भास्कर इंटरव्यूमहाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज जॉइन कर सकते हैं पॉलिटिक्स:बोले- कांग्रेस-भाजपा के नेताओं का प्रेम मिलता है

जयपुर4 महीने पहलेलेखक: स्मित पालीवाल
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मेवाड़ राजघराने के पूर्व सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ राजनीति में आएंगे या नहीं...चुनाव लड़ेंगे तो कब लड़ेंगे....प्रॉपर्टी विवाद क्या है और क्यों है उन्हें कारों का शौक। ये कई सारे सवाल उनके प्रशंसकों के मन में चलते रहते हैं। हालांकि, अलग-अलग मंच और कार्यक्रमों में वे कई सवालों के जवाब तो दे चुके हैं, लेकिन दैनिक भास्कर ने इस बार उनके जीवन और राजनीति से जुड़ी कई बातों को जानने की कोशिश की।

दरअसल, कुछ दिनों पहले लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ जयपुर आए थे। इस दौरान दैनिक भास्कर ने राजनीति में एंट्री को लेकर सवाल किया तो उन्होंने साफ किया कि वे राजनीति में एंट्री जरूर करेंगे। वहीं, प्रॉपर्टी विवाद पर कहना था कि विवाद तो है, लेकिन इस पर नजरें दूसरे लोगों की हैं।

दैनिक भास्कर के विशेष इंटरव्यू में पढ़ें उनके अब तक के सफर के रोचक किस्से...

लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ पिछले कुछ समय से लगातार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ पिछले कुछ समय से लगातार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।

सवाल- राजनीतिक गलियारों में आपकी सक्रिय राजनीति में एंट्री की चर्चाएं चल रही हैं, आप कब राजनीति में एंट्री ले रहे हैं?
जवाब-
मैंने भी इस तरह की चर्चाएं सुनी हैं। जिस पर बेहतर खबर तो आप ही दे पाएंगे। फिलहाल अगर मैं यह कहूं कि मैं राजनीति में एंट्री नहीं ले रहा तो यह गलत होगा, क्योंकि कल को अगर मेरी राजनीति में एंट्री होती है तो मेरी बात गलत हो जाएगी, लेकिन अगर मैं ईमानदारी से कहूं, तो हाल-फिलहाल इस तरह की कोई चर्चा नहीं है।

सवाल- भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के ही राजनेता आपसे मिलते हैं। आप किस पार्टी में जाना पसंद करेंगे?
जवाब-
पसंद-नापसंद वाली कोई बात नहीं है। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे दोनों राजनीतिक दलों के नेता प्यार और आदर देते हैं। इस वजह से इनमें से कोई चुनने वाली बात नहीं है। जैसे कि कोई पूछे कि सफेद रंग पसंद है या काला, ऐसा कोई विषय नहीं है।

लक्ष्यराज सिंह को कविताएं लिखने और पढ़ने का काफी शौक है। प्रसिद्ध कवि शैलेश लोढ़ा लक्ष्यराज सिंह के खास दोस्तों में से एक हैं।
लक्ष्यराज सिंह को कविताएं लिखने और पढ़ने का काफी शौक है। प्रसिद्ध कवि शैलेश लोढ़ा लक्ष्यराज सिंह के खास दोस्तों में से एक हैं।

सवाल- राजनीति में एंट्री के बाद विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या फिर लोकसभा?
जवाब-
विधानसभा या लोकसभा को लेकर अभी हाल-फिलहाल दिमाग में कोई भी विचार नहीं है। अभी अपनी जगह को लेकर, स्थान को लेकर, शहर को लेकर, प्रदेश को लेकर काम कर रहे हैं। हर चीज राजनीतिक हो, या उसके ऊपर राजनीतिक रंग हो, यह जरूरी नहीं है।

हमारे देश में राजनीति के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। कोई भी अगर देश के लिए अपनी सेवा देना चाहता है, या राजनीति करना चाहता है या अपने तरीके से किसी चीज से जुड़ना चाहता है तो उनके पास उसे चुनने की आजादी है। यह आजादी व्यक्ति विशेष या सिर्फ मेरे तक ही सीमित नहीं है। बल्कि देश के हर नागरिक के पास है।

सवाल- आप मेवाड़ राजघराने से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन कहा जाता है कि आपने वेटर की नौकरी भी की है। क्या यह सही है?
जवाब-
हां, यह बिल्कुल ठीक है। जब मैं ऑस्ट्रेलिया में था, तब मैंने बतौर वेटर काम किया था। सिर्फ वेटर ही नहीं और भी क्षेत्रों में मैंने काम किया था। अपने खुद के हाथों से काम करने में खराबी ही क्या है? हर व्यक्ति को करना चाहिए।

