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राजस्थान यूनिवर्सिटी ने इस बार एलएलएम में एडमिशन के लिए जो पर्सेंटेज बेस्ड सिस्टम अपनाया है, वह एलएलबी थ्री ईयर के स्टूडेंट्स पर भारी पड़ गया है। एलएलएम में एडमिशन के लिए जो मेरिट लिस्ट निकली, उसमें जनरल की कटऑफ 77.20 % रही है। पहला एडमिशन 96.80 % पर हुआ है।
ऐसे में आरयू के एक भी एलएलबी थ्री ईयर वाले स्टूडेंट का नंबर नहीं आया। यहां तक कि पिछले साल एलएलबी थ्री ईयर में टॉप करने वाला स्टूडेंट भी पहली लिस्ट में नहीं आ पाया। सीटों पर बीए एलएलबी इंटीग्रेटेड कोर्स वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन मिला है। यूनिवर्सिटी ने पर्सेंटेज से एडमिशन तो किए लेकिन स्केलिंग के लिए कोई फार्मूला नही बनाया।
राजस्थान यूनिवर्सिटी में 3 ईयर एलएलबी एनुअल स्कीम में चलती है। वहीं बीए एलएलबी इंटीग्रेटेड कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम है। इसमें लॉ से अलग भी सब्जेक्ट्स होते हैं। ऐसे में सेमेस्टर वाले स्टूडेंट्स की पर्सेंटेज थ्री ईयर वाले स्टूडेंट्स की तुलना में ज्यादा होती है। एलएलबी थ्री ईयर में टॉपर के ही 65% से कम अंक हैं।
^एंट्रेंस एग्जाम से ही यह अंतर दूर होता, लेकिन कोरोना की वजह से सरकार के निर्देश थे कि बिना एंट्रेंस के पर्सेंटेज के आधार पर एडमिशन हो। हम स्केलिंग भी नहीं कर सकते क्योंकि दोनों कोर्स के लॉ ग्रेजुएट हैं। - डॉ. जीएस राजपुरोहित, डीन लॉ
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