राजस्थान में 4 नवंबर से कड़ाके की ठंड पड़ेगी। उत्तरी भारत में एक नवंबर से एक्टिव होने वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण कश्मीर-हिमाचल में बारिश-बर्फबारी होगी, जो अगले महीने कुछ दिन तक जारी रहेगी। इससे राज्य के तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आएगी। कुछ शहरों में तापमान 10 डिग्री से भी नीचे जाने की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तरी भारत में एक के बाद एक दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस अगले महीने के पहले और दूसरे सप्ताह में आएंगे। इसमें दूसरा सिस्टम ज्यादा प्रभावशाली होगा, जिसका असर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तरी प्रदेश तक देखने को मिलेगा। इस सिस्टम से पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी के साथ बारिश भी होगी।
इससे राजस्थान में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरेगा, जिससे कई शहरों में पारा 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इस दौरान उत्तरी राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, अलवर, सीकर में सर्द हवा भी चल सकती है। इसके अलावा यहां सुबह-शाम कोहरा भी छा सकता है।
सीकर में 4 डिग्री सेल्सियस गिरा तापमान
राज्य में पिछले दो दिन से तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। राज्य में आज सबसे कम तापमान सीकर जिले में 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। पिछले 24 घंटे के अंदर यहां न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरा है। इसके अलावा चूरू, जयपुर, जोधपुर, टोंक में भी तापमान में गिरावट हुई।
दिसंबर में माइनस में जा सकता है तापमान
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इस बार जल्दी सर्दी आने के पीछे कारण समय से पहले उत्तरी भारत के कई हिस्सों में हुई बर्फबारी है। अक्टूबर के शुरुआती समय में उत्तरी भारत में बर्फबारी इस बात के संकेत है कि नवंबर में कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है। तेज सर्दी का ये दौर जनवरी के तीसरे सप्ताह तक जारी रहता है। इसके अलावा दिसंबर के पहले सप्ताह तक माउंट आबू जैसे शहरों में तापमान माइनस में जा सकता है, जो अमूमन दिसंबर के तीसरे सप्ताह में होता है। मौसम का ये ट्रेंड बता रहा है कि इस साल सर्दी के दिन 100 से बढ़कर 120 हो सकते हैं।
राजस्थान में पारा क्यों जाता है माइनस में
पारा माइनस में जाने के पीछे बड़ा कारण राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां, यहां का सोइल नेचर (मिट्टी की प्रकृति) और कम मॉइश्चर (नमी) है। राजस्थान में मॉइश्चर बहुत कम है और ज्यादातर इलाके मैदानी और खुले हैं। इसके अलावा सोइल नेचर बहुत अलग है।
यहां की जमीन जितनी जल्दी गर्म होती है, उतनी ही जल्दी ठंडी होती है। इस कारण यहां जमीन स्तर पर तापमान माइनस में चला जाता है और बर्फ जम जाती है। अगर जमीन के आसपास मॉइश्चर अच्छा हो तो बर्फ जमने जैसी स्थिति बहुत कम रहे।
प्रदेश के प्रमुख शहरों का तापमान
शहर | अधिकतम | न्यूनतम |
अजमेर | 34.6 | 18.1 |
भीलवाड़ा | 34 | 15 |
जयपुर | 33.8 | 18.8 |
पिलानी (झुंझुनूं) | 36.3 | 15.5 |
सीकर | 33 | 10.5 |
कोटा | 35.2 | 18.3 |
उदयपुर | 33 | 16 |
बाड़मेर | 35.7 | 23.3 |
जैसलमेर | 35.5 | 21.1 |
जोधपुर | 36 | 18.2 |
बीकानेर | 35.1 | 17 |
चूरू | 35.5 | 13.5 |
गंगानगर | 34.1 | 16.7 |
धौलपुर | 35.6 | 17.6 |
नागौर | 35.6 | 15.4 |
टोंक | 35.9 | 16.5 |
बूंदी | 34.2 | 18.5 |
चित्तौड़गढ़ | 33.7 | 14.5 |
हनुमानगढ़ | 34.2 | 11.9 |
जालोर | 36.8 | 16.8 |
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