प्रदेश में बजरी खनन में ट्रेक्टर ट्रॉली के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है। बजरी लीज होल्डर्स की याचिका पर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिए हैं। साथ ही राज्य सरकार को 2 हफ्ते में एक शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं। इसमें पूछा है कि सरकार ने अवैध बजरी खनन रोकने के लिए अब तक क्या किया है?
लीज होल्डर्स की तरफ से पैरवी करते हुए एडवोकेट संदीप शेखावत ने बताया कि पूर्व में लगी एक पिटीशन में लीज होल्डर्स ने एक पत्र पेश किया था, जिसमें अवैध बजरी खनन को रोकने की मांग की। इसके साथ ही बजरी परिवहन के लिए उपयोग में लिए जा रहे ट्रेक्टर ट्रॉली पर भी रोक लगाने की मांग की। इस पत्र पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और, एएस बोपन्ना की बैंच ने बजरी परिवहन में ट्रेक्टर ट्रॉली के उपयोग पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर ट्रेक्टर ट्रॉली का उपयोग होता है तो उसका रजिस्ट्रेशन कॉमर्शियल व्हीकल के तौर पर होना चाहिए, तभी उस ट्रेक्टर-ट्रॉली को बजरी परिवहन के उपयोग में लिया जाए।
इसके अलावा तीनों न्यायधीशों ने राज्य सरकार को दो हफ्ते में एक शपथ पत्र भी पेश करने के लिए कहा है, जिसमें सरकार बताएगी कि अब तक अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए क्या किया? साथ ही ये भी सरकार ये भी बताएगी कि बजरी परिवहन में ट्रेक्टर-ट्रॉली के उपयोग के संबंध में क्या कदम उठाएगी। एडवोकेट शेखावत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सरकार को निर्देश दिए है कि जिन लीज धारकों को पर्यावरण मंत्रालय से क्लीयरेंस मिल गई है उन्हें जल्द से जल्द खनन की अनुमति पत्र जारी किया जाए।
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