चार विभागों में स्टाम्प पेपर्स में काट-छांटकर फर्म मैसर्स आधुनिका फर्नीचर्स ने हैरिटेज निगम में 1.25 करोड़ रुपए का फर्नीचर सप्लाई का ठेका ले लिया। ठेका लेने वाली फर्म उद्योग विभाग में ब्लैकलिस्ट है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास भी फर्जी स्टाम्प लगाने की शिकायत आई थी लेकिन हमारी जांच में कहीं भी कुछ गलत नहीं मिला है। निगम में ऑरिजनल स्टाम्प जमा है।
उद्योग विभाग में गड़बड़...निगम ने कहा-सब ठीक
नगर निगम हैरिटेज ने 12 अप्रैल काे फर्नीचर सप्लाई के लिए 1.49 करोड़ रुपए का ई-टेंडर निकाला था। प्रक्रिया में फर्म मैसर्स आधुनिका फर्नीचर्स ने 5 अलग-अलग नाॅन ज्यूडिशियल स्टाम्प जमा किए। ये स्टाम्प दूसरे विभागाें के टेंडर प्रक्रिया में सबमिट किए गए थे। उन स्टाम्प में ही कांट-छांट कर टेंडर में लगाकर टेंडर ले लिया। एक स्टाम्प तो टेंडर जारी हाेने के 4 दिन पहले ही 9 अप्रैल काे बनवाया गया था। जबकि टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह गाेपनीय रहती है। कंपनी मैनेजर क्षितिज का कहना है निगम में असली पेपर जमा किए गए हैं।
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग से शिकायत, जांच शुरू की गई
नाॅन ज्यूडिशियल स्टाम्प इस फर्जीवाड़े की शिकायत पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के डीआईजी महावीर प्रसाद काे लिखित शिकायत की गई है। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग उपमहानिरीक्षक प्रतिभा पारीक का कहना है कि फिलहाल जांच जारी है। जल्द ही जांच रिपाेर्ट ली जाएगी। दूसरी ओर, छबड़ा स्थित राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड में भी 11 लाख रुपए के टेंडर के लिए लगाए स्टाम्प काे लेकर अधिकारियाें ने संबंधित फर्म काे नाेटिस जारी किया है जबकि इसी स्टाम्प काे भी निगम में जमा करवाया गया है।
जांच में सब ठीक मिला है, कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है
हमारे पास भी शिकायत आई थी, जिसकी जांच हमने करवाई है, टेंडर जारी हाेने के बाद फर्म ने ऑरिजनल दस्तावेज जमा करवाए है। अब किसी दूसरे विभाग में क्या स्टाम्प लगे ये हमारी जानकारी में नहीं है। -केएल मीना, अधिशाषी अभियंता, हैरिटेज निगम
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