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राजस्थान यूनिवर्सिटी ने 2020- 21 सेशन से ही सभी कोर्सेज में करीब 30 प्रतिशत बदलाव करने का निर्णय लिया था। लेकिन प्लानिंग अधूरी रह गई है। लंबे समय से कोर्स अपडेट नही हुए हैं। यूनिवर्सिटी में हुई डीन कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। ताकि बदलते दाैर के साथ छात्र- छात्राओं काे थ्योरी के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी मिले। इसके तहत हर विषय में प्रेक्टिकल आस्पेक्ट्स जाेडे जाएंगे। जिससे रट्टा मारने की प्रक्रिया भी कम हाेगी। काेर्स में बदलाव का खाका तैयार हाेने के बाद बाेर्ड अाॅफ स्टडीज में जाएगा। वहां से यह एकेडमिक काउंसिल और सिंडिकेट में पास हाेने के बाद लागू हाेगा। लेकिन बात नही बनी।
परीक्षा पद्धति में भी होना था बदलाव
राजस्थान यूनिवर्सिटी में स्नातक स्तर पर ऑनर्स पाठ्यक्रम की परीक्षा वार्षिक पद्धति से हाेती है, लेकिन यूनिवर्सिटी इसे भी सत्र 2020-21 से सेमेस्टर पद्धति कराने की प्लानिंग कर रही थी। फिलहाल स्नातकोत्तर विषयों में सेमेस्टर पद्धति लागू है। डीन कमेटी की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि सभी संकायों के डीन अपने संकाय के अंतर्गत अध्ययन मंडल/ पाठ्यक्रम समिति के संयोजकों की बैठक विभागाध्यक्ष के साथ करके सभी प्रस्तावों की पालना करवाएंगे। यूनिवर्सिटी का कहना है कि कोरोना की वजह से यह बदलाव नही कर पाए।
लॉ के स्टूडेंट्स को देखने को मिला नुकसान
हाल ही एलएलएम में एडमिशन के दौरान एलएलबी के स्टूडेंट्स के साथ नुकसान देखने को मिला। पर्सेंटेज बेस्ड सिस्टम से एडमिशन किये गए। सेमेस्टर सिस्टम के बीए एलएलबी के स्टूडेंट्स का नंबर आया लेकिन एनुअल स्किम के एलएलबी के स्टूडेंट्स पीछे रह गए।
पॉजिटिव- आप प्रत्येक कार्य को उचित तथा सुचारु रूप से करने में सक्षम रहेंगे। सिर्फ कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूपरेखा अवश्य बना लें। आपके इन गुणों की वजह से आज आपको कोई विशेष उपलब्धि भी हासिल होगी।...
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