भ्रष्टाचार रुके... इसके लिए सरकार ने प्रदेश की सभी 338 तहसीलों में जमीन के रिकॉर्ड से जुड़ी प्रक्रिया व दस्तावेजों को ऑनलाइन करने का प्रोजेक्ट बनाया। इसमें 300 तहसीलें ऑनलाइन भी कर दी, फिर भी 105 से ज्यादा पटवारी, भूनिरीक्षक (आईआर) व तहसीलदार रिश्वत लेते हुए पकड़े गए।
प्रदेश में जमीन का नक्शा व जमाबंदी में भ्रष्टाचार रोकने के लिए डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम व डिजिटलाइजेशन में अब तक 100 करोड़ रु. खर्च हो चुके हैं। इनमें 20 करोड़ रु. केंद्रीय स्कीम, 20 करोड़ रु. वर्तमान प्रोजेक्ट के अलावा रिकॉर्ड रूम और मैनपावर आदि शामिल हैं।
प्रोजेक्ट में सभी तहसीलों में नामातंरकरण, जमीन का नक्शा, गिरदावरी रिपोर्ट, रजिस्ट्री सहित अन्य सभी कामकाज व दस्तावेज ऑनलाइन होना था। लेकिन सर्वर डाउन होने, रिकॉर्ड अपलोड नहीं होने, प्रोजेक्ट में देरी व ट्रेंड टेक्निकल कर्मचारी न होने के कारण आम जनता को राजस्व कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
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