राजस्थान में एक बार फिर से बारिश हुई और ओले गिरे। गुरुवार शाम 5 बजे अचानक जयपुर और सीकर में मौसम बदल गया। तेज हवा के साथ यहां 5 से 15 मिनट तक ओले गिरे। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है। इससे पहले मार्च के शुरुआत में हुई बारिश और ओलावृष्टि से 6 जिलों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था।
जयपुर के कोटपूतली में शाम 5 बजे मौसम बदला और बारिश के साथ 5 मिनट तक ओले गिरे। इस दौरान कोटपूतली,बावड़ी, पावटा और मैड़ कस्बे में बारिश का दौर चला। सीकर के खंडेला में 15 मिनट तक बारिश और ओले गिरे।
इधर, मौसम विभाग की ओर से दावा किया जा रहा है कि अगले चार दिनों में भरतपुर, कोटा, जयपुर, बीकानेर संभाग के जिलों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। इस बार किसानों के लिए चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि ये सिस्टम पहले से ज्यादा प्रभावशाली है। कई स्थानों पर ओले गिरने की चेतावनी भी जारी की गई है।
19 मार्च तक बारिश, आंधी और तूफान
मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि राजस्थान में सक्रिय हुए वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश के साथ आंधी-तूफान भी आएंगे। मौसम की ये एक्टिविटी 19 मार्च तक जारी रहेगी।
किन जिलों में अलर्ट
निदेशक ने बताया कि इस सिस्टम का सबसे ज्यादा प्रभाव 17 और 18 मार्च को रहेगा। केंद्र के अनुसार 17 मार्च को राज्य के लगभग 2-4 जिलों को छोड़कर शेष सभी जगहों पर बारिश, बूंदाबांदी होने की संभावना है। वहीं, 18 मार्च को यही स्थिति बनी रह सकती है। 19 मार्च से इस सिस्टम का असर कुछ जिलों में खत्म होने लगेगा, लेकिन इस दिन भी कई जगहों पर आंधी-तूफान भी आएंगे।
राजस्थान में बुधवार को देर शाम भी हल्की बूंदाबांदी और बारिश हुई। पिलानी, चूरू, बीकानेर के कई हिस्सों में बूंदाबांदी होने के साथ हल्की स्पीड से तेज हवा चली। झुंझुनूं के चिड़ावा में 2MM बरसात रिकॉर्ड हुई। वहीं पूरे दिन राज्य के कई हिस्सों में बादल भी छाए रहे।
3-4 डिग्री सेल्सियस तक गिरेगा तापमान
मौसम के इस बदलाव के बाद अगले कुछ दिनों तक राजस्थान में गर्मी का असर कम रहेगा। मौजूदा तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। कुछ शहरों में दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। वहीं, जिन शहरों में तापमान अभी सामान्य से 2-3 डिग्री सेल्सियस ऊपर बना हुआ है, वहां भी तापमान सामान्य या उससे नीचे जा सकता है।
किसानों के लिए अलर्ट
मौसम विभाग ने बारिश से फसलों को बचाने के लिए उनको सुरक्षित स्थानों पर स्टोरेज करने की सलाह दी है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, नागौर, चूरू, बीकानेर, जैसलमेर, जालोर और बाड़मेर जिले में जहां जीरा या अन्य फसलें खेतों में है, उनको बचाने के लिए कोई व्यवस्था करने के लिए कहा है। क्योंकि इन एरिया में बारिश के साथ कहीं-कहीं धूल भरी आंधी चलने की भी आशंका है।
6 जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान
कृषि विभाग के अनुसार इससे पूर्व हुई बारिश व ओलावृष्टि के कारण राजस्थान में जालोर, बाड़मेर, नागौर, जोधपुर, कोटा और झालावाड़ जिले में तेज बारिश और ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। जालोर जिले में जीरे में 20 से 40%, बाड़मेर में इसबगोल में 40 से 70%, नागौर में जीरे में 40 से 50 फीसदी, इसबगोल में 60 से 70 फीसदी खराबे का अनुमान है।
3.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसबगोल की बुआई की गई थी, जिसमें से 0.66 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खराबे का अनुमान है। 29.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की कुल बुआई की गई थी, जिसमें से 0.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खराबे का अनुमान है। 20.57 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में चने की कुल बुआई की गई थी, जिसमें से 0.12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खराबे का अनुमान है। वहीं, 37.98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की कुल बुआई की गई थी, जिसमें से 0.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खराबे का अनुमान है।
प्रदेश के प्रमुख शहरों का आज का तापमान
शहर | अधिकतम | न्यूनतम |
अजमेर | 34.5 | 23.8 |
अलवर | 33.5 | 17.9 |
बाड़मेर | 34.2 | 20.9 |
भीलवाड़ा | 33.5 | 20.4 |
बीकानेर | 36.6 | 23.3 |
चित्तौड़गढ़ | 34.8 | 19.6 |
चूरू | 35.5 | 20.5 |
जयपुर | 33 | 22 |
जैसलमेर | 34.8 | 20.1 |
जोधपुर | 35.2 | 22.7 |
कोटा | 35 | 22.8 |
पिलानी | 34 | 19.5 |
सीकर | 33.5 | 19 |
गंगानगर | 35.4 | 17.5 |
उदयपुर | 32.6 | 19.8 |
धौलपुर | 35.3 | 19.1 |
टोंक | 35.4 | 21.7 |
बारां | 35.1 | 18.5 |
डूंगरपुर | 36 | 19.4 |
सिरोही | 34.6 | 16.1 |
करौली | 34.8 | 16.8 |
ये खबर भी पढ़ें...
10 लाख की फसल, 10 मिनट में मिट्टी में मिली:नींद की गोलियां खा रहे किसान; 70 बीघा में बुआई, 5 किलो फसल भी नहीं
4 दिन से नींद उड़ी हुई है। जिनसे कर्जा लिया था, उन्हें मुंह कैसे दिखाऊंगा? जवान बेटा कह रहा है-जिंदगी में कभी खेती नहीं करूंगा। उसकी पीड़ा भी समझ सकता हूं। चार महीने तक कड़ी मेहनत से उसने खेतों को संवारा था, लेकिन बिगड़े मौसम ने सब बर्बाद कर दिया। आधे घंटे में लाखों का जीरा और इसबगोल की फसल पानी में बह गई। बेटे को दिन भर समझाता हूं, कहीं वो कोई गलत कदम न उठा ले। हालत ये है कि खुद को भी नींद की गोलियां खाकर सोना पड़ता है।'
ये दर्द है नागौर के जायल इलाके के किसान हिम्मताराम का। जिनकी हिम्मत बारिश और ओलों से बर्बाद फसल ने तोड़ दी। 4 दिन पहले अंधड़ और बारिश के साथ गिरे ओलों ने 85 बीघा खेत में खड़ी उनकी जीरे और इसबगोल की फसल को बर्बाद कर दिया। फसल पूरी तरह तैयार थी। हिम्मताराम 2 दिन बाद फसल कटाई करने वाले थे, लेकिन उससे ही बिगड़े मौसम ने सारे सपने तोड़ दिए। (यहां पढ़ृें पूरी खबर)
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.