सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव की जनसभा के दौरान कांग्रेस पार्टी से दो बड़े नेता राजकुमार रिणवां और जयदीप डूडी बीजेपी में शामिल हो गए। रिणवां पिछली वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। जबकि डूडी पूर्व संसदीय सचिव रहे हैं। राजकुमार रिणवां की कांग्रेस से बीजेपी में घर वापसी हुई है। पिछले विधानसभा चुनाव में चूरू के रतनगढ़ से विधानसभा टिकट कटने पर नाराज होकर रिणवां ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था।
जयदीप डूडी ने कहा- गहलोत और पायलट की आपसी लड़ाई में कांग्रेस उलझकर रह गई है। इससे क्षेत्र के किसानों और आम जनता का बड़ा नुकसान पिछले 4 साल में हुआ है। इसलिए मैं बीजेपी में आया हूं। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मंच से कहा- अभी भी भरोसा नहीं है प्रदेश की गहलोत सरकार की जिन्दगी कितनी बची है।
अब गहलोत मौजूदा सरकार के 4 साल होने पर फिर से बीजेपी में शामिल होकर रिणवां ने सियासी मैसेज भी दे दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य और पूर्व संसदीय सचिव जयदीप डूडी ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी का दुपट्टा पहन लिया है। बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने दुपट्टा पहनाकर दोनों नेताओं का बीजेपी पार्टी के परिवार में स्वागत किया।
गहलोत-पायलट की आपसी लड़ाई में उलझी कांग्रेस
जयदीप डूडी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा मैं पूर्व में भादरा से विधायक रह चुका हूँ। पंचायत समिति प्रधान भी रहा। मेरे पिता चौधरी लालचंद डूडी भैरोंसिंह सरकार में दो बार मंत्री रहे। मेरा विधानसभा क्षेत्र हनुमानगढ़ जिले में है और लोकसभा क्षेत्र चूरू लगता है। नोहर-भादरा चूरू लोकसभा में आते हैं। कांग्रेस में सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की आपसी लड़ाई में पार्टी का नुकसान हुआ है। मैं इनकी आपसी लड़ाई में किसी ग्रुप के साथ नहीं था। मेरा सीधा हिसाब है, भादरा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिछले 4 चार साल में उपेक्षा हुई है।
कांग्रेस आपसी लड़ाई में उलझी रही। भादरा क्षेत्र में ना सिंचाई का पूरा पानी किसानों को मिला। ना सरकार ने पेयजल, स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान दिया। 2008 से पहले तक मैं बीजेपी में रहा। मेरे पिता भी बीजेपी में सीनियर लीडर रहे। लेकिन 2008 में मुझे बीजेपी ने सिम्बल दे दिया। फिर हरियाणा की इनेलो पार्टी से समझौते के तहत मेरा टिकट काट दिया गया। इनेलो को सीट दे दी। मैं निर्दलीय चुनाव लड़कर जीता।
असली परीक्षा युद्ध मैदान में होगी, सरदारशहर उपचुनाव से बहुत चीजें जुड़ी हुई हैं
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कार्यक्रम के मंच से कहा-आज दो काम होने थे। राजकुमार रिणवां की घरवापसी और जयदीप डूडी की पार्टी में जॉइनिंग का काम। अब इसमें केवल राजकुमार रिणवां की जॉइनिंग और जयदीप डूडी का काम हो गया हो ऐसा नहीं है। इन दोनों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है। आप जनता-कार्यकर्ताओं ने बहुत उत्साह से इनके लिए ताली भी बजाई और समर्थन भी जताया। लेकिन इनकी असली परीक्षा युद्ध के मैदान में होगी। सरदारशहर उपचुनाव से बहुत सारी चीजें जुड़ी हुई हैं। मेरे से पहले सब लोगों ने किसानों की तकलीफ, बेरोजगारी, अपराध, मेडिकल एंड हेल्थ, सड़क, बिजली,पानी सब तकलीफों की बात कही है।
अगली फिल्म का नाम- 'हम तो डूबेंगे सनम,तुमको भी ले डूबेंगे'
