जेडीए में पट्टा देने की एवज में रिश्वत मांगने के मामले में एसीबी ने तीन दिन पहले ही जेडीए जाेन उपायुक्त सहित पांच लाेगाें काे पकड़ा, लेकिन जेडीए कर्मचारी और अधिकारियों पर इस कारवाई का काेई असर नहीं दिख रहा है। जेडीए अधिकारी अब ईशाराें में डिमांड कर रहे हैं। इसी तरह का एक मामला जाेन एक में सामने आया है। दरअसल, बुजुर्ग हनुमान शर्मा पट्टा लेने पहुंचे ताे एक कर्मचारी ने हाथाें का ईशारा कर पट्टे के एवज में दाे लड्डू लाने के लिए कहा। लेकिन बुजुर्ग इस ईशारे काे समझ नहीं सके। बुजुर्ग ने देखा कि कमरे में चार-पांच लोग बैठे हैं।
इसलिए उसने सोचा कि दाे लड्डू से काम नहीं चलेगा और वह भले मन से दाे किलाे लड्डू खरीदकर कर्मचारी के पास ले गए। लड्डू का डिब्बा देख कर्मचारी गुस्से से लाल हाे गया और बुजुर्ग काे जेडीए का खाली आवंटन पत्र थमा दिया, साथ ही कहा कि घर जाकर इसे भर लेना। अब बुजुर्ग इस खाली पत्र काे लेकर अफसरों के चक्कर लगा रहा है कि इसे भरे कैसे।
जेडीए कर्मचारियाें ने अखिलेश के पास भेजा, उसने मुझे कहा कि पट्टे के पैसे देने पड़ेंगे, अभी दाे दिन पहले ही वह रिश्वतखोरी के मामले में पकड़ा गया है
बुजुर्ग हनुमान शर्मा गाेविंदपुरा जगतपुरा के हैं। राजेन्द्र मिर्धा के अपहर्ताओं काे हनुमान शर्मा ने ही पकड़वाया था। सरकार ने इनकी सिक्याेरिटी चार साल पहले हटाई थी। हनुमान ने बताया, ‘झालाना में मेरा एक प्लाॅट है, जिसका कुछ हिस्सा सड़क चाैड़ी में चला गया था। अब बचे हिस्से का पट्टा लेने के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। पहले मैं जेडीए में गया ताे कर्मचारियाें ने अखिलेश नाम के युवक के पास भेजा।
जब अखिलेश से मिला, ताे उसने कहा पट्टा बन जाएगा, पर रुपए लगेंगे। इसके बाद मैंने अखिलेश से बात करना बंद कर दिया। दाे दिन पहले उसकी फाेटाे अखबार में छपी ताे पता चला कि वह रिश्वत के मामले में पकड़ा गया है। मैंने सचिवालय में ज्ञापन दिया, तो वहां से पत्र जेडीए पहुंचा। मैं जाेन डीसी सुरेन्द्र यादव के पास गया, उन्होंने अमीन के पास भेजा। अमीन ने लालाराम से मिलाया और कहा कि ये हमारे अफसर हैं।
एक महिला कर्मचारी की ओर ईशारा कर कहा पट्टा ये देंगी। इसके बाद हाथ का ईशारा कर कहा कि दाे लड्डू ले आओ, पट्टा बन जाएगा। मैं माेती डूंगरी मंदिर के पास पहुंचा और दाे किलाे लड्डू ले गया। लड्डू का डिब्बा देखकर कर्मचारी आक्राेशित हाे गए और कहने लगे कि इतना भी नहीं समझते और खाली पट्टा प्रपत्र देकर कहा कि जाओ इसे ले जाओ, घर पर भर लेना।’
हनुमान का नाम सर्वे में नाम नहीं
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