प्रदेश में रबी फसल पर गिरे ‘पाला’ व शीत लहर से हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी ऑनलााइन ‘राजस्व अधिकारी एप’ से होगी। पटवारी अपना मोबाइल या टेबलेट लेकर किसान के खेत पर जाएंगे और वहां पर फसल के खराबा का आंकलन कर एप पर डाटा भरेंगे। ताकि गिरदावरी का काम पूरा हो सके। पटवारी एप में खसरा नंबर, खाता नंबर, खेत में बोयी गई फसल व किस्म, किसान व नुकसान की जानकारी देंगे।
जरूरत पड़ने पर पटवारी खेत में खराब हुई फसल की फोटो लेंगे। इस साल 11075.52 हजार हेक्टेयर जमीन में गेहू, जौ, सरसों, चना, तारामीरा की रबी फसल की बुआई हुई है। इस रिपोर्ट के आधार पर किसानों को फसल खराबा का मुआवजा राशि व फसल बीमा क्लेम दिया जाएगा।
दूरदराज इलाकों में जहां नेटवर्क नहीं वहां दिक्कत
प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट की दिक्कत और ‘राजस्व अधिकारी एप’ के नहीं चलने के कारण विशेष गिरदावरी में दिक्कत आ रही है। ऐसे में पटवारियों को कार्यालय में बैठकर ही खानापूर्ति करनी पड़ रही है। इसकी जांच करने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। पटवार संघ के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र निमिवाल का कहना है कि नेटवर्क व राजस्व अधिकारी एप की दिक्कत को लेकर पहले भी राजस्व मंत्री को अवगत करवा चुके है। इसमें सुधार होने पर किसानों को फायदा होगा।
फैक्ट फाइल
तहसील : 392 (381 आॅनलाइन)
उपतहसील : 187
पटवारी सर्किल : 11000
इन नियमों से हो रही है विशेष गिरदावरी
राजस्व विभाग ने राजस्थान लैंड रेवेन्यू (लैंड रिकाॅर्डस) रूल्स-1957 के नियम-58 के उपनियम 2 (क) और भारत सरकार के निर्देशों में निर्धारित किये मापदंड के तहत विशेष गिरदावरी करवाई जा रही है। यह विशेष गिरदावरी रबी फसल 2022-23 (संवत 2079) में बोयी फसल में पाला व शीत लहर से हुए नुकसान के लिए करवाकर रिपोर्ट आपदा प्रबंधन एवं सहायता व नागरिक सुरक्षा विभाग को भिजवाई जाएगी।
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