पिछले दो दिन में प्रदेश के कई जिलों में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार को मिली प्रारंभिक रिपोर्ट में 7 जिलों में फसलों को ज्यादा नुकसान बताया गया है। अभी कई जिलों से रिपोर्ट आना बाकी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व विभाग के अफसरों को ओलावृष्टि, आंधी-तूफान से फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी (आकलन) करवाकर प्रभावितों को जल्द राहत देने के निर्देश दिए हैं।
बड़ा सवाल-20 हजार गावों में गिरदावरी कौन करेगा?
मुख्यमंत्री ने बैठक करके निर्देश तो दे दिए लेकिन जमीनी स्तर पर इनकी पालना करने वाले पटवारियों ने 15 जनवरी से करीब 20 हजार गांवों में काम का बहिष्कार कर रखा है। पटवारी खुद के पटवार मंडल का काम तो कर रहे हैं लेकिन अतिरिक्त चार्ज वाले 5000 पटवार मंडलों का काम नहीं कर रहे हैं। एक पटवार मंडल में 4 से 5 गांव आते हैं। दो माह से ज्यादा समय से अतिरिक्त चार्ज वाले गांवों में गिरदावरी भी अटकी हुई है। बिना पटवारी गिरदावरी संभव नहीं है। नुकसान के आंकलन के लिए विशेष गिरदावरी समय पर नहीं हुई तो किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा। सरकार ने पटवारियों की जगह वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर दूसरे कर्मचारी लगाने के निर्देश दिए हैं लेकिन उनसे पूरा काम नहीं हो पा रहा।
15 जनवरी से 20 हजार गांवों में काम छोड़ रखा है पटवारियों ने
पटवारियों ने 15 जनवरी से अतिरिक्त चार्ज वाले 20 हजार गांवों में कामकाज छोड़ रखा है। पटवारी खुद के पटवार मंडल का तो काम कर रहे हैं लेकिन अतिरिक्त चार्ज वाले पटवार मंडलों का काम नहीं कर रहे हैं। एक पटवार मंडल में 4 से 5 गांव आते हैं। पटवारियों ने 15 जनवरी से अतिरिक्त चार्ज वाले 5000 पटवार मंडलों के काम का बहिष्कार किया हुआ है। राजस्व विभाग में पटवारियों के कुल 12264 पद हैं और इनमें से 4200 पद खाली चल रहे हैं।
रबी की रूटीन गिरदावरी ही नहीं हो सकी तो विशेष गिरदावरी कैसे?
पटवारी हड़ताल के कारण इस बार एक फरवरी से होने वाली रबी की रूटीन गिरदावरी भी समय पर नहीं हो सकी। अब फसल खराब के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश दिए हैं। पटवारी हड़ताल के चलते राजस्व विभाग के दूसरे कर्मचारियों को काम में लगाने का फैसला किया है। लेकिन गांवों की संख्या को देखते हुए वह अपर्याप्त साबित हो रही है। पटवारियों के कार्यबहिष्कार की वजह से रूटीन गिरदावरी ही नहीं हुई। पटवार संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र कुमार ननीवाल का कहना है कि हम हमारे पटवार मंडल का तो काम कर रहे हैं लेकिन अतिरिक्त चार्ज वाले पटवार मंडलों का काम नहीं कर रहे हैं। हमारे 3600 ग्रेड पे की मांग पूरी होने तक यह बहिष्कार जारी रहेगा।
किसानों का मुआवजा अटकेगा
पटवारियों के कार्य बहिष्कार का सबसे ज्यादा नुकसान अब किसान को होता दिख रहा है। आपदा राहत कोष के नियमों में प्राकृतिक आपदा से फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है। उस मुआवजे के लिए पहले गिरदावरी की रिपोर्ट जरूरी होती है। पटवारी ही गिरदावरी करके रिपोर्ट तहसीलदार को देते हैं। तहसीलदार कलेक्टर को रिपोर्ट भेजते हैं। कलेक्टर रिपोर्ट आपदा प्रबंधन को भेजते हैं।
इन 7 जिलों में सबसे ज्यादा असर
राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार के मुताबिक जैसलमेर, कोटा, बीकानेर, झुन्झुनूं, जोधपुर सहित अन्य जिलों में आंधी तूफान और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की प्रारम्भिक सूचना मिली है। इनके साथ ही सभी कलेक्टरों को विशेष गिरदावरी कर जल्द से जल्द रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं। जैसे ही रिपोर्ट मिलेगी मुआवजा देना शुरू कर दिया जाएगा।
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