भाजपा हर बार सचिन पायलट के बचाव में क्यों उतरती है? क्या वे पार्टी में आ रहे हैं?
भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ लंपी, लॉ एंड ऑर्डर व कांग्रेस के मामलों को लेकर सरकार के खिलाफ मुखर हैं, वहीं उन पर भी मंत्री हमला कर रहे हैं। भास्कर के न्यूज एडिटर आलोक खंडेलवाल की उनसे सीधी बात।
मंत्री चांदना आपको टारगेट कर रहे हैं, गुर्जर आंदोलन में मारे गए लोगों का मुद्दा उठा रहे हैं।
वो समय गया और उसके बाद राजस्थान में तीन चुनाव हो चुके। इन मुद्दों को उठाकर कांग्रेस ने कई बार एक समाज को भटकाने की कोशिश की। कांग्रेस कामयाब नहीं हो पाई। अब एक गुस्सा कांग्रेस के नेतृत्व और सरकार के प्रति है। उनके नेताओं काे राजनीति का शिकार बनाया गया। इसलिए यह अचानक होने वाला रिएक्शन था।
भाजपा सचिन पायलट को बचाने के मूड में क्यों रहती है, क्या कोई पैक्ट है?
यह राजस्थान की संस्कृति की बात है। अपने ही सहयोगी को नाकारा, नालायक जैसे शब्द बोलते हैं, तब हम कहते हैं। कांग्रेस पूरे देश से सिमटती जा रही है। हर माह कांग्रेस के मजबूत लोग जहाज से उतर रहे हैं। इसलिए संभावना कुछ भी हो सकती है। पर सचिन पायलट जी की अपनी एक पार्टी है, उनका अपना एक विचार है। भाजपा एक विचारों का समुद्र है, जिसमें अलग-अलग विचारों के लोग भी आते हैं जो उसी के होकर रह जाते हैं।
आप लंपी पर चुप क्याें हैं? गाय मुद्दा रहा है?
जुलाई में लंपी आई, सरकार मौन रही। कोर्ट के आदेश पर तो एडवाइजरी जारी की। आज अस्पतालों मंे डॉक्टर नहीं है, दवा नहीं खरीदी गई। अब कॉन्फैड में दवा खरीद में भ्रष्टाचार चल रहा है। यह आपदा में भ्रष्टाचार का मुद्दा है।
केंद्र इसे महामारी घोषित क्यों नहीं कर रहा?
राज्य में आज महामारी घोषित है तो लंपी पर राज्य सरकार क्यों नहीं कर रही। एनिमल डिजीज एक्ट के प्रावधान भी सरकार लागू कर दे तो काफी राहत मिल सकती है।
राज्यपाल को बाइपास करना गलत नहीं?
मैंने पहला मौका देखा है, जब सात माह होने को आ रहे अब तक सत्रावसान नहीं हुआ। इसके लिए संसदीय कार्य मंत्री को फाइल राज्यपाल को भेजनी होती है, जो उन्होंने भेजी नहीं। हमें प्रश्न पूछने का मौका देना चाहिए था?
क्या भाजपा में यात्रा पॉलिटिक्स चल रही है?
प्रदेशाध्यक्ष जी धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति हैं। वे किसी मनौती को पूरा करने के लिए रामदेवरा की यात्रा पर जाते हैं तो इसे पॉलिटिक्स के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। दूसरी ओर वसुंधरा जी हमारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वे भाजपा को मजबूत करने का काम कर रही हैं।
भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है, क्या बदलाव होगा?
हमारी पार्टी में चुनाव की एक पारदर्शी प्रणाली है। हमारे यहां प्रदेशाध्यक्ष से राष्ट्रीय अध्यक्ष और बूथ कमेटी तक के चुनाव की प्रक्रिया है। अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, अनुमान नहीं लगा सकते। हमारे प्रदेशाध्यक्ष ने अपना कार्यकाल अच्छे तरीके से पूरा किया है। अब आगे का फैसला हमारी पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.