोर्ट तक केस गया। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक नहीं हटाते हुए केस को सुनवाई के लिए वापस हाईकोर्ट सिंगल बेंच के पास रेफर कर दिया था।
वैभव ने डूडी को दी थी मात
RCA की मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल 4 अक्टूबर को पूरा हो चुका है। तीन साल पहले 4 अक्टूबर 2019 में वैभव गहलोत ने RCA अध्यक्ष के चुनावी मैदान में जीत हासिल की थी। तब उन्होंने रामेश्वर डूडी ग्रुप को हराया था। इस बार रामेश्वर डूडी ने RCA चुनाव से दूरी बना ली है। डूडी कृषि विपणन बोर्ड के चेयरमैन हैं।
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