डूंगरपुर में सूरत से आने वाले लाेगाें काेराेना पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया। वहीं राजधानी में एक साथ 9 लाेगाें के काेराेना हाेने के बाद सबसे तेजी से फैलने वाले नए वैरिएंट ओमिक्राॅन की पुष्टि हुई है। इसके बाद भी राजधानी में कर्फ्यू ताे दूर की बात है कंटेंटमेंट जाेन तक नहीं बनाए गए हैं। कंटेंटमेंट जाेन बनाने काे लेकर जिला कलेक्टर, कमिश्नरेट और चिकित्सा विभाग एक दूसरे पर डाल रहे हैं।
लाेगाें काे इस गंभीर बीमारी से संक्रमित हाेने से बचाने की अपेक्षा एक-दूसरे पर आरोप लगा कर बच रहे हैं। यह स्थिति ताे तब है कि दिसंबर के सात दिन में शहर में 66 लाेग काेराेना पॉजिटिव आ चुके हैं। इसमें से 9 लाेग ताे ओमिक्राॅन वैरिएंट से संक्रमित हैं। जबकि नवम्बर में 30 दिन में 196 लाेग काेराेना पॉजिटिव पाए गए थे।
प्रदेश में दिसंबर में आए 159 काेराेना पाॅजिटिव, इनमें 66 अकेले जयपुर में ही
प्रदेश में दिसंबर में सात दिनाें में 159 काेराेना पाॅजिटिव मरीज आ चुके हैं। इसमें से अकेले राजधानी में 66 शामिल हैं। राजधानी में एक दिसंबर को 10, 6 और 7 दिसंबर को क्रमश: 15 व 12 केस मिले हैं। इसके अलावा चार दिन में संक्रमित केस की संख्या 10 से कम रही है। राजस्थान में काेराेना से अब तक कुल 9 लाख 54 हजार 944 लोग संक्रमित हाे चुके हैं। इनमें से 8956 मरीजों की मौत हो चुकी है।
24 नए केस: राजस्थान में मंगलवार काे 24 नए केस मिले हैं। इसमें सबसे अधिक राजधानी में 12 मिले हैं। इसमें 3 स्कूली बच्चे हैं। तीनाें बच्चे घर पर आनॅलाइन क्लास ले रहे थे। प्रदेश में एक्टिव मरीजाें की संख्या 220 हाे गई है। राजधानी में एक्टिव केस 105 हाे गए। बाड़मेर, उदयपुर में 3-3, अजमेर, डूंगरपुर में 2-2 और झुंझुनूं, बीकानेर में एक-एक केस मिला है।
राजधानी में यहां सबसे अधिक पॉजिटिव
राजधानी में नवम्बर की अपेक्षा दिसंबर में काेराेना पाॅजिटिव मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। दिसंबर में 66 केस मिल चुके हैं। शहर में सबसे अधिक मरीज आदर्श नगर, जगतपुरा, साेडला, मुरलीपुरा, बापू नगर अाैर सांगानेर से अा रहे हैं। इन क्षेत्र में 4 से 8 मरीज आए हैं। शहर में बाकी जगहों पर एक-दाे मरीज अा रहे हैं।
काेराेना की दूसरी लहर के दाैरान सरकार ने जाे दिशा निर्देश दिए थे। वे अभी लागू हैं। शहर में कंटेंटमेंट जाेन बनाने का अधिकारी कमिश्नरेट का है। इस पर कमिश्नरेट के अधिकारी स्वयं निर्णय ले सकते हैं। चिकित्सा विभाग से इनका सीधा संपर्क है। प्रशासन का इसमें काेई लेना देना नहीं है। -अंतर सिंह नेहरा, जिला कलेक्टर
जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग से दिशा निर्देश आने पर ही शहर में कंटेंटमेंट जाेन बनाए जाते हैं। अभी तक इस संबंध में काेई सूचन नहीं आई है। जैसे ही निर्देश आ जाएंगे ताे पालना शुरू कर दी जाएगी।-हैदरअली जैदी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त
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