राजस्थान सरकार के खिलाफ टीचर्स का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। पदोन्नति की मांग को लेकर शिक्षा संकुल में पिछले 10 दिन से धरने पर बैठे टीचर्स ने बुधवार को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान टीचर्स ने विरोध रैली निकाल सरकार से जल्द से जल्द रोकी गई डीपीसी शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आमरण अनशन पर बैठे और सीएम हाउस का घेराव करेंगे।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने पिछले साल अगस्त 2021 में शिक्षा सेवा नियमों में बदलाव किया था। व्याख्याता पदों पर पदोन्नति के लिए यूजी और पीजी समान विषय से होने की अनिवार्यता लागू की गई। इसके विरोध में प्रदेशभर में शिक्षकों ने एक आंदोलन की शुरूआत की। आंदोलन शुरू होने के बाद शिक्षा विभाग ने साल 2021-22 और 2022-23 की डीपीसी पर रोक लगा दी। रोक के बाद कला वर्ग के टीचर्स ने भी आंदोलन का रास्ता अपनाते हुए संशोधित नियमों के साथ ही डीपीसी कर पदोन्नति का लाभ देने की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया है।
शिक्षा संकुल में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे मनोहर सिंह ने बताया कि प्रदेशभर के टीचर्स गर्मियों की छुट्टियों में घर से दूर जयपुर में धरना दे रहे हैं। बावजूद इसके सरकार हमारी वाजिब मांगों को नहीं मान रही है। ऐसे में अगर सरकार ने हमारी मांगों को पूरा नहीं किया। तो स्कूल शुरू होने से पहले ही प्रदेशभर के टीचर्स जयपुर में आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। जिसके लिए सिर्फ सरकार जिम्मेदार होगी।
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