जयपुर एसएमएस अस्पताल में आने वाले दिनों में ऑडिट्री ब्रेनस्टेम इंप्लांट होने जा रहा है। अस्पताल में कॉकलियर इंप्लांट की जगह अब ऑडिट्री ब्रेनस्टेम इप्लांट करने की तैयार की जा रही है। ब्रेन इंप्लांट सफल होता है तो एसएमएस देश में सरकारी अस्पतालों में पहला होगा। अभी तक यह इंप्लांट देश में दिल्ली और चेन्नई के दो अस्पतालों में हो रहा है।
ये दोनों ही प्राइवेट अस्पताल हैं। इसके लिए अस्पताल ने तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी का गठन किया गया है। इसमें न्यूरोसर्जन डॉ. अचल शर्मा, डॉ देवेंद्र पुरोहित और कान-नाक-गला विभाग के आचार्य डॉ. मोहनीश ग्रोवर शामिल हैं। आने वाले दो महीने में इसे पूरी तैयारी के साथ किया जाएगा।
11 वर्षीय अनु के कॉकलियर में हड्डी बनी, ऑडिट्री ब्रेनस्टेम इंप्लांट से लगेगी बोलने-सुनने की मशीनदौसा के नांगल बेरसी हाल में जामडोली निवासी 11 साल अनु बोल और सुन नहीं सकती। बच्ची के कॉकलियर के अंदर हड्डी बन जाने की वजह से कॉकलियर इंप्लांट संभव नहीं है। अब ऑडिट्री ब्रेनस्टेम इप्लांट किया जाएगा।
यानी ब्रेन में बोलने और सुनने वाली मशीन लगाई जाएगी। ऑडिट्री ब्रेनस्टेम इप्लांट दिल्ली और चेन्नई के प्राइवेट अस्पताल में कर रहे डॉक्टर की मदद ली जाएगी। प्राइवेट अस्पतालों में करीब 20 लाख रुपए खर्च हो जाते हैं। एसएमएस में 12 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से राशि स्वीकृति के लिए विधायक रफीक खान, शहर कांग्रेस कमेटी के महासचिव और अस्पताल ने सीएम को पत्र लिखा है।
बच्ची में कॉकलियर इंप्लांट नहीं हाे सकता। ऑडिट्री ब्रेनस्टेम इंप्लांट करने का विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सहायता काेष से राशि मिलने के बाद ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रक्रिया काे डाॅ. मोहनीश ग्रोवर देख रहे हैं।
- डाॅ. अचल शर्मा, हैड, न्यूराेसर्जरी
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