राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हरियाणा के पानीपत में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में आम जनता के बीच पहुंचने के लिए नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत संघ देशभर में शताब्दी वर्ष से पहले एक लाख शाखा लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए संघ द्वारा देशभर में ढाई हजार नए विस्तारक लगाए जाएंगे। वहीं चुनाव से पहले सामाजिक सर्वेक्षण के जरिए RSS के कार्यकर्ता गली और मोहल्लों की समस्याओं का समाधान करेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हरियाणा के पानीपत आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक हाल ही में समाज को साथ जोड़ने के लिए व्यवसायिक शाखाओं को अपनी शाखा क्षेत्र का सर्वेक्षण कर समस्याओं का निराकरण करने का टास्क दिया गया है। इसके साथ ही संघ की शाखाओं को संघ के शताब्दी वर्ष तक एक लाख से ज्यादा स्थानों पर शाखा लगाने के लिए देशभर में 2500 शताब्दी विस्तारक लगाने का फैसला लिया गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघ चालक डॉ रमेश चंद अग्रवाल ने बताया कि प्रतिनिधि सभा में संघ के कार्य की वर्तमान स्थिति, कार्य के विस्तार, कार्य की गुणवत्ता से संबंधित विभिन्न विषयों पर मंथन किया गया। सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाएं, जिसमें व्यवसायिक स्वयंसेवक जाते हैं। ऐसी सभी शाखाओं को आह्वान किया गया। अब वह समाज परिवर्तन के काम में आगे बढ़े और उसके लिए अपने शाखा क्षेत्र का सामाजिक सर्वेक्षण कर, उस भौगोलिक क्षेत्र की समस्या का निराकरण करने का फैसला किया गया है।
प्रतिनिधि सभा में स्वआधारित राष्ट्र के नवोत्थान का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए प्रस्ताव पारित हुआ। इसमें स्वयंसेवक को विशेष रूप से और संपूर्ण समाज को संघ की ओर से आह्वान किया गया। जिसके तहत स्वदेशी, स्वधर्म, स्वराज और स्व के प्रति अभिमान का भाव जागृत करने का संकल्प लिया जाना है।
अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का काम वर्तमान में 80 हजार स्थानों पर चल रहा है। लेकिन आने वाले शताब्दी वर्ष में एक लाख से ज्यादा स्थानों पर संघ का सीधा काम संघ की शाखा या संघ का मिलन हो। इसे ध्यान में रखते हुए देश में 2 वर्ष के लिए पूरा समय देने वाले 2500 से ज्यादा शताब्दी विस्तारक काम करेंगे।
उन्होंने ने बताया कि सरकार्यवाह की ओर से तीन वक्तव्य प्रसारित किए गए। पहला वक्तव्य भगवान महावीर के निर्वाण के 2550वें वर्ष के संपन्न होने पर रहा। इसके अलावा आर्य समाज के संस्थापक महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती का ये 200वां जन्म जयंती वर्ष है, उस पर दूसरा वक्तव्य प्रसारित किया गया। जबकि तीसरा वक्तव्य छत्रपति शिवाजी के राज्यारोहण कार्य 450 वां वर्ष को लेकर हुआ।
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