राजस्थान सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्कूलों में बच्चों को बुलाने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में स्कूल खोलने पर कोई चर्चा ही नहीं हुई। शिक्षा विभाग ने पहले फेज में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के स्कूल खोलकर क्लासरूम में पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया था। इस प्रस्ताव को फिलहाल रोक दिया गया है। प्रस्ताव फिलहाल शिक्षा विभाग के पास ही है। पहले इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाकर स्कूल खोलने की चर्चा थी, लेकिन अब सरकार ने इरादा बदल दिया है। पहले स्कूल खोलने के प्रस्ताव के पीछे तर्क दिया गया था कि कोरोना कंट्रोल में है और पिछले 15 महीने में 3 महीने छोड़कर स्कूल बंद रहे हैं। सरकार ने एक्सपर्ट की राय के बाद तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्कूल-कॉलेज खोलने पर एक बार आगे के लिए फैसला टाल दिया।
प्रदेश में कोरोना कंट्रोल में आने के बाद बाजार सहित ज्यादातर गतिविधियां अनलॉक हो चुकी हैं। स्कूल, कॉलेज और कोचिंग अप्रैल से बंद हैं। सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं को भी टाल दिया था और बिना परीक्षा लिए ही अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया था। अब स्कूल अनलॉक होने का इंतजार है।
20 जुलाई बाद रिव्यू कर सकती है सरकार
स्कूल-कॉलेजों में ऑफलाइन पढ़ाई शुरू कराने पर सरकार अभी फैसला नहीं करेगी। 20 जुलाई के बाद सरकार एक बार रिव्यू कर सकती है। इस रिव्यू के बाद ही फैसला होगा।
ऑनलाइन क्लास हर स्टूडेंट की पहुंच में नहीं
कोरोना काल में स्कूलों में वर्चुअल क्लास के जरिए पढ़ाई हो रही है, लेकिन दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट स्पीड नहीं मिलने से परेशानी हो रही है। गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले बच्चों के पास लैपटॉप, स्मार्टफोन नहीं है। इसकी वजह से भी बहुत से बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है, लेकिन सरकारी स्कूलों में बहुत कम यह सुविधा है।
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