राजस्थान में रेजिडेंट्स डॉक्टर एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ रहे है। नीट पीजी काउंसलिंग में लगातार हो रही देरी से नाराज रेजिडेंट्स डॉक्टर ने 28 नवंबर से प्रदेश के सभी हॉस्पिटल में ओपीडी में कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। वहीं 29 नवंबर से इमरजेंसी सर्विस को छोड़कर शेष कार्यो का बहिष्कार किया जाएगा। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर (जार्ड) ने पीजी काउंसलिंग 31 दिसंबर तक करने की मांग की है, ताकि पीजी करने वाले स्टूडेंट्स का समय पर कोर्स पूरा हो सके।
जार्ड के अध्यक्ष डॉ. अमित यादव ने बताया कि साल 2021 में जो पीजी कोर्स के लिए एग्जाम जनवरी में होने थे, वह कोरोना के कारण पहले ही 9 महीने देरी से यानी सितम्बर में हुए। अब सितम्बर में एग्जाम होने के बाद भी स्टूडेंट्स की काउंसलिंग नहीं हो रही। केन्द्र सरकार ने रिजर्वेशन का जो नया नियम इस काउंसिलिंग में लागू करना चाहते है उसके खिलाफ कुछ स्टूडेंट्स सुप्रीम कोर्ट में चले गए, जिसके कारण मामला कोर्ट में अटका है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 6 जनवरी का समय दिया है।
इसके कारण हॉस्पिटल का सारा भार पीजी कर रहे सैकंड ईयर और थर्ड ईयर स्टूडेंट्स (रेजिडेंट्स डॉक्टर) पर आ रहा है। जो रेजिडेंट्स डॉक्टर हॉस्पिटल में 8 से 10 घंटे तक ड्यूटी देकर हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं देता है उसे अब 14 से 15 घंटे तक ड्यूटी देनी पड़ रही है। क्योंकि फर्स्ट ईयर बैच पिछले 5 महीने से खाली पड़ा है।
31 दिसंबर तक काउंसलिंग पूरी करे सरकार
डॉ. यादव ने बताया कि यह विरोध पूरे देशभर के रेजीडेंट्स डॉक्टर्स कर रहे है। हमारी मांग है कि सरकार जो नया नियम लागू करना चाहती है उसे साल 2022 के बैच में लागू करें। वर्तमान बैच की काउंसलिंग का काम 31 दिसंबर तक पूरा करके नये बैच के स्टूडेंट्स की पढ़ाई शुरू करवाए, ताकि सैकंड ईयर और थर्ड ईयर स्टूडेंट्स को तो राहत मिले है, बल्कि एमबीबीएस करके पीजी करने का इंतजार कर रहे लोगों का कोर्स भी समय पर पूरा हो।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.