पूनिया बोले- ये भी सही है अभी भी भरोसा नहीं है सरकार की जिन्दगी कितनी है। अभी तो अशोक गहलोत की फिल्म का नाम है- गद्दार कौन। मुझे पत्रकारों ने पूछा अगली फिल्म का नाम क्या होगा। मैंने कहा ऐसा लग रहा है अगली फिल्म का नाम होगा- 'हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे।' जब पार्टी और सरकार डूबने वाली हो तो सरदारशहर की जनता डूबने वाले जहाज में क्यों सवार होगी? चर्चा जरूर चलती है कि सहानुभूति है। लेकिन मुझे लगता है कि सरदारशहर की जनता इस बार बदलाव चाहती है। परिवारवाद से भी मुक्ति चाहती है। कांग्रेस के नारे, नीति, नीयत से भी मुक्ति चाहती है। सरदारशहर के किसी गरीब का घर रोशन हुआ, तो मोदीजी की नीतियों का कारण हुआ है। कांग्रेस के कारण नहीं हुआ।
मेरे मन में शंका थी विधायक अभिनेष महर्षि मना करेंगे
पूनिया ने कहा-मुझे खुशी हुई जब राजकुमार रिणवां की वापसी की बात हुई। पार्टी के विधायक के नाते मैंने अभिनेष महर्षि को फोन करके पूछा, सोचा उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी। मेरे मन में शंका थी कि अभिनेष जी मना करेंगे। अभिनेषजी ने कहा-भाईसाहब पार्टी को फैसला करना है, मुझे कोई ऐतराज नहीं है।
दोनों नेताओं की बीजेपी में जॉइनिंग के सियासी मायने
राजकुमार रिणवां और जयदीप डूडी दोनों ने बीजेपी का रुख इसलिए किया है क्योंकि इन्हें कांग्रेस पार्टी में सियासी तौर पर कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस पार्टी में गहलोत और पायलट खेमे की लड़ाई लगातार जारी है। अगले साल विधानसभा चुनाव-2023 के टिकट पर इन दोनों नेताओं की नजर है। राजकुमार रिणवां चूरू में रतनगढ़ या सरदारशहर सीट और जयदीप डूडी हनुमानगढ़ के भादरा से टिकट के लिए मजबूती से दावेदारी करेंगे। बीजेपी को सरदारशहर के मौजूदा विधानसभा उपचुनाव में ब्राह्मण और जाट समाज के चेहरों की जरूरत थी। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी अपने भाषण में यह बात भी इशारों में साफ कर दी है कि भविष्य में बहुत सी बातें सरदार शहर उपचुनाव के नतीजों पर निर्भर करेंगी। ये दोनों नेता अब ब्राह्मण और जाट वोटर्स से बीजेपी उम्मीदवार अशोक कुमार पिंचा के पक्ष में वोटिंग के लिए अपील करेंगे। दोनों को सरदारशहर उपचुनाव में विशेष जिम्मेदारी के साथ लगाया जा रहा है।
कई दूसरे नेताओं की घर वापसी और बीजेपी में जॉइनिंग पेंडिंग
राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में नेताओं की घर-वापसी का दौर शुरू हो गया है। राजकुमार रिणवां और जयदीप डूडी से पहले घनश्याम तिवाड़ी को बीजेपी घर वापसी करवा कर राज्यसभा पहुंचा चुकी है। पिछले दिनों पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे, पूर्व विधायक जगत सिंह, किशनाराम नाई की भी बीजेपी में घर वापसी हो चुकी है। लेकिन पूर्व मंत्री रहे देवी सिंह भाटी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रहे सुभाष महरिया, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र गोयल और पूर्व विधायक विजय बंसल समेत कई चेहरे अभी भी बीजेपी की राह देख रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल-विधायक वासुदेव देवनानी जॉइनिंग कमेटी में हैं
बीजेपी जॉइनिंग कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के अलावा विधायक वासुदेव देवनानी शामिल हैं। यह कमेटी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से राय-मशविरा करने के बाद ही यह तय कर रही है कि कोई नेता बीजेपी में शामिल होगा या नहीं। इसके ऊपर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और हाईकमान ही किसी नेता की जॉइनिंग पर फैसला लेने की पावर रखते हैं।
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आम बोल चाल में कहा जाता है- आज है, उसका राज है। यह बात जितनी सामान्य लगती है उतनी ही गहरी है। सत्ता की राजनीति करने वालों से ज्यादा भला इस बात को कौन समझेगा? पूर्वी राजस्थान के एक कद्दावर नेता को इसका हाल ही अहसास हुआ। (पूरी खबर पढ़ें)
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