राजस्थान में डायग्नोस्टिक सेंटर पर लगने वाली कोई भी सोनोग्राफी मशीन अब सेंटर पर लगने से पहले पीसीपीएनडीटी सेल के ऑनलाइन पोर्टल "इम्पैक्ट' पर रजिस्टर्ड होगी। ऑनलाइन रजिस्टर्ड होने के बाद ही मशीन डायग्नोस्टिक सेंटर या जांच सेंटर पर पहुंचेगी। इसके लिए बकायदा सोनोग्राफी मशीनों के निर्माताओं, आयातकों, वितरकों, डीलर्स के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की है। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने आज इस ऑनलाइन पोर्टल का वर्चुअल शुभारंभ किया।
हैल्थ मिनीस्ट डॉ. शर्मा ने बताया कि वर्तमान में पीसीपीएनडीटी सेल में सोनोग्राफी मशीनों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ऑफलाइन होती है, लेकिन इस पोर्टल के आने के बाद अब यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए आवेदक फर्म की ओर से संबंधित दस्तावेज और रजिस्ट्रेशन फीस ऑनलाइन जमा की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि संबंधित आवेदन पत्र का स्टेटस ऑनलाइन ट्रैक कर सकेंगे और उन्हें एसएमएस के जरिए भी सूचित किया जा सकेगा।
इसके लिए डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक या मशीन डीलर या वितरक को ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में मशीन बनाने से लेकर वितरण करने के संबंध में अभी 63 फर्म रजिस्टर्ड हैं। इमसें 11 आयातक, 13 निर्माता, 28 डीलर, 5 वितरक भी शामिल हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक सुधीर कुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं परियोजना निदेशक शालिनी सक्सेना सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
अब तक 159 डिकॉय ऑपरेशन
इस मौके पर मौजूद निदेशक आरसीएच के निदेशक डॉ. एल.एस. ओला ने बताया कि इस साल राज्य के कुल 2150 सोनोग्राफी केंद्रों के 1472 निरीक्षण किए जा चुके हैं। पीसीपीएनडीटी अधिनियम लागू होने के बाद अब तक राज्य में कुल 159 डिकॉय कार्रवाई की जा चुकी है। साल 2020-21 में कोरोना काल में गर्भवती महिला के संक्रमित होने और गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के जोखिम को ध्यान में रखते हुए डिकोय ऑपरेशन नहीं हो पाए। उन्होंने बताया कि इस साल अब तक 4 डिकोय कार्यवाही की जा चुकी है और कुल इसमें लिप्त 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं। वहीं 2 सोनोग्राफी मशीनों और जांच केन्द्र को सील किया गया है।
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