घर से यूनिवर्सिटी जाने के दौरान बगरू इलाके में थाने के पास हाइवे किनारे अपनी बीएमडब्ल्यू कार छोड़कर लापता होने वाला छात्र रोहित यादव आखिर रविवार रात को पुलिस को मिल गया। रोहित ने पुलिस पूछताछ में बताया कि व्यवसाय में घाटा लगने के कारण मानसिक अवसाद के चलते वह घरवालों को बिना बताएं कार छोड़कर लापता हो गया था।
उसने बताया कि 25 नवम्बर को यूनिवर्सिटी जाने के दौरान टोल पार करते ही घबराहट हुई और नाक से नकसीर आ गई। उसके बाद वह कार छोड़कर ट्रक में बैठकर उदयपुर होते हुए अहमदाबाद पहुंच गया, जहां पर दो दिन रुकने के बाद जम्मू कश्मीर जाने के लिए दिल्ली चला गया। दिल्ली पहुंचने के बाद उसका मन बदल गया और जम्मू जाने के बजाय वापस जयपुर के लिए रवाना हो गया। इधर तकनीकी रूप व मुखबिर से मिली सूचना के बाद रविवार रात करीब 1 बजे पुलिस ने उसे क्वींस रोड पर बरामद कर लिया, जिसे थाने ले जाकर पूछताछ करने के बाद परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
अब पुलिस टीमें रोहित द्वारा बताई गई बातें तस्दीक कर रही है। गौरतबल है कि 25 नवम्बर को रोहित सुबह 9 बजे यूनिवर्सिटी जाने के लिए घर से बीएमडब्ल्यू कार लेकर निकला था। 2 बजे फोन नही उठाया तो घरवाले तलाश करते हुए यूनिवर्सिटी जा रहे थे। तब रोहित कार बगरू थाने के पास रोड किनारे खड़ी मिली। कार की सीट पर खून के छींटे लगे मिले तो परिजन घबरा गए। रोहित के पिता संजय यादव ने इस संबंध में बगरू थाने में अपहरण की आशंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज करवाई। दो माह बाद रोहित की शादी होनी थी। वह मणिपाल यूनिवर्सिटी में पढाई कर रहा था।
पुलिसकर्मियों ने 500 से ज्यादा कारों का रिकॉर्ड खंगाला
रोहित को तलाशने के लिए वेस्ट डीसीपी रिचा तोमर व एडिशनल डीसीपी रामसिंह शेखावत सहित 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी पिछले चार दिन से बगरू थाने में कैंप करके बैठे थे। पुलिस ने रोहित के घर से किशनगढ़ तक हाइवे लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। इसके साथ बगरू टोल नाके पर रोहित कार से पहले और बाद में निकली करीब 500 से ज्यादा गाड़ियों का रिकॉर्ड खंगाल कर चालक व मालिक की तस्दीक की।
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