मुझे लगता है कि जब तक हम खुद करेंगे नहीं, तब तक हम सीखेंगे नहीं। हमें किसी भी चीज को छोटा नहीं समझना चाहिए। वैसे भी छोटा किसी भी चीज को आदमी केवल दो कारण से ही समझता है। या तो वह किसी चीज को काफी दूर से देख रहा हो, या फिर गुरूर से देख रहा हो।

लक्ष्यराज सिंह एचआरएच होटल ग्रुप के डायरेक्टर हैं। उदयपुर में झील किनारे अर्धचंद्राकार आकार में बनी होटल शिवविलास पैलेस। लक्ष्यराज ऐसी 7 लग्जरी होटल चलाते हैं।
लक्ष्यराज सिंह एचआरएच होटल ग्रुप के डायरेक्टर हैं। उदयपुर में झील किनारे अर्धचंद्राकार आकार में बनी होटल शिवविलास पैलेस। लक्ष्यराज ऐसी 7 लग्जरी होटल चलाते हैं।
ये कमरा उदयपुर के शिवविलास पैलेस होटल का है। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को क्रिकेट खेलना काफी पसंद है।
ये कमरा उदयपुर के शिवविलास पैलेस होटल का है। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को क्रिकेट खेलना काफी पसंद है।

सवाल- क्या आप भी राजा-महाराजाओं की तरह लेविश लाइफ जीते हैं।
जवाब
- जिंदगी को जिंदादिली से जीना चाहिए, मैं वही कर रहा हूं। अपने दोस्तों और परिवार के साथ बैठना वक्त निकालना, अच्छा खाना, अच्छी जगह घूमना, पूरे परिवार को एक बस में लेकर घूमने जाना, अगर यही लेविश लाइफ है तो हां मैं इसे जी रहा हूं।

सिनेमा और दूसरी चीजों ने हमारे जीवन को लेकर जो दृष्टिकोण आम लोगों को दे दिया है, वह बहुत अलग है। वह पूरी तरह सही नहीं है। मेरे लिए जिंदगी एक सफर है, जिसमें आपके साथ कौन है, यह बात सबसे जरूरी है। ऐसे में अगर आप अपने चाहने वालों के साथ हैं तो जिंदगी अपने आप लेविश हो जाती है।

सवाल- 10 से ज्यादा ड्राइवर्स और सैकड़ों कर्मचारियों की टीम आपके पास है, लेकिन आप खुद ड्राइव करते हैं। ऐसा क्यों?
जवाब-
बचपन से ही मुझे ड्राइविंग का काफी शौक था, लेकिन 18 साल का नहीं होने की वजह से पिताजी ने मुझे कार चलाने की इजाजत नहीं दी। जैसे ही 18 साल की उम्र के बाद मुझे पहला मौका मिला कार चलाने का, तब से अब तक मैं लगातार कारें चला रहा हूं। मुझे मशीनरी से काफी लगाव है। मशीनें मुझे बहुत आकर्षित करती हैं। चाहे वह हवाई जहाज हो या फिर आज के जमाने की नई साइकिल, मुझे सब पसंद है। मशीनें मुझे हमेशा प्रेरित करती हैं। इसी वजह से उन्हें चलाना मेरा शौक बन गया है।

लक्ष्यराज सिंह की शादी 21 जनवरी 2014 को ओडिशा के बालांगीर के पूर्व रियासत परिवार की निवृत्ति कुमारी से हुई थी। लक्ष्यराज की 2 बेटियां और एक बेटा है।
लक्ष्यराज सिंह की शादी 21 जनवरी 2014 को ओडिशा के बालांगीर के पूर्व रियासत परिवार की निवृत्ति कुमारी से हुई थी। लक्ष्यराज की 2 बेटियां और एक बेटा है।

सवाल- मेवाड़ राजघराने की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। आखिर किस बात को लेकर विवाद शुरू हुआ?
जवाब-
हां, हमारी संपत्ति को लेकर कुछ विवाद चल रहा है। अदालत में यह मामला विचाराधीन है। ऐसे में इस मामले पर कुछ भी कहना मेरी तरफ से गैर जिम्मेदाराना बात हो जाएगी। जैसे-जैसे फैसला होगा। सभी को पता चलता जाएगा।

परिवार में कुछ समस्याएं चल रही हैं, लेकिन इस सिलसिले को लेकर लोगों की नजर ज्यादा रहती है। पड़ोसी के घर में क्या चल रहा है, यह जानने की दिलचस्पी लोगों को हमेशा ज्यादा रहती है।

