पिछले बजट में ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की घोषणा और उसे लागू करने के बाद गहलोत सरकार कर्मचारियों के लिए दो बड़े तोहफे दे सकती है। इस साल आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले 8 फरवरी को राज्य का बजट आने वाला है।
ऐसे में CM प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए दो बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं। पहला- सरकार प्रमोशन के लिए अतिरिक्त मौका देकर बड़ा दांव खेल सकती है। दूसरा- प्रोबेशन पीरियड को घटाया जा सकता है।
दरअसल, सभी 59 कर्मचारी संगठनों की इस बजट में एक कॉमन मांग है- ‘चयनित वेतनमान 9, 18, 27 साल के स्थान पर 8, 16, 24 और 32 साल किया जाए। यानी प्रमोशन का अतिरिक्त मौका मिले।’ इसी को लेकर वित्त विभाग ने सचिवालय के बाहर गोपनीय तरीके से एक्सरसाइज पूरी करवाई है।
इसमें गुजरात और केरल के मॉडल का भी रेफरेंस दिया गया है। गुजरात में 12 और 24 वर्ष की सेवा पर हायर ग्रेड स्केल देय है, जबकि केरल में 8, 15, 22 व 27 वर्ष की सेवा पर हायर ग्रेड स्केल दिया जाता है।
वहीं, प्रदेश में एसीपी योजना के तहत मंत्रालयिक सेवा व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए 9, 18, 27 साल तथा राजपत्रित अधिकारियों के लिए 10, 20 व 30 वर्ष की सेवा पूरी करने पर फाइनेंसियल इन्क्रीमेंट देय है। ऐसे में सरकार कर्मचारियों को प्रमोशन का अतिरिक्त अवसर देने के लिए चयनित वेतनमान में बदलाव कर सकती है। हालांकि इससे राज्य सरकार पर वित्तीय रूप से करीब 6350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
दूसरी अहम घोषणा प्रोबेशन पीरियड काे लेकर की जा सकती है। कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के लिए प्रोबेशन पीरियड दो वर्ष से कम करने या समाप्त करने और इस अवधि में वेतन में बढ़ोतरी कर सकती है। बता दें कि राज्य के कर्मचारी संगठनों की लंबी समय से यह मांग रही है, जो अब पूरी होती नजर आ रही है। आगामी बजट में सीएम गहलोत इन मांगों को लेकर घोषणाएं कर सकते हैं।
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