राजस्थान सोलर एनर्जी प्रोडक्शन में मॉडल स्टेट और देश में सोलर हब बन गया है। देशभर में 16060 मेगावाट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन करके राजस्थान देश में पहले स्थान पर आया है। ग्रीन एनर्जी-क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में राजस्थान को अव्वल बनाने में सोलर एनर्जी पॉलिसी 2019 का बड़ा रोल रहा है। कर्नाटक और गुजरात राज्यों को पछाड़कर राजस्थान ने यह उपलब्धि हासिल की है।
राजस्थान में साल 2024-25 तक 30 गीगावाट सोलर एनर्जी कैपिसिटी डवलप करने का टारगेट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 2030 तक 500 गीगावाट सोलर एनर्जी का कुल टारगेट रखा है। इस टारगेट को हासिल करने में राजस्थान की प्रमुख हिस्सेदारी होगी। 1 गीगावाट में 1000 मेगावाट होते हैं। इस लिहाज से राजस्थान अब तक 16 गीगावाट से ज्यादा सोलर एनर्जी प्रोडक्शन कैपिसिटी हासिल कर चुका है।
जोधपुर के भड़ला में दुनिया का सबसे बड़ा 2245 MW कैपिसिटी का सोलर पार्क
बिजली विभाग के मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में पूरे देश में राजस्थान एक मॉडल स्टेट बन चुका है। प्रदेश में मौजूदा समय में 16 हजार 60 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही 4 हजार 576 मेगावाट विंड एनर्जी, 125 मेगावाट बायोमास एनर्जी और 24 मेगावाट हाइड्रो एनर्जी का प्रोडक्शन किया जा रहा है। प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा 2245 मेगावाट कैपिसिटी का सोलर पार्क जोधपुर के भड़ला में , 925 मेगावॉट कैपिसिटी का पार्क जैसलमेर के नोख में और 750 मेगावाट कैपिसिटी का पार्क फलोदी-पोकरण में डवलप किया गया है। जिनके जरिए बड़ी मात्रा में सूरज की रोशनी से बिजली पैदा की जा रही है।
2024-25 तक 30 गीगावॉट सोलर एनर्जी कैपिसिटी टारगेट
सोलर एनर्जी प्रोडक्शन के अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियां होने के कारण नई सोलर एनर्जी पॉलिसी के तहत प्रदेश में साल 2024 -25 तक 30 गीगावॉट सोलर एनर्जी कैपिसिटी डवलप करने के प्रोजेक्ट्स धरातल पर उतारने का टारगेट है।
प्रधानमंत्री-कुसुम योजना में भी राजस्थान टॉप
मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना में भी राजस्थान सभी राज्यों में पहले पायदान पर हैं। देश में इस योजना के तहत पहला सोलर ऊर्जा पावर प्लांट भी राजस्थान में ही जयपुर जिले के कोटपूतली तहसील के भालोजी गांव में लगाया जा चुका है। 3.50 एकड़ जमीन पर 1 मेगावाट कैपिसिटी के इस प्रोजेक्ट का निर्माण 3.70 करोड़ की लागत से किया गया है। प्रदेश में कुसुम योजना के तहत स्कीम-1 में अब तक 45 सोलर एनर्जी प्लांट लगाए जा चुके हैं। इन प्लांट्स की मदद से 60.5 मेगावाट एनर्जी का प्रोडक्शन किया जा रहा है। भालोजी गांव में लगे सोलर एनर्जी प्लांट से बिजली प्रोडक्शन हो रहा है। यह पीएम कुसुम कम्पोनेन्ट-ए योजना के तहत शुरू किया गया था।
2000 मेगावाट कैपिसिटी के सोलर प्रोजेक्ट्स और लगेगा
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम का कोल इंडिया लिमिटेड के साथ 1190 मेगावाट कैपिसिटी के सोलर प्रोजेक्ट के लिए 13 अक्टूबर को एमओयू हुआ था। सीएम गहलोत और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी की मौजूदगी में जयपुर में हुए एमओयू के तहत राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को 2000 मेगावाट सोलर पार्क को विकसित करने का जिम्मा दिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने पूगल तहसील, बीकानेर में 4846 हैक्टेयर जमीन अलॉट की है। पार्क में 810 मेगावाट क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट खुद उत्पादन निगम लगाएगा। 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना कोल इंडिया लिमिटेड लगाएगा।
ऊंची छलांग लगाकर कर्नाटक-गुजरात को पछाड़ा
केन्द्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान ने 16 गीगावाट से ज़्यादा सोलर एनर्जी क्षमता विकसित कर कामयाबी हासिल की है। देश में सूरज की रोशनी से पैदा होने वाली कुल बिजली में अकेले राजस्थान की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से भी ज़्यादा है। कर्नाटक दूसरे और गुजरात तीसरे स्थान पर है। यूनिफाईड वेब पोर्टल लांच
राजस्थान में रुफटॉप सोलर प्रोग्राम के लिए यूनिफाईड वेब पोर्टल भी लॉन्च किया गया है। भारत सरकार की रुफटॉप सोलर योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर रुफटॉप सोलर सिस्टम लगाने के लिए यह ऑनलाइन पोर्टल है। जिससे बिजली उपभोक्ताओं, खरीदारों और डिस्कॉम अधिकारियों के लिए रूफटॉप सोलर कनेक्शन जारी करने के प्रोसेस को आसन और टाइमबाउंड बनाया गया है। घरेलू उपभोक्ताओं को शुरू में ही सब्सिडी का पैसा मिलने लगेगा। कुल लागत में से घटाने के बाद बाकी पैसा वेण्डरों को दिया जाएगा।
कैसे सोलर एनर्जी बिजली संकट खत्म करेगी ?
अगर भारत 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन का टारगेट पूरा कर लेता है, तो प्रदूषण फैलाने वाले कोयला, गैस और परमाणु बिजली घरों को बंद किए बिना भारत अपनी दोगुनी बिजली की मांग को पूरा करने और उत्सर्जन को कम करने में कैपेबल हो जाएगा। अमेरिका के ग्लासगो में यूनाइटेड नेशन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में पीएम मोदी के इस विजन को मान्यता दी गई है कि भारत ऐसा कर सकता है।
राजस्थान में फिलहाल बिजली की उपलब्धता 12500 मेगावाट तक है। लेकिन अनुमान है कि इसी साल अधिकतम डिमांड पीक आवर्स में बढ़कर 17500 से 18000 मेगावाट तक पहुंच सकती है। घरेलू सोलर एनर्जी प्रोडक्शन के साथ ही राजस्थान सरकार ने सभी सरकारी ऑफिसों की बिल्डिंग पर ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर डवलप करने के लिए 50 मेगावाट का प्रोजेक्ट लगाने का भी निर्णय लिया है।
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