राजस्थान में इस बार भले ही मानसून 8 दिन की देरी से आया हो, लेकिन पहली ही बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। अजमेर, सिरोही, उदयपुर समेत कई शहरों में 4 इंच से ज्यादा बरसात हुई। अजमेर में हुई 134MM बारिश ने 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
पिछले महीने की रिपोर्ट देखें तो 1 जून से 2 जुलाई तक पूरे राज्य औसत से 33 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है। अच्छी बारिश के कारण इस बार समय से पहले बांधों में भी पानी आ आया। बीसलपुर, जवाई बांध में पानी आने से लोगों की उम्मीद बढ़ी है कि इस बार मानसून में बांध