राजस्थान में मंगलवार को कोरोना के 6366 नए रोगी आए और 4 मौतें हुईं। इसी के साथ ओमिक्रॉन के आंकड़े भी दो कैटेगरी में बदल गए हैं। राजस्थान के ही ओमिक्रॉन रोगियों के आंकड़े दिल्ली से कुछ और जारी किए जा रहे हैं, जबकि राज्य कुछ और बता रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र के बाद दूसरे सर्वाधिक 645 ओमिक्रॉन रोगी राजस्थान में हैं। यहां एक रोगी की मौत भी हो चुकी है।
वहीं राज्य सरकार का कहना है कि नाॅन रिपोर्टेड सहित राजस्थान में 27,537 ओमिक्रॉन रोगी हो चुके हैं। अब तक 14 की मौतें हुईं। यानी बिना जीनोम सीक्वेंसिंग के ही स्वास्थ्य विभाग अब हर मामला ओमिक्रॉन का मान रहा है। दिसंबर अंत तक सीएम अशोक गहलोत को प्रदेश में 90% डेल्टा और डेल्टा प्लस के मरीज बताए गए थे।
अब अचानक सारे डेल्टा केस ओमिक्रॉन में बदल गए। वायरस का ऐसा जादुई करिश्मा अफसरों ने किया है। रोज 120 से 200 जीनोम सीक्वेंसिंग करने वाले स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सभी की सीक्वेंसिंग नहीं कर सकते। इसलिए आरटीपीसीआर में पाॅजिटिव को ओमिक्रॉन मान रहे हैं।
रोज 120 से 200 जीनोम टेस्ट करने वाले राजस्थान का तर्क- केंद्र के पास वही डेटा जो जीनाेम सीक्वेंसिंग में साबित हुए, हम तो हर पॉजिटिव को ओमिक्राॅन मान रहे
भास्करQ&A
स्वास्थ्य विभाग ने कहा- हमने तो सबको ट्रेस करने का प्रयास किया, पर लोग गायब हो गए; संक्रमण फैलाते रहे
सवाल- केंद्र से 645 ओमिक्राॅन केस बताए जा रहे, लेकिन राज्य सरकार आेमिक्रॉन के नाम से रिपोर्ट जारी नहीं कर रही? जवाब - दिल्ली से वही केस दिखाए जा रहे हैं, जिनकी जीनोम सीक्वेंसिंग से प्रूव हो चुका है कि उनमें ओमिक्राॅन है। नॉन रिपोर्टेड केस भी हैं। एक दिन में 6 हजार नए केस आ रहे हैं तो करीब 5500 ओमिक्राॅन के नॉन रिपोर्टेड केस माने जा रहे हैं।
सवाल- दिसंबर अंत कर डेल्टा और इसके जैसे अन्य वैरिएंट के 90 प्रतिशत केस थे, अचानक सारे केस ओमिक्राॅन कैसे हो गए? जवाब- लोगों की लापरवाही से नया वैरिएंट कम्युनिटी में फैला। हमने सारे प्रयास किए। डेल्टा केस अब कम हैं।
सवाल- सरकार ने तो ओमिक्राॅन का पहले केस आने के बाद दावे किए कि हर एक को ट्रेस कर लिया है, फिर अचानक कम्युनिटी संक्रमण कैसे हुआ? जवाब- हां, सही है। ट्रेस सबको करने के प्रयास किए। जयपुर और सीकर के पहले केस के परिवार वालों ने ही अस्पताल जाने से इनका कर दिया था। सबको आइसोलेट करने में बहुत दिक्कतें आई। कई गायब हो गए और संक्रमण फैलाते रहे।
- स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया,
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