सीएम अशोक गहलोत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पेश करेंगे। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने गुरुवार को केरल में कहा- हम एक नेता-एक पद का संकल्प निभाएंगे। गहलोत ने भी सीएम पद छोड़ने के संकेत दिए हैं। ऐसे में भास्कर के स्टेट एडिटर (प्रिंट) मुकेश माथुर ने गहलोत से बात की। पढ़िए- पूरा इंटरव्यू...।
सवाल- आप एक व्यक्ति, एक पद पर सहमत हो गए, राजस्थान मुख्यमंत्री का पद त्याग देंगे?
जवाब- जनरली ऐसे शीर्ष पदों की जिम्मेदारी देखते हुए आपको इस नियम का पालन करना पड़ता है। कांग्रेस अध्यक्ष रहे लोग सीएम नहीं रहे हैं।
सवाल- आप कहते हैं राजस्थान से दूर नहीं हो सकते?
जवाब- हां, कभी नहीं। फिर भी यह बड़ा दायित्व मुझे आलाकमान लेने को कहेगा तो आप जानते हैं कि मैं कभी हाईकमान की दी जिम्मेदारी से भागा नहीं हूं। मैं बेहतर तरीके से निभाने का भरसक प्रयास करूंगा।
सवाल- ऐसा आप राजस्थान के सीएम रहते हुए भी कर सकते थे?
जवाब- कांग्रेस को राष्ट्रीय राजनीति में पुनर्स्थापित करना है। इसके लिए बहुत काम करना है। संभवत: इसलिए अध्यक्ष जो भी रहे वे पूरी तरह इसी दायित्व को निभाते रहे। मुझे हाईकमान जिम्मेदारी देगा तो मैं भी पूरी तन्मयता से इसे निभाऊंगा। मैं कह चुका हूं कि पद आते-जाते हैं, जिम्मेदारियां बदलती रहती हैं। राहुल गांधी बिना किसी पद के इस कदर मेहनत कर रहे हैं। पद महत्वपूर्ण नहीं है। पार्टी के लिए काम करना मुद्दा है।
सवाल- राजस्थान में अगले मुख्यमंत्री के कई नाम चल रहे हैं?
जवाब- यह सब नाम मीडिया चलाता है। अरे भई, मीडिया थोड़े ही तय करेगा कि कौन बनेगा? आलाकमान फैसला लेगा। जब-जब किसी भी राज्य में ऐसी परिस्थिति आई है तब ऐसे ही नाम चल पड़ते हैं। मैं तो राज्य में पर्यवेक्षक, प्रभारी रह चूका हूं। अक्सर देखता हूं तरह-तरह के नाम चलते हैं।
सवाल- कहा जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की पैरवी आपने की है?
जवाब- नाम आलाकमान तय करता है, वही करेगा। विधायकों की भावनाओं का सम्मान करते हुए फैसले लिए जाएंगे।
सवाल- जो भी फैसले लिए जाएंगे, उनका असर अगले चुनाव पर पड़ेगा जो बहुत दूर नहीं रह गए है?
जवाब- सारे देश में ऐसे काम नहीं हुए जैसे राजस्थान में हुए हैं। आप चाहे स्वास्थ्य ले लो या शिक्षा। पुरानी पेंशन स्कीम लागू की, जिसे अब सब फॉलो कर रहे हैं। ऐसा कोई सेक्टर बता दो जिसमें अभूतपूर्व काम न हुए हों। इन कामों के बाद अब हमें आगे राजस्थान में सफलता मिलनी चाहिए। यही सबसे महत्वपूर्ण है।
सवाल- अध्यक्ष पद की पहली चुनौती क्या होगी?
