जयपुर में अब हर महीने गैस सिलेंडर बुक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एन वक्त पर सिलेंडर खत्म हो जाए तो पड़ोसी से उधारी का सिलेंडर लेने की भी जरूरत नहीं पड़ने वाली।
भारी भरकम सिलेंडर को उठाकर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में चढ़ने की मशक्कत करने की भी कोई जरूरत नहीं होगी।
पहली बार जयपुर में अब हाईटेक तरीके से घरेलू गैस पाइपलाइन लोगों के घरों तक पहुंचेगी। बिजली-पानी की तरह गैस का कनेक्शन मिलेगा। उसमें मीटर लगेंगे, जो यह बताएंगे कि आपने कितनी गैस खर्च कर दी है। जितनी रीडिंग उतना बिल बनेगा।
मुंबई, पुणे, दिल्ली की तर्ज पर अब जयपुर में भी पाइप लाइन के जरिए गैस सप्लाई होने वाली है। जयपुर सहित राजस्थान के कई शहरों में पाइप लाइन बिछाने का काम जारी है।
यह पाइप लाइन कनेक्शन कितने में मिलेगा, महीने में कितनी खपत होगी? बिल कैसे आएगा, कब तक यह सुविधा शुरू होगी? ऐसे ही सवालों का जवाब देंगे इस स्पेशल स्टोरी में....
जयपुर में टोरेंट ग्रुप ने अजमेर रोड और कालवाड़ रोड पर गैस की पाइप लाइन बिछानी शुरू कर दी है। यह काम पूरा हो जाएगा, उसके बाद कनेक्शन दिए जाएंगे। इस सुविधा के शुरू होने से इन एरिया में रसोई गैस की सप्लाई यूजर की इच्छा के अनुसार की जाएगी। हालांकि ये सुविधा अभी जयपुर के नगर निगम एरिया से बाहर ही शुरू होगी। अजमेर और जोबनेर रोड से इसकी शुरुआत चुनिंदा एरिया से होगी। धीरे-धीरे लाइन बिछाकर इसे जयपुर के नगर निगम एरिया में बसी कॉलोनियों तक कवर किया जाएगा।
अगले साल 10 हजार घरों में कनेक्शन का टारगेट
साल 2023 में 10 हजार से ज्यादा घरों में कनेक्शन देने का टारगेट केंद्र सरकार ने एजेंसियों को दिया है। जयपुर में अजमेर रोड पर महिंद्रा सेज में सबसे पहले प्रोजेक्ट का काम पूरा करवाया जाएगा। इसके बाद महापुरा रोड पर बसी टाउनशिप के लिए लाइन बिछाई जाएगी।
नहीं सताएगी चिंता
गैस सिलेंडर में बुक कराने की चिंता बनी रहती है। ऊपर से वजन का भी। पता नहीं, डिलिवरी मैन कितनी कम गैस दे दे। आदमी अकेला हो तो यह परेशानी और भी ज्यादा होती है कि डिलिवरी मैन का इंतजार करते रहें। पाइप लाइन कनेक्शन में इन परेशानियों से सामना नहीं होता। अब जान लेते हैं इसका चार्ज कितना लगेगा, बिल कैसे आएगा, घरों में जो पाइपलाइन आएगी, उसमें मिलने वाली गैस PNG और सिलेंडर वाली गैस LPG में क्या फर्क है।
PNG में हादसे की आशंका कम
राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड (RSGL) पर दी गई जानकारी के अनुसार एलपीजी में प्रोपेन गैस उपयोग होती है। जो हवा से भारी होने के कारण नीचे जमा होती है और फैलती है। आग की स्थिति में भयानक होती है। वहीं, पाइप लाइन में पीएनजी उपयोग करते हैं। इसमें मिथेन है। जो हवा से हल्की होती है। रिसाव की स्थिति में ऊपर उड़ जाती है। हादसे की आंशका कम रहती है।
इन जिलों में भी शुरू होगी पाइप लाइन से सुविधा
वर्तमान में बारां जिले में करीब 3 हजार घरों में पाइप लाइन के जरिए गैस सप्लाई की जा रही है। बारां के अन्य दूसरे एरिया के अलावा कोटा के कुछ एरिया में पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। यहां भी साल 2023 में 3500(बारां) और 4500 (कोटा) में नए कनेक्शन जारी किए जाएंगे।
इसके अलावा धौलपुर जिले में भी 3 हजार नए कनेक्शन देने के लिए प्रोजेक्ट का काम शुरू कर दिया है, जो अगले साल मार्च तक पूरा करने का अनुमान है। इनके अलावा अलवर के नीमराणा में भी कंपनी ने प्रोजेक्ट बना दिया है, इसमें 5500 घरों को कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन का सुझाव
पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टेट टास्क फोर्स कमेटी की एक बैठक हुई थी। इसमें मुख्य सचिव ने यूडीएच के अधिकारियों को सुझाव दिया था कि बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन करके इसे मल्टी स्टोरी की बिल्डिंग वाले प्रोजेक्ट के लिए अनिवार्य करना चाहिए।
सभी सरकारी विभागों की कॉलोनियों में शुरू करेंगे सुविधा
जयपुर में अलग-अलग एरिया में बसी राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों की सरकारी कॉलोनियों में भी इस योजना को शुरू करने पर चर्चा की जा रही है। इन कॉलोनियों में अगर संबंधित विभाग या सरकार ये सुविधा शुरू करवाती है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करवाया जाएगा।
8 साल में हर घर तक पहुंचेगी पीएनजी
पेट्रोलियम एवं खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि पूरे राजस्थान में अगले 8 साल में पीएनजी हर घर में पहुंचे। केन्द्र सरकार की एजेंसी पीएनजी रेग्युलेटरी बोर्ड ने अभी सभी जिलों में काम करने के लिए कहा है। हमारा टारगेट 96 लाख कनेक्शन का है।
इसके लिए हमने आईओसीएल, टोरेंट, अडानी गैस, गैस ऑथारिटी ऑफ इंडिया समेत कई कंपनियों से संपर्क किया है। ये सब कंपनियां मिलकर काम करेंगी। जयपुर में मार्च 2023 तक बड़े इंस्टीट्यूशन और आउट एरिया को कवर करने की हमारी योजना है।
ये भी पढ़ें-
जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट में मौत के मंजर की PHOTOS:अस्पताल की फर्श पर लेटा रहा झुलसा हुआ मासूम; गली से बारात निकलनी थी, अर्थी निकली
शादी समारोह का एक घर। एक कमरे में दूल्हा शेरवानी पहन कर बारात ले जाने की तैयार कर रहा था। कुछ लोग भोजन कर रहे थे। महिलाएं आंगन में बैठीं मंगल गीत गा रही थीं। कुछ महिलाएं तैयार हो रही थीं। (पूरी खबर पढ़ें)
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.