सवाल- आपको राजशाही और लोकतांत्रिक व्यवस्था में से क्या ज्यादा बेहतर लगता है?
जवाब-
मुझे पूरी तरह से लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास है। मेवाड़ शुरुआत से ही स्वतंत्रता के लिए अपने कदम ठोस तरीके से आगे बढ़ाता रहा है। स्वतंत्रता के शब्द को जन्म देने वाले ही मेवाड़ के वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप थे। पहली स्वतंत्रता की लड़ाई उन्होंने ही लड़ी थी।

इतिहास में स्वतंत्रता का शब्द उनके नाम के साथ ही लिखा गया था। जब आजाद हिंदुस्तान बन रहा था, उस वक्त भी मेवाड़ ने सबसे पहले कदम आगे बढ़ाए थे।

लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के आराध्य एकलिंग नाथ और भगवान जगन्नाथ हैं। वे अक्सर धार्मिक स्थानों पर मेवाड़ी कपड़ों में नजर आते हैं।
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के आराध्य एकलिंग नाथ और भगवान जगन्नाथ हैं। वे अक्सर धार्मिक स्थानों पर मेवाड़ी कपड़ों में नजर आते हैं।

सवाल- आपका परिवार क्या चाहता है, आप राजनीति में जाएं या फिर अपनी विरासत को संभालेंगे?
जवाब-
परिवार वाले बस यही चाहते हैं कि मैं जो भी करूं, दिल से करूं। मेरी खुशी हो। उनका मुझ पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने यह जरूर कहा है कि जो घर परिवार की त्याग, तपस्या और बलिदान की जो सोच रही है, मुझे भी उसी सोच पर आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।

सवाल- महाराणा प्रताप के युद्ध के वक्त जयपुर राजघराना उनके खिलाफ था। फिलहाल दीया कुमारी मेवाड़ से ही सांसद है। क्या आप उनके खिलाफ हैं?
जवाब-
आज हम आजाद देश में रह रहे हैं, लेकिन सच किसी के भी कहने या फिर न कहने से नहीं बदलेगा। आज स्थानीय लोगों की मदद होनी चाहिए। उनकी तरक्की होनी चाहिए। चाहे कोई भी करे, मुझे उससे दिक्कत नहीं है। जहां तक इतिहास की बात है, तो वह इंसान के जेहन में होती जरूर है, लेकिन मुझे लगता है कि हमें बेहतरी के लिए मिलजुल कर आगे बढ़ना चाहिए।

लक्ष्यराज सिंह अक्सर अलग-अलग इवेंट में नजर आ जाते हैं। उन्हें उदयपुर की सड़कों पर भी आसानी से देखा जा सकता है।
लक्ष्यराज सिंह अक्सर अलग-अलग इवेंट में नजर आ जाते हैं। उन्हें उदयपुर की सड़कों पर भी आसानी से देखा जा सकता है।

सवाल- बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ लगातार आपकी मुलाकात हो रही है। क्या आप विधानसभा या फिर लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले हैं?
जवाब-
जिन लोगों से मेरी मुलाकात हो रही है। उनसे मेरे रिश्ते काफी पुराने हैं। लेकिन लोगों को अब दिखने लगा है। उसका मैं कुछ नहीं कर सकता। रही बात चुनाव की, तो जो मजा इंतजार में है वह मजा वसले यार में नहीं।

सवाल- प्रसिद्ध एस्ट्रोलॉजर बेजान दारूवाला ने भविष्यवाणी की थी कि आप राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे। इसमें कितनी सच्चाई है?
जवाब-
बिल्कुल, बेजान दारूवाला ने मुझको लेकर इस तरह की भविष्यवाणी की थी। अब वह सही होती है, या नहीं होती है, यह तो वक्त ही बताएगा। क्योंकि कुछ चीजों का जवाब सिर्फ समय देता है। मैं भविष्यवाणी करने योग्य नहीं हूं। ऐसे में उनकी भविष्यवाणी को लेकर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं।

जानें, कौन हैं लक्ष्यराज
लक्ष्यराज सिंह उदयपुर राजघराने के अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे हैं। इन्हें महाराणा प्रताप का वंशज माना जाता है। इनकी पढ़ाई उदयपुर महाराजा मेवाड़ स्कूल, अजमेर के मेयो कॉलेज और मुंबई के जीडी सोमानी स्कूल से पूरी हुई।

इन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ब्लू माउंटेन स्कूल से ग्रेजुएशन पूरा किया। मेवाड़ के पूर्व राजघराने के राजकुमार लक्ष्यराज सिंह एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। राजस्थान में आज भी लोग लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को राजकुमार के नाम से बुलाते हैं।

मेवाड़ राजघराने 28 जनवरी 1985 को जन्मे लक्ष्यराज सिंह की शादी ओडिशा के बालांगीर के पूर्व रियासत परिवार की निवृत्ति कुमारी देव से हुई। 21 जनवरी 2014 को निवृत्ति कुमारी ने उदयपुर शाही सिटी पैलेस में नई बहू के रूप में कदम रखा था।

तब बीते 37 साल बाद पहला मौका था कि उदयपुर राजघराने के परिवार में बहू आई हो। इससे पहले इससे पहले इनके पिता अरविंद सिंह मेवाड़, विजिया राज कुमारी को ब्याह कर लाए थे। लक्ष्यराज सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लक्ष्यराज को 20 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

फोटो में देखिए, लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के कुछ दिलचस्प फोटो...

28 जनवरी को लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का जन्मदिन था, उन्होंने अपने जन्मदिन पर 40 मिनट में 21 हजार 58 पेड़-पौधों के बीज बोकर गिनीज बुक रिकॉर्ड बनाया।
28 जनवरी को लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का जन्मदिन था, उन्होंने अपने जन्मदिन पर 40 मिनट में 21 हजार 58 पेड़-पौधों के बीज बोकर गिनीज बुक रिकॉर्ड बनाया।
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को खाना बनाना बेहद पसंद है। वे अकसर परिवार व स्टाफ के लिए खाना बनाते हैं।
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को खाना बनाना बेहद पसंद है। वे अकसर परिवार व स्टाफ के लिए खाना बनाते हैं।
लक्ष्यराज को एडवेंचर का भी काफी शौक है। हेलिकॉप्टर राइड के दौरान लक्ष्यराज।
लक्ष्यराज को एडवेंचर का भी काफी शौक है। हेलिकॉप्टर राइड के दौरान लक्ष्यराज।
लक्ष्यराज सिंह को घूमना भी बेहद पसंद है। वे हिस्टोरिकल जगह पर अकसर घूमने जानते हैं, पिछले दिनों वे मिस्र के पिरामिड गए थे।
लक्ष्यराज सिंह को घूमना भी बेहद पसंद है। वे हिस्टोरिकल जगह पर अकसर घूमने जानते हैं, पिछले दिनों वे मिस्र के पिरामिड गए थे।
ट्रैक्टर हो या बाइक, कार हो या बस, वे खुद चलाना पसंद करते हैं।
ट्रैक्टर हो या बाइक, कार हो या बस, वे खुद चलाना पसंद करते हैं।
छोटे ढाबों व होटल पर चाय-नाश्ते का आनंद लेना भी वे काफी पसंद करते हैं।
छोटे ढाबों व होटल पर चाय-नाश्ते का आनंद लेना भी वे काफी पसंद करते हैं।
उदयपुर के अपने महल के बाहर टहलते लक्ष्यराज सिंह मेवाड़।
उदयपुर के अपने महल के बाहर टहलते लक्ष्यराज सिंह मेवाड़।
उदयपुर के अपने महल में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़। उन्हें कविताओं का भी काफी शौक है।
उदयपुर के अपने महल में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़। उन्हें कविताओं का भी काफी शौक है।
अपने महल में मरम्मत के कामों में भी उनकी काफी दिलचस्पी रहती है।
अपने महल में मरम्मत के कामों में भी उनकी काफी दिलचस्पी रहती है।

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शेखावत से बोलीं वसुंधरा- आप मुझे बहुत मिस करते हैं:राठौड़ ने कहा- ये तो बड़ी हिस्टोरिक बात है; पूछा- पोस्टरों में हम छोटे क्यों?

राजस्थान बीजेपी में चेहरों को लेकर तल्खियां जगजाहिर है। पिछले दिनों राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के दौरे के दिन भाजपा के दिग्गज नेता एक जगह जुटे तो हल्के माहौल में इशारों-इशारों में नाराजगी भी जाहिर कर दी। नेताओं की इस हाजिर जवाब वाली बातचीत में गहरे सियासी मैसेज भी थे।

भाजपा दिग्गज नेताओं के बीच हंसी मजाक के माहौल में 10 मिनट तक जो बातचीत हुई, वो भास्कर के कैमरे में रिकॉर्ड हो गई।

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ से अलग अंदाज में बात हुई। शेखावत से वसुंधरा राजे ने कहा- मेरी और राजेंद्र राठौड़ की केमिस्ट्री देखी, इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- मैं ह्यूमैनिटीज का स्टूडेंट रहा हूं, केमिस्ट्री कैसे समझूंगा।

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सभी से मिली, लेकिन वहां खड़े बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से नहीं मिलीं।

वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर और गुलाबचंद कटारिया ने बातचीत में अलग तेवर दिखाए। हंसी-मजाक के माहौल में ही हल्की-फुल्की बातचीत के गहरे सियासे मायने हैं।

पढ़िए पूरी बातचीत… (यहां पढ़ें पूरी खबर)