सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक करने के मास्टरमाइंड भूपेन्द्र सारण को जयपुर जेडीए ने अब एक और नोटिस दिया गया है।
सारण के अलावा जेडीए ने जिस बिल्डिंग में अधिगम कोचिंग सेंटर चल रहा था, उस भवन के मालिक अनिल अग्रवाल को भी नोटिस भेजा है। दोनों को करीब 28 लाख रुपए का बिल थमाया गया है, जिसमें से अग्रवाल ने 9.24 लाख रुपए की राशि जेडीए में जमा करवा दी।
सारण को मकान तोड़ने पर हुए खर्च की राशि देने के लिए कहा है। खर्च की राशि 7 दिन में जमा करवानी होगी। पैसा जमा नहीं करवाने पर जेडीए ने कानूनी कर्रवाई की चेतावनी दी है।
जेडीए के मुख्य प्रवर्तन नियंत्रक रघुवीर सैनी ने बताया- जेडीए एक्ट में प्रावधान है कि अगर कोई अवैध निर्माण जेडीए की ओर से हटाया जाता है तो उसे हटाने पर खर्च होने वाली राशि अवैध निर्माणकर्ता से वसूली जाए। इसी के तहत ये नोटिस जारी किए गए है।
बता दें कि 9 जनवरी को जेडीए ने पेपर लीक के मास्टरमाइंड भूपेन्द्र सारण, सुरेश ढाका के कोचिंग इंस्टीट्यूट अधिगम पर कार्रवाई की थी। जिस बिल्डिंग में कोचिंग संचालित थी, उसे गिरा दिया था। ये बिल्डिंग बिना जेडीए की अनुमति के आवासीय भूखंड पर बनी थी। इसके बाद जेडीए ने 13 जनवरी भूपेन्द्र सारण के अजमेर रोड रजनी विहार स्थित मकान को तोड़ने की कार्रवाई की थी।
सारण का घर तोड़ने पर जेडीए के लगे 19.11 लाख रुपए
जेडीए की ओर से जो नोटिस जारी किया है। उसमें अजमेर रोड रजनी विहार स्थित घर का अवैध हिस्सा तोड़ा़ गया। उसका मलबा हटवाया गया।
इसके तहत तीन दिन चली कार्रवाई के दौरान तमाम लेबर, मशीनरी और जाब्ते में तैनात हुए तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतनमान को जोड़कर 19 लाख 11 हजार 355 रुपए का खर्चा आया।
इस राशि को जमा करवाने के लिए अब जेडीए ने भूपेन्द्र सारण और उसके भाई गोपाल सारण के नाम नोटिस जारी किया है।
कोचिंग मालिक को देने होंगे 9.24 लाख रुपए
इधर, गुर्जर की थड़ी पर अधिगम कोचिंग की बिल्डिंग पर भी बुलडोजर चला था। उस पर हुए खर्च का पैसा वसूलने के लिए जेडीए ने बिल्डिंग मालिक को अनिल अग्रवाल को नोटिस थमाया है।
इस बिल्डिंग को गिराने और यहां से मलबा हटाने पर जेडीए का करीब 9 लाख 23 हजार 905 रुपए का खर्चा आया है। इसका बिल बनाकर जेडीए ने अग्रवाल को भिजवाया था, जिसे अग्रवाल ने जमा करवा दिया।
तीसरी बिल्डिंग के मालिक को भी भेजा डिमांड लेटर
अधिगम कोचिंग इंस्टीट्यूट के पास ही बनी एक नई अवैध बिल्डिंग जिसे जेडीए ने 20 और 21 जनवरी को तोड़ा था। ये बिल्डिंग सुख विहार योजना में गुर्जर की थड़ी के पास मैन गोपालपुरा बाइपास पर बनी थी। 5 मंजिला इस बिल्डिंग को तोड़ने पर जेडीए को कुल 10 लाख 24 हजार 512 रुपए खर्च करने पड़े। इस खर्चे का डिमांड लेटर आज इस बिल्डिंग के ऑनर श्रीमति राजकुमारी यादव पत्नी कपूर चंद यादव को भेजा है। इसे भी जेडीए ने 7 दिन में राशि जमा करवाने का समय दिया है।
कौन है भूपेंद्र सारण
भूपेंद्र सारण साल 2011 में जीएनएम भर्ती पेपर आउट प्रकरण और वर्ष 2022 में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में भी शामिल था। जेल भी जा चुका हे। पुलिस जयपुर से भूपेंद्र सारण की गर्लफ्रेंड और पत्नी को गिरफ्तार कर चुकी है।
3 फ्लोर का लग्जरी विला, कमर्शियल लैंड
भूपेंद्र सारण के रजनी विहार में जब पुलिस ने दबिश दी तो 4 यूनिवर्सिटी की 22 मार्कशीट मिली। हर एक डिग्री में एक से डेढ़ लाख रुपए की कमाई होती थी।
