बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम का असर राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में देखने को मिल रहा है। राज्य में सर्दी आने से पहले बीते 24 घंटे के दौरान कोटा, भरतपुर, जयपुर और अजमेर संभाग के जिलों में तेज बारिश हुई। बारां, करौली जिलों में तो 100 से 150MM के बीच बारिश हुई। वहीं सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी, भीलवाड़ा जिलों में भी 2 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज हुई।
मौसम के इस रूप को देखकर ऐसा लग रहा है मानो आश्विन नहीं बल्कि भादौ का महीना चल रहा हो। बारिश के दौर से जहां रबी की फसल बोने का इंतजार कर रहे किसानों को फायदा है, वहीं उन किसानों को नुकसान भी है, जिन्होंने हाल ही के 4-5 दिन पहले सरसों, चने की फसल बोई है।
जयपुर मौसम विभाग की माने तो बीती रात अजमेर, अलवर, जयपुर, झुंझुनूं, सीकर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भरतपुर, चूरू, करौली, धौलपुर में भी कई जगहों पर अच्छी बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश बारां जिले के किशनगंज में (6 इंच से ज्यादा यानी 158MM) हुई। इसके अलावा करौली जिले के सपोटरा, हिंडौन में भी जबर्दस्त बारिश हुई। कोटा, बारां, सवाई माधोपुर, धौलपुर, करौली, भीलवाड़ा, बूंदी, भरतपुर, प्रतापगढ़, टोंक और अलवर जिले के 50 कस्बों और ग्रामीणों इलाकों में 1 से 3 इंच तक बारिश हुई है। सोमवार को नागौर में भी कई जगह खूब बारिश हुई है। जैसलमेर के आसपास बारिश होने से जिले के ज्यादातर हिस्सों में ठंडक का अहसास होने लगा है।
यहां हुई बारिश
पिछले 24 घंटे के दौरान करौली के सपोटरा में 130MM, हिंडौन में 122, करौली शहर 107, भरतपुर के रूपवास में 82, बारां शहर में 70, मंगरौल में 81, भीलवाड़ा शहर में 53, बिजौलिया में 63, भरतपुर के नगर में 63, कोटा के खातौली 44, सांगोद 59, डिंगोद 33, चेचट 29, सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा 39, खण्डार 58, बौंली 16, मलारना डूंगर 29, गंगापुर सिटी 54, बामनवास 30, बूंदी 48, चित्तौड़गढ़ 20, अलवर के कोटकासिम में 57, कठूमर में 51, जयपुर के नरेना में 42, सांभर में 40, चूरू 2.9, सीकर 6 और उदयपुर में 1.4MM बारिश दर्ज हुई है।
किसानों के लिए यूं फायदेमंद और नुकसानदायक है ये बारिश
फतेहपुर एग्रीकल्चर कॉलेज के डीन प्रो. शीशराम ढाका की मानें तो यह बारिश उन किसानों के लिए नुकसानदायक है, जो खरीफ की फसलों की कटाई कर रहे हैं। इस बारिश से बाजरा, मक्का, मूंग के दाने की क्वालिटी खराब हाे जाएगी। वहीं जिन किसानों ने 4-5 दिन पहले रबी की फसल सरसों, चना की बुवाई की है, उनके लिए भी यह बारिश ठीक नहीं है।
जो किसान रबी की फसल बोने का इंतजार कर रहे हैं उनके लिए यह बारिश के अमृत के समान है। खेतों में नमी होने से बुआई अच्छी होगी। इसके साथ ही कोटा, बारां, बूंदी बेल्ट में जिन किसानों ने बुआई किए 10-15 दिन हो गए, उनके लिए भी यह बारिश फायदेमंद है।
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