जयपुर का पूर्व राजपरिवार एक बार फिर से प्रॉपर्टी विवाद को लेकर चर्चा में है। पूर्व राजपरिवार की 100 करोड़ रुपए की संपत्ति को फर्जी दस्तावेजों से 20 करोड़ रुपए में बेचने का मामला सामने आया है। जमीन के पहले फर्जी दस्तावेज बनाए गए। इसके बाद उसका 20 करोड़ रुपए में सौदा कर दिया। प्रॉपर्टी का मामला पहले से कोर्ट में विचाराधीन है। जयपुर राजघराने की राजमाता पद्मिनी देवी, सांसद व राजकुमारी दीया कुमारी व पद्मनाभ सिंह की ओर से केयरटेकर ठाकुर नारायण सिंह ने बनीपार्क थाने में रिपोर्ट दी है।
पूर्व महाराजा सवाई भवानी सिंह के स्वामित्व की खसरा नंबर 428 गांव हथरोई में थी। 16 अप्रैल 2011 को उनकी मृत्यु के बाद संपत्ति पर राजमाता पद्मिनी देवी, दीया कुमारी व पद्मनाभ सिंह का अधिकार हो गया था। राजपरिवार की हथरोई गांव में करीब 100 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
पिता और पत्नी के साथ मिलकर रचा षड़यंत्र
ठाकुर नारायण सिंह का कहना है कि राव चंद्रपाल सिंह ने अपने बेटे हरेंद्रपाल सिंह के नाम जमीन फर्जी दस्तावेज के आधार पर कर दी। फिर हरेंद्रपाल ने अपनी पत्नी रूपलता कुमारी और बेटे उदयजीत और अभिषेक विजय के साथ मिलकर रियल एस्टेट फर्म के मालिक आशीष अग्रवाल को बेच दी। उनका कहना है कि प्रॉपर्टी के बारे में आशीष अग्रवाल को भी पूरी जानकारी है कि हरेंद्रपाल सिंह ने फर्जी दस्तावेजों से प्रॉपर्टी को बेचा है। इसके बावजूद प्रॉपर्टी की डील कर खरीद ली।
राजपरिवार की ओर से पहले भी प्रॉपर्टी को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। तब हरेंद्रपाल सिंह ने पिता राव चंद्रपाल सिंह के साथ मिलकर हड़पने का प्रयास किया था। प्रॉपर्टी को लेकर मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है। राजपरिवार को जैसे ही प्रॉपर्टी के फर्जी तरीके से बेचने का पता लगा तो बनीपार्क में मामला दर्ज कराया।
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