भूपेंद्र ने फर्जी डिग्रियां और भर्ती परीक्षाओं के पेपर आउट करवा कर करोड़ों की प्रॉपर्टी बना ली थी।
उसने रजनी विहार में तीन मंजिला लग्जरी मकान बना रखा है। जिसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा है।
भूपेंद्र ने अगस्त में बगरू विस्तार औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट नंबर 197 डेढ़ करोड़ में खरीदा। 1500 वर्ग मीटर का है। यह प्लॉट भूपेंद्र ने अपने परिवार के लोगों के नाम खरीदा।
कोचिंग सेंटर को बना रखा था कंट्रोल रूम
सुरेश ढाका ने चित्रकूट स्थित अपने घर और गुर्जर की थड़ी पर स्थित अधिगम कोचिंग सेंटर को कंट्रोल रूम बना रखा था।
24 दिसंबर को पेपर वाले दिन यहां से सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण प्लानिंग कर सुरेश बिश्नोई को डायरेक्शन दे रहे थे।
सुरेश बिश्नोई उनकी डायरेक्शन पर लीक पेपर के साथ स्टूडेंट्स को बताकर बस में एग्जाम सेंटर ले जा रहा था।
सुरेश और भूपेंद्र ने पूरे काम पर नजर रखने के लिए बस में जीपीएस तक लगवाया था। उदयपुर पुलिस ने 24 दिसंबर सुबह सवा तीन बजे बस में सवार स्टूडेंट्स और सुरेश बिश्नोई व भजनलाल बिश्नोई को पकड़ लिया था।
29 दिसंबर को क्रॉस किया था बॉर्डर
काॅन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसओजी भूपेंद्र सारण की तलाश कर रही थी। इससे पहले भी भूपेंद्र सारण के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के कारण उसका पासपोर्ट नहीं बन पाया था। ऐसे में सुरेश ढाका और भूपेंद्र फ्लाइट से दुबई नहीं जा सकते थे। ऐसे में उन्होंने सड़क के रास्ते से थाईलैंड जाने की प्लानिंग शुरू कर दी। नेपाल में चार दिन रहने के बाद वे 29 दिसंबर को सड़क के रास्ते से बॉर्डर क्रॉस कर थाईलैंड के लिए रवाना हो गए।
सुरेश ढाका की नेपाल और बांग्लादेश के कई तस्करों से जान पहचान थी। सुरेश ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े लोगों को बॉर्डर पार कराने वाले से कांटैक्ट किया।
इसके बाद वे बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार होते हुए थाईलैंड पहुंच गए। थाईलैंड पहुंचते ही दोनों आरोपियों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों से वीडियो कॉल पर बात भी की। नए साल में दोनों आरोपी थाईलैंड पहुंच गए।
ये है मामला
राजस्थान में 24 नवंबर को सीनियर टीचर भर्ती के जीके का पेपर होना था। एग्जाम शुरू होने से पहले ही परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। उदयपुर में 40 स्टूडेंट्स बस में पेपर सॉल्व करते पकड़े गए थे।
इसे लेकर अजमेर, उदयपुर, अलवर समेत राज्यभर में छात्रों ने हंगामा और प्रदर्शन किया। इसके बाद आनन-फानन में सुबह नौ बजे एग्जाम शुरू होने से ठीक पहले पेपर कैंसिल कर दिया गया। इस मामले में अब तक 55 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
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सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के मकान पर आज जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने बुलडोजर चला दिया। दोपहर सवा चार बजे मकान के आगे के हिस्से पर सबसे पहले बुलडोजर चला। मकान के आगे के 15 फीट हिस्से को ढहाया गया। आज शाम 6 बजे तक तोड़फोड़ की कार्रवाई चली। (पूरी खबर पढ़ें)
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