जयपुर के वन्यजीव प्रेमियों का लंबा इंतजार खत्म हो गया है। मंगलवार को वन्यजीव एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत ग्वलियर के गांधी जूलोजिकल पार्क से 400 किलोमीटर का सफर तय कर टाइगर शिवाजी जयपुर पहुंचा। वन विभाग के आला अधिकारियों की देखरेख में जयपुर लाए गए 4 साल के शिवाजी को फिलहाल नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 3 सप्ताह तक क्वारैंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद शिवाजी को ओडिशा से लाई गई टाइग्रेस रानी के साथ जोड़ा बनाकर रखने की तैयारी है।
डॉ अरविंद माथुर ने बताया कि 400 किलोमीटर के सफर के दौरान गर्मी ने शिवाजी को काफी परेशान किया। ऐसे में हर 50 किलोमीटर पर वन विभाग द्वारा गाड़ी को रोक शिवाजी को सफर में आराम दिया गया। इसके साथ ही गर्मी से बचने के लिए लिक्विड के तौर पर शिवाजी को ग्लूकोज और इलेक्ट्रोल दिया गया। वहीं, खाने में चिकन और मटन दिया गया। ताकि वह गर्मी में भूखा रहकर चिड़चिड़ा महसूस ना करें।
दरअसल, वन्यजीव एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत शिवाजी को राजस्थान में लाया गया है। ऐसे में टाइगर शिवाजी के आने से जयपुर में टाइगर्स की संख्या में इजाफा होने की संभावना बढ़ गई है। वहीं जयपुर से एक लेपर्ड, भेड़िए का जोड़ा और एक इंडियन फॉक्स के जोड़े को ग्वालियर के गांधी जूलॉजिकल पार्क को दिया गया है। बता दें कि वन विभाग द्वारा जयपुर के नाहरगढ़ में भी टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में शिवाजी के जयपुर आने के बाद उसे टाइग्रेस रानी के साथ मेट कर टाइगर्स का कुनबा बढ़ाने की तैयारी है।
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