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वन विभाग की जयपुर टीम ने बुधवार दोपहर में बगरू क्षेत्र से गैर कानूनी तरीके से कछुए बेचने के मामले में दो तस्करों को पकड़ा है। पकड़े गए मुकेश पुत्र कजोड़ और दशरथ पुत्र रामस्वरूप दूदू स्थित नाचनोदा गांव के रहने वाले हैं। टीम ने इन लाेगों के पास से इंडियन सॉफ्ट शेल्ड प्रजाति के 7 कछुए बरामद किए हैं। फॉरेस्ट टीम अब इनसे पूछताछ कर रही है कि ये कछुए वे कहां से लाए और आगे किसे बेचने वाले थे। क्षेत्रीय वन अधिकारी जयपुर जनेश्वर सिंह के नेतृत्व में टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। सिंह ने बताया कि ये कार्रवाई वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो ऑफ इंडिया की सूचना के आधार पर की गई। उन्होंने बताया कि ब्यूरो से हमें गुप्त सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति गैर कानूनी तरीके से कछुए बेचने का काम करते हैं। सूचना के बाद टीम ने कछुए बेचने वालों से फोन पर बोगस ग्राहक बनकर संपर्क किया और उनसे कछुए खरीदने की बात कही।
2 लाख रुपए में तय हुआ सौदा
जनेश्वर सिंह ने बताया, तस्करों से फोन पर कछुए खरीदने की बात करने के बाद सौदा 2 लाख रुपए में तय हुआ। इस पर हमारी टीम तस्करों को बगरू में हाईवे के पास बुलाया। बुधवार को जैसे ही तस्कर पहुंचे और उन्होंने गत्ते के कार्टन में रखे कछुए बेचने के लिए दिखाए। वैसे ही टीम के अन्य सदस्यों ने उन्हें दबोच लिया।
लक्ष्मी मिलने के अंधविश्वास में पालते हैं लोग
जानकारी के मुताबिक, अक्सर लोग घरों में कछुए अंधविश्वास में पालते हैं। ऐसा कहा जाता है कि कछुआ घर में रखने से लक्ष्मी आती हैं और व्यापार में लाभ मिलता है। वहीं कई लोग इन कछुओं की तस्करी भी बाहर के राज्यों में करते हैं। सामान्यत: नदियों, तालाबों में पाए जाने वाले इंडियन सॉफ्ट शेल्ड प्रजाति के कछुओं की हड्डी और कवच से शक्तिवर्द्धक दवा बनाने की बात सामने आई है। इसके कारण अंतरराष्ट्रीय तस्कर इन कछुओं को बांग्लादेश, मलेशिया, चीन और थाईलैंड में भी बेचने जाते हैं।
पॉजिटिव- कुछ रचनात्मक तथा सामाजिक कार्यों में आपका अधिकतर समय व्यतीत होगा। मीडिया तथा संपर्क सूत्रों संबंधी गतिविधियों में अपना विशेष ध्यान केंद्रित रखें, आपको कोई महत्वपूर्ण सूचना मिल सकती हैं। अनुभव...
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