राजस्थान में शहरी ओलंपिक शुरू होने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है। प्रदेशभर में 26 जनवरी से शुरू होने जा रहे शहरी ओलंपिक स्थगित कर दिए गए हैं। राजस्थान स्पोर्ट्स काउंसिल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। जिसमें उन्होंने बताया कि अब शहरी ओलंपिक भी ग्रामीण ओलंपिक के साथ आयोजित किए जाएंगे।
खेल मंत्री ने बनाई मीडिया से दूरी
शहरी ओलंपिक के स्थगित होने के बाद खेल मंत्री अशोक चांदना ने मीडिया से दूरी बना ली। आज दोपहर में चांदना प्रेस कांफ्रेंस करने वाले थे। लेकिन शहरी ओलंपिक के स्थगित होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस को भी स्थगित कर दिया गया है। इस मामले को लेकर जब हमारी टीम ने उनसे टेलिफोनिक बातचीत करनी चाही। तो उनका कोई जवाब नहीं आया। जिसके बाद खेल विभाग के आला अधिकारी भी इस मामले पर बोलने से बच रहे हैं।
कृष्णा पूनिया ने ट्वीट कर लिखा कि आज विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से अनुरोध किया था कि राजीव गांधी शहरी ओलंपिक और ग्रामीण ओलंपिक साथ में करवाया जाए। जिस पर उन्होंने अपनी सहमति दी है। मैं मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करती हूं। हम शहरी और ग्रामीण ओलंपिक बड़ी धूमधाम से करवाएंगे। जिसमें गांव, ढाणी के साथ शहर भी खेलेगा।
दरअसल, शहरी ओलंपिक में अब तक लगभग 8 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। जबकि ग्रामीण ओलंपिक में यह आंकड़ा 30 लाख तक पहुंच गया था। वही शहरी ओलंपिक के लिए रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 21 जनवरी थी। ऐसे में 5 दिनों में आयोजन की तैयारियों को लेकर भी असमंजस की स्थिति थी। ऐसे में आयोजन से दो दिन पहले ही इसे स्थगित कर दिया गया।
वहीं शहरी ओलंपिक के आयोजन में अब तक सिर्फ खेल मंत्री और खेल विभाग के अधिकारी ही सक्रिय तौर पर काम कर रहे थे। क्रीडा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने इस पूरे आयोजन से दूरी बना रखी थी। लेकिन अब ग्रामीण ओलंपिक के साथ शहरी ओलंपिक के आयोजन के फैसले के बाद कृष्णा पूनिया ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है। ऐसे में आखिरी वक्त पर स्थगित हुए शहरी ओलंपिक के फैसले के बाद खेल मंत्री और कृष्णा पूनिया का शीत युद्ध और ज्यादा बढ़ सकता है।
बता दें कि स्थगित हुए शहरी ओलंपिक में 10 नगर निगम 36 नगर परिषद और 194 नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाले हर उम्र के खिलाड़ी खिलने वाले थे। जिसमें पहले चरण में 26 से 31 जनवरी तक नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना था। वहीं इसके बाद 13 से 16 फरवरी तक 4 दिन जिला स्तरीय प्रतियोगिता और इसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीम और खिलाड़ी 25 से 28 फरवरी तक 4 दिन तक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होने वाले थे। जिसके लिए 21 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी चली थी।
7 खेलों का होगा आयोजन
शहरी ओलंपिक में 7 खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना प्रस्तावित था। इनमें कबड्डी, टेनिस बॉल क्रिकेट, खो-खो, वॉलीबॉल, एथलेटिक्स, फुटबॉल और बास्केटबॉल जैसी प्रतियोगिताएं शामिल है। इनमें से खो-खो सिर्फ बालिका वर्ग के लिए होगा। जबकि 6 दूसरे खेलों में बालक और बालिका दोनों वर्ग के खिलाड़ी हिस्सा ले सकेंगे। बता दें कि ग्रामीण ओलंपिक की तर्ज पर शहरी ओलंपिक में भी उम्र सीमा तय नहीं की गई है। ऐसे में हर आयु वर्ग का खिलाड़ी शहरी ओलंपिक में शामिल हो सकता था।
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