राजस्थान में 31 हजार पदों पर आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) में पदों की संख्या 50 हजार करवाने की मांग को लेकर बेरोजगारों का आंदोलन लगभग 2 महीने से जारी है। लेकिन जब सरकार ने बेरोजगारों की मांग नहीं मानी। तो बेरोजगारों ने पिछले 4 दिनों से आमरण अनशन शुरू कर दिया। जिनमें से एक युवक की तबीयत रविवार को बिगड़ गई। जिसे अस्पताल भर्ती कराया गया है। जबकि बड़ी संख्या में बेरोजगार अब भी शहीद स्मारक पर डटे हुए है।
दरअसल, राजस्थान सरकार ने दो साल पहले शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 31 हजार पदों पर भर्ती का ऐलान किया था। लेकिन अब तक भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में बेरोजगारों ने इसमें पद बढ़ाने की मांग उठाई है। बेरोजगार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 50 हजार पदों पर भर्ती की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि दो साल में खाली पदों की संख्या में बढ़ोतरी हो चुकी है। ऐसे में सरकार को रिक्त पदों की संख्या को बढ़ाते हुए 50,000 करना चाहिए। लेकिन बेरोजगारों के विरोध के बाद भी जब सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की। तो शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे तीन बेरोजगार पिछले 3 दिनों से आमरण अनशन पर बैठ गए है।
राजस्थान सरकार ने 24 दिसंबर 2019 को 31 हजार पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की थी और 2 अगस्त 2020 को REET के आयोजन की घोषणा की थी। कोरोना के चलते परीक्षा नहीं हो सकी और 6 बार तारीख को आगे बढ़ाया गया । सरकार इस साल 26 सितंबर को REET का आयोजन करा चुकी है, और रिजल्ट भी जारी हो चुका है। रिजल्ट में 11,04,216 अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता प्राप्त हुई है। इसमें लेवल वन में 3,30,604 और लेवल टू में 7,73,612 अभ्यर्थियों को पात्रता मिली है। रिजल्ट के बाद से ही पद बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है।
बेरोजगारों का तर्क
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