राजस्थान के जालोर में 9 साल के दलित स्टूडेंट की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। पिछले 3 दिनों से आरोपियों को सजा देने की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी के पूर्व महासचिव नरसी किराड़ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में छात्र यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए। किराड़ ने कहा कि जब तक हमारी पांच सूत्री मांगों को नहीं माना जाएगा। हमारा धरना यही जारी रहेगा। वहीं आज 5 सूत्री मांगों को लेकर छात्र नेता रोशन मुंडोतिया ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि इंद्र कुमार के हत्यारे के मामले की फास्ट ट्रेक अदालत में सुनवाई की जानी चाहिए। जिससे उसके परिजनों को न्याय मिल सके। वहीं पीड़ित परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद के साथ ही 2 सदस्यों को नौकरी मिलनी चाहिए। इसके साथ ही पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुरक्षा मिलनी चाहिए। ताकि उन पर दबाब नहीं बनाया जाए।
छात्र नेता नरसी किराड़ और अनशन पर बैठे रोशन मुंडोतिया ने बताया कि घटना के बाद तीन दिनों से राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्र धरने पर बैठे हैं। लेकिन अभी तक भी कोई प्रशासनिक अधिकारी बातचीत के लिए नहीं आया है। कल दो दौर की बातचीत हुई थी। लेकिन अब तक हमारी मांग पर कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। ऐसे में आज से हमने आमरण अनशन पर बैठने का फैसला किया है। ताकि सरकार जल्द से जल्द हमारी मांगों को पूरा करें। लेकिन अगर सरकार ने अब भी ऐसा नहीं किया तो हम बड़ा और उग्र आंदोलन करेंगे। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
दरअसल, जालोर के सरस्वती स्कूल के हेड मास्टर छैल सिंह के लिए अलग रखी मटकी से पानी पीने की कीमत तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के इंद्र कुमार पुत्र देवाराम मेघवाल को जान देकर चुकानी पड़ी। आरोप है कि 20 जुलाई को छैल सिंह ने इंद्र को इतना मारा कि कान के पास गंभीर चोटें आईं। वह कराहते हुए घर पहुंचा और पूरा मामला परिवार वालों को बताया। इसके बाद पिता और अन्य परिवार वाले उसे हॉस्पिटल लेकर भागे। बागोड़ा, भीनमाल, डीसा, मेहसाणा, उदयपुर में इलाज कराया था।
इसके बाद बच्चे को अहमदाबाद ले गए। वहां 24 दिन इलाज कराने के बाद 13 अगस्त की सुबह करीब 11 बजे इंद्र कुमार ने दम तोड़ दिया। थानाधिकारी ध्रुव प्रसाद ने बताया कि छैल सिंह के खिलाफ हत्या और एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
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