उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्रस्तावित कानून पर चल रहे विवादों के बीच कांग्रेस शासित राजस्थान के एक मंत्री ने इसका समर्थन कर रही अपनी ही पार्टी के लिए अजीब स्थिति पैदा कर दी है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बुधवार को इस कानून का समर्थन करते हुए कहा, 'मेरा मानना है कि देश को जनसंख्या निंयत्रण के बारे में सोचना होगा। हम दो हमारे एक का यह सही समय है।'
उन्होंने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी अच्छा जीवन व्यतीत कर सके, इसके लिए हमें इस दिशा में सोचने की जरूरत है। यह बात मैंने पहले भी कई मंचों से कही है। रघु ने कहा कि यह उनका निजी मत है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यालय के सूत्रों के अनुसार यह राजस्थान सरकार का स्टैंड नहीं है।
रघु ने यह भी कहा कि यह बात उन्होंने राजस्थान के संदर्भ में कही है। यहां पिछले दो दशकों से जनसंख्या नियंत्रण कानून है जो तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत सरकार के कार्यकाल में 1995 में लागू किया गया था। इस कानून के अनुसार दो से अधिक बच्चे होने पर राज्य में पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं और न ही स्थानीय निकायों में कोई पद हासिल कर सकते हैं। साथ ही दो से अधिक बच्चे होने पर राजस्थान सरकार के अधिकारियों की पदोन्नति भी रोक दी जाती है।
रघु शर्मा का यह बयान कांग्रेस के नेताओं के लिए अजीब स्थिति पैदा करने वाला है, जिन्होंने यूपी और असम में जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रस्तावित कानून का विरोध किया है। उल्लेखनीय है कि असम में राज्य की कल्याण योजनाओं में दो बच्चों वाली पॉलिसी का प्रस्ताव है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा ने कहा था कि यह गरीबी से निपटने तथा मुस्लिम अल्पसंख्यकों में अशिक्षा से निपटने का यह एकमात्र उपाय है।
यूपी में भी एक बिल तैयार हो रहा है। यह कानून लागू हुआ तो जिन लोगों के दो बच्चे हैं उन्हें स्थानीय निकाय के चुनाव लड़ने पर पाबंदी, सरकारी नौकरियों में अयोग्य करने के साथ ही पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सब्सिडी पर भी रोक रहेगी। इतना ही नहीं इस बिल में दो बच्चों वालों को इंसेंटिव भी मिलेगा। यूपी में कांग्रेस व समाजवादी दलों सहित भाजपा के विरोधी दलों ने इसका यह कहते हुए विरोध किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक समाज विशेष को निशाना बनाने के लिए विभाजन की नीति अपना रहे हैं।
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