जिला प्रमुख चुनाव में बीजेपी ने रणनीति से कांग्रेस के बहुमत को हरा दिया। बीजेपी के पास केवल एक जिले सिरोही में ही बहुमत था लेकिन उसने जयपुर और भरतपुर में भी अपने जिला प्रमुख उम्मीदवारों को जितवा लिया। कांग्रेस में 5 जिलों में क्रॉस वोटिंग सामने आई है। कांग्रेस को 4 जिलों में स्पष्ट बहुमत मिला था लेकिन उसके 6 जिलों में से 3 में ही जिला प्रमुख बने। जयपुर में बीजेपी की रमा देवी, जोधपुर में कांग्रेस उम्मीदवार लीला मदेरणा, भरतपुर में बीजेपी उम्मीदवार जगत सिंह, सिरोही में बीजेपी के अर्जुन पुरोहित, दौसा में कांग्रेस के हीरालाल सैनी और सवाईमाधोपुर में कांग्रेस के जिला प्रमुख जीते हैं।
जयपुर में कांग्रेस के टिकट पर जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीत चुकीं रमा देवी चोपड़ा को सोमवार सुबह बीजेपी में शामिल किया, और शाम होते-होते उसे जिला प्रमुख का चुनाव जितवा दिया। जोधपुर में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे परसराम मदेरणा की पुत्रवधू लीला मदेरणा कांग्रेसी खेमे में भारी खींचतान के बावजूद जिला प्रमुख का चुनाव जीत गईं। लीला मदेरणा को 21 वोट मिले।
जयपुर में बहुमत होते हुए भी कांग्रेस जिला प्रमुख की सीट गंवा बैठी। रमा देवी को 26 वोट मिले, जबकि बीजेपी के पास केवल 24 जिला परिषद सदस्य थे। बीजेपी ने रमा देवी सहित कांग्रेस के 2 सदस्य तोड़कर हारी बाजी पलट दी। रमा ने कांग्रेस उम्मीदवार सरोज देवी शर्मा को हराया। सरोज देवी को 25 वोट मिले। जयपुर जिला परिषद में कुल 51 सदस्य हैं। जिला प्रमुख बनाने के लिए 26 सदस्य चाहिए थे। कांग्रेस 27 सदस्य जीती, लेकिन रमा देवी और जैकी के बीजेपी के खेमे में जाने से कांग्रेस के 25 सदस्य रह गए। बीजेपी के पास पहले 24 सदस्य थे। दो कांग्रेस के सदस्य मिलने से बहुमत का आंकड़ा बीजेपी के पास हो गया। कांग्रेस-बीजेपी में क्रॉस वोटिंग कराकर ही चुनाव जीत सकती थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई।
जोधपुर मे भारी खींचतान के बाद लीला मदेरणा कांग्रेस के पूरे 21 वोट लेकर जीतीं
जोधपुर कांग्रेस में भारी खींचतान के बााद आखिरकार कांग्रेस उम्मीदवार लीला मदेरणा जिला प्रमुख का चुनाव जीतने में कामयाब रही। लीला मदेरणा को 21 वोट मिले। जोधपुर में कांग्रेस ने 21 वार्डों में ही जीत हासिल की थी और लीला को पूरे 21 वोट मिले। जोधपुर में कुल 37 सदस्य हैं, बहुमत के लिए 19 वोट चाहिए थे, कांग्रेस के 21, बीजेपी के 16 सदस्य जीते थे। जोधपुर में लीला मदेरणा के अलावा पूर्व सांसद बद्री जाखड़ की बेटी मुन्नी देवी गोदारा और एक कांग्रेस सदस्य नेहा ने भी नामांकन भर दिया था। आखिर में कांग्रेस के रणनीतिकारों ने समझा बुझाकर दोनों को लीला के पक्ष में मनाया।
भरतपुर में बीजेपी के जगत सिंह जिला प्रमुख का चुनाव जीते
भरतपुर से पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह बीजेपी के टिकट पर जिला प्रमुख का चुनाव जीत गए। जगत सिंह को 28 वोट मिले, जबकि बीजेपी के 17 सदस्य ही जीते थे। इस तरह जगत सिंह ने कांग्रेस और निर्दलीयों को मिलाकर 11 वोटों का इजाफा करके चुनाव जीत लिया। जगत सिंह 14 अगस्त को ही फिर से बीजेपी में शामिल हुए थे। भरतपुर जिला परिषद में कुल 37 सदस्य हैं। बहुमत के लिए 19 चाहिए थे। जगत सिंह को बहुमत से 9 वोट ज्यादा मिले। कांग्रेस के 14 सदस्य होने के बावजूद पार्टी की उम्मीदवार हलीमा को केवल 9 वोट मिले।
