जयपुर शहर में दो सालों में करीब 250 मोबाइल फोन लूटने व चुराने की वारदात करने वाले दो शातिर बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को संजय सर्किल थाना पुलिस ने केस का खुलासा किया। दोनों बदमाशों से पुलिस ने चुराए व लूटे गए 121 मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं। इनमें पांच हजार से लेकर 25 से 30 हजार रुपए तक के मोबाइल फोन भी है।
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि नशे की लत पूरी करने के लिए बदमाशों ने मोबाइल फोन चुराना व लूटना शुरु कर दिया। इनमें एक लुटेरा ऑटोरिक्शा चालक है। ये लोग सूनसान जगहों पर ज्यादातर वारदात करते हैं। बदमाशों ने यूट्यूब वीडियो देखकर मोबाइल के लॉक खोलने का तरीका सीखा।
टोंक व कोटा के है दोनों बदमाश, जयपुर में किराए से रहते है
डीसीपी (नार्थ) परिस देशमुख ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी आरिफ नूर मोहम्मद (22) कोटा जिले में मकबरा क्षेत्र में घंटाघर कसाई बाड़ा का रहने वाला है। जयपुर में पिछले काफी समय से ऑटोरिक्शा चलाता है और सेक्टर 8, विद्याधर नगर में रहता है। वहीं, दूसरा आरोपी शकील (36) टोंक जिले में निवाई स्थित शिवाजी कॉलोनी का रहने वाला है। जयपुर में दशहरा मैदान, विद्याधर नगर में रहता है।
दो साल में करीब 250 मोबाइल फोन लूटे
एडिशनल डीसीपी धर्मेंद्र सागर ने बताया कि सवाई माधोपुर में बौंली क्षेत्र के अलूदा गांव में रहने वाले बहादुर सिंह ने 5 जनवरी को संजय सर्किल थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमें बताया कि उनके भाई का मोबाइल फोन टैक्सी कार में स्टैण्ड में आगे रखा हुआ था। बाइक सवार दो युवक आए। वे टैक्सी कार में आगे रखा मोबाइल उठाकर ले गये।
पीड़ितों ने पीछा कर लुटेरों को पकड़ने की कोशिश भी की, लेकिन बदमाश पकड़े नहीं जा सके। वारदात के बाद थाना प्रभारी मोहम्मद शरीफ के सुपरविजन में पड़ताल शुरु हुई। कांस्टेबल सोनू सिंह की सूचना पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की सूचना पर संदिग्धों की निगरानी की जिसमें ऑटोरिक्शा चालक आरिफ नूर मोहम्मद का नाम सामने आया। उनको पकड़कर पूछताछ की तो पूछताछ में सामने आया कि नशे की लत पूरी करने के लिए पिछले दो सालों में आरिफ व शकील ने करीब 250 मोबाइल फोन लूट की वारदात की है।
यू ट्यूब वीडियो देखकर सीखा मोबाइल के लॉक खोलना
कोतवाली एसीपी सुरेश सांखला के मुताबिक दोनों बदमाश मिलकर सड़क किनारे खड़े वाहनों, टैक्सी गाड़ियों में चार्जिंग में लगे मोबाइल फोन, रात्री में बस स्टैंड व फुटपाथ पर सो रहे लोगों व राहगीरों के मोबाइल फोन लूटकर भाग जाते हैं। ये दोनों एक दिन में 5-7 मोबाइल फोन लूटते हैं। अपने कमरे पर पहुंचकर मोबाइल में लगी सिम निकालकर तोड़कर फेंक देते हैं।
पूछताछ में सामने आया कि मोबाइल फोन में लगे लॉक को खोलने का तरीका यू-ट्यूब में वीडियो देखकर सीखा। ये दोनों चुराए व लूटे गए मोबाइल फोन को बंद कर लेते हैं। फिर कुछ दिनों तक छुपा लेते हैं। एक-दो महीने बाद राह चलते अपरिचित लोगों को बीमारी, गरीबी व अन्य मजबूरी का बहाना बनाकर सस्ते दामों में बेच देते हैं। जो रुपए आते हैं उनसे नशे के लिए मादक पदार्थ खरीदते हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.