राजस्थान के धोरों में बने 500 टापू, VIDEO:रिकॉर्ड बारिश से समंदर सा नजारा; पारा 20 डिग्री से नीचे, इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी

जयपुर5 महीने पहले

राजस्थान में इस बार हुई बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए है। इस मानसून में बारिश का ऐसा नजारा देखने को मिला जब रेगिस्तान में भी झरने चलने लगे। बारिश के बाद बाड़मेर के झाखरड़ा रण क्षेत्र में समंदर जैसा नजारा देखने को मिला। यहां 500 टापू बन गए। इधर, बारिश का दौर खत्म होने के बाद सर्दी की शुरुआत हो चुकी है। प्रदेश के 15 से ज्यादा शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा है। इस बार पहले ही अनुमान जताया जा चुका है कि ठंड भी रिकॉर्ड तोड़ पड़ेगी।

333 हेक्टेयर में फैले इलाके में देशी-विदेशी पक्षी आते हैं, लेकिन पक्षी विहार नहीं होने की वजह से वापस लौट जाते हैं।
333 हेक्टेयर में फैले इलाके में देशी-विदेशी पक्षी आते हैं, लेकिन पक्षी विहार नहीं होने की वजह से वापस लौट जाते हैं।

तीन जून से सितंबर तक हुई बारिश से बाड़मेर के झाखरड़ा रण में 500 से ज्यादा टापू बन गए हैं। खारे पानी का यह रण बाड़मेर-जालोर सीमा पर है। यहां करीब सालभर पहले अवैध खनन होता है। इसकी वजह से यहां गड्‌ढे बन गए। इस बार हुई बारिश में यह गड्‌ढे जब भर गए तो यहां टापू जैसा नजारा देखने को मिला।

विदेशी द्वीपों वाला नजारा रेगिस्तान के झाखरड़ा वन इलाके में देखने को मिला।
विदेशी द्वीपों वाला नजारा रेगिस्तान के झाखरड़ा वन इलाके में देखने को मिला।

इसलिए खास है ये रण
दरअसल, रेगिस्तान में पानी कमी और लगातार अकाल होने की वजह यहां से पक्षी और अन्य वन्य जीव पलायन करने लग गए थे। अब यह प्रवासी पक्षियों की पहली पसंद बन चुका है। झाखरड़ा रण वन क्षेत्र है, यहां नर्मदा नहर का ओवरफ्लो पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में दूर-दूर तक फैले रण में पानी के बीच जगह-जगह उभरे टापू नजर आ रहा है।

जम्भेश्वर वाइल्ड लाइफ एनवायरमेंट सोसायटी के जिला संयोजक भंवरलाल भादू के मुताबिक 15 साल पहले इस इलाके में अवैध खनन होने की वजह से जगह-जगह गड्ढे हो गए। नर्मदा नहर का ओवरफ्लो पानी यहां पर आता है। इस वजह से वन्य जीव के साथ विदेशी पक्षी यहां पर आते हैं।

इस पूरे एरिया में रेस्क्यू सेंटर डेवलप करने और यहां पक्षियों के संरक्षण को लेकर पहले भी बात हो चुकी है, लेकिन अभी तक प्रोजेक्ट तैयार नहीं हुआ है।
इस पूरे एरिया में रेस्क्यू सेंटर डेवलप करने और यहां पक्षियों के संरक्षण को लेकर पहले भी बात हो चुकी है, लेकिन अभी तक प्रोजेक्ट तैयार नहीं हुआ है।

इसमें 3000 वन्यजीव रहते हैं। साथ ही देशी-विदेशी पक्षी आते हैं। बीते साल 2 हजार 563 वन्य जीव देखे गए हैं। वन विभाग की हुई गणना के मुताबिक बाड़मेर जिले में गत दो साल में 4932 प्रवासी पक्षी आए हैं। वर्ष- 2020 में 73 प्रजाति के 2 हजार 594 पक्षी नजर आए तो वर्ष 2021 में 74 प्रजाति के 2 हजार 338 पक्षी देखे गए हैं। इसमें कई पक्षी तो यूरोप-ईरान से यहां पहुंच रहे हैं।

प्रदेश के 15 जिलों में बढ़ा सर्दी का असर
बीती रात राज्य में सबसे सर्द एरिया सीकर रहा, जहां का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सीकर के ग्रामीण इलाकों में तो तापमान और भी कम होने लगा है। सीकर के अलावा करौली, हनुमानगढ़, चित्तौड़गढ़, जालोर, डूंगरपुर, टोंक, धौलपुर, गंगानगर, उदयपुर, बूंदी, कोटा, पिलानी, भीलवाड़ा और अजमेर में भी रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ।

जयपुर में 2 डिग्री गिरा पारा
राजधानी जयपुर में बीती रात न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस गिरकर 20 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। रात में ग्रामीण इलाकों में तो सर्दी इतनी बढ़ गई कि कूलर-पंखे बंद हो गए। देर रात में भी हल्की सर्दी महसूस होने लगी है।