दौसा में कांग्रेस के हीरालाल सैनी जिला प्रमुख बने, कांग्रेस के एक सदस्य
दौसा जिला प्रमुख के पद पर हीरालाल सैनी जीतने में कामयाब रहे हैं। हीररालाल सैनी ने बीजेपवी उम्मीदवार नीलम गुर्जर को हराया। हीरालानल सैनी को 16 और नीलम को 13 वोट मिले। दौसा जिला परिषद में 29 सदस्य हैं, जीतने के लिए 15 सदस्यों के वोट चाहिए थे। कांग्रेस उम्मीदवार हीरालाल सैनी को 16 वोट मिले जबकि कांग्रेस के 17 सदस्य जीते थे। कांग्रेस के 1 सदस्य ने क्रॉस वोटिंग की। बीजेपी के 8 सदस्य जीते थे लेकिन उसकी उम्मीदवार को 7 वोट ज्यादा मिले।
सिरोही में बीजेपी के अर्जुन पुरोहित जिला प्रमुख जीते
सिरोही में बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन पुरोहित चुनाव जीत गए हैं। अर्जुन पुरोहित को 17 वोट मिले जबकि कांग्रेस के हरीश चौधरी को 4 वोट मिले। सिरोही जिला परिषद में 21 सदस्य हैं, बीजेपी के 17 सदस्य और कांग्रेस के 4 सदस्य जीते थे।
सवाईमाधोपुर में कांग्रेस उम्मीदवार सुदामा मीणा जिला प्रमुख का चुनाव जीतीं
सवाईमाधोपुर में कांग्रेस उम्मीदवार सुदामा मीणा जिला प्रमुख का चुनाव जीतीं हैं, सुदामा मीणा को 17 और बीजेपी उम्मीदवार बीना मीणा को 8 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार को 1 वोट ज्यादा मिला है। सवाईमाधोपुर में कुल 25 सदस्य हैं, कांग्रेस के 16, बीजेपी के 8 और 1 निर्दलीय सदस्य जीता था।
रमा देवी चोपड़ा सुबह बीजेपी में शामिल, शाम को जिला प्रमुख
रमा देवी चोपड़ा ने बीजेपी से नामांकन भरने से ठीक पहले बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ली। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने रमा देवी को पार्टी में शामिल किया। इसके बाद रमा देवी सीधे नामांकन भरने पहुंच गईं। रमा देवी के पति मोतीराम चोपड़ा ने नगर निगम ग्रेटर में कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ा था। अब पति के बाद पत्नी ने भी बगावत कर दी। पति की बगावत के बावजूद कांग्रेस ने उनकी पत्नी को जिला परिषद वार्ड नंबर 17 से अपना उम्मीदवार बनाया था।
महेश जोशी के सुबह के बयान से मिल गए थे हार के संकेत
सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 11 बजे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जो बयान दिया उससे ही जयपुर में कांग्रेस की हार के संकेत मिल गए थे। जोशी ने कहा था कि बीजेपी अब जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में भी हॉर्स ट्रेडिंग करने लगी है। हम ऐसी ताकतों को करारा जवाब देंगे। हॉर्स ट्रेडिंग में सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ माहिर हैं, लेकिन उनकी चाल कामयाब नहीं होगी। सरकार में होने के बावजूद इस तरह के बयान को हताशा के तौर पर देखा गया।
रमा देवी कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित
बीजेपी में शामिल होने के बाद रमा देवी को कांग्रेस ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने रमा देवी को पार्टी से निकालने के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी। डोटासरा ने लिखा कि चाकसू से और भी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायतें मिली हैं। उनके खिलाफ भी जांच के बाद एक्शन लिया जाएगा।
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