जवाब- कांग्रेस का रिवाइवल। शुरुआत भी राजस्थान में जीत से हो सकती है। यह महत्वपूर्ण है। मेरी और सबकी पहली प्राथमिकता राजस्थान में कांग्रेस को फिर से लाना होगा। दूसरी बात, ध्रुवीकरण की राजनीति अब ज्यादा नहीं चलेगी।
गहलोत अध्यक्ष बने तो सीएम पद छोड़ने को तैयार, अब सीपी-सचिन दावेदार
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले 'मैं थां सूं दूर नहीं' कहकर सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए साफ दावेदारी दिखाई थी। अब वे अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। इसलिए तय हो गया है कि गहलोत के अध्यक्ष बनने की स्थिति में देर से ही सही, लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलेगा। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर केरल पहुंचे गहलोत ने भी कहा- इतिहास में कोई कांग्रेस अध्यक्ष सीएम नहीं रहा। इसलिए फैसला करना पड़ेगा । हमारे लिए यह फैसला बहुत नाजुक होगा।
हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि गहलोत राजस्थान की सत्ता किसे सौपेंगे ? पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट या सबसे सीनियर होने के नाते विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को जिम्मेदारी मिलेगी। या विवाद बढ़ने की स्थिति में पंजाब जैसा प्रयोग होगा। इसके लिए लॉबिंग शुरू हो चुकी है। पायलट शुक्रवार को दिल्ली में सोनिया से मिलेंगे। वहीं, राहुल भी शुक्रवार को भारत जोड़ो यात्रा को एक दिन के लिए रोककर दिल्ली आएंगे।
गुजरात चुनाव तक गहलोत सीएम बने रह सकते हैं
गहलोत को सीएम पद छोड़ने के लिए कुछ समय दिया जा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि दिसंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी जिम्मेदारी गहलोत पर है। उन्हें अभी सीएम पद से हटाने के कारण राजस्थान में कोई सियासी घमासान छिड़ता है तो असर गुजरात पर दिख सकता है। गहलोत ने विधायक दल की बैठक में यह संकेत भी दे दिया था कि इस बार अर्ली बजट आएगा। यानी सरकार का अंतिम बजट वे खुद ही पेश करना चाहते हैं। इसके अलावा सीएम पद के लिए 3 विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।
सचिन पायलट
इसलिए बन सकते हैं: मौजूदा विधायकों में राजस्थान का सबसे प्रभारी चेहरा। समर्थकों को भरोसा है कि आलाकमान उन्हें सीएम पद देगा। पहले भी सीएम की रेस में थे।
रूकावट क्या: पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ खुलकर बगावत की थी। इसके बाद उन्हें डिप्टी सीएम और पीसीसी अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया गया था। गहलोत को उनकी इच्छा के विरूद्ध कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान उनकी दोहरी नाराजगी नहीं लेना चाहेगा।
सीपी जोशी
इसलिए बन सकते हैं: पायलट के अलावा सीपी जोशी का नाम चर्चाओं में है। सीपी के पास संगठन व सरकार दोनों का अनुभव सबसे ज्यादा है। पायलट के सामने सबसे मजबूत चेहरा हैं।
रुकावट क्या: पायलट समर्थक इस फैसले के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं।
- सीएम नाम पर यदि विवाद होता है तो कांग्रेस पंजाब की तरह किसी तीसरे चेहरे पर प्रयोग कर सकता है। इस स्थिति में परिणाम पक्ष में नहीं रहे तो 2023 के विधानसभा चुनाव पर सीधा असर आएगा।
इधर पायलट ने शुरू की विधायकों से लॉबिंग
राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार और अशोक गहलोत के पर्चा दाखिल करने की घोषणा के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान में विधायकों से बातचीत शुरू कर दी है। पायलट की नजर राजस्थान में खाली हो रहे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।
सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट ने सभी गुटों के कांग्रेस विधायकों से बात करना शुरू कर दिया है। इनमें वे विधायक भी शामिल हैं, जो कभी उनके कट्टर विरोधी माने जाते रहे। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सचिन पायलट का एक्टिव होकर विधायकों से बात करना नई जिम्मेदारी मिलने के सिग्नल के तौर पर देखा जा रहा है।(पूरी खबर यहां पढ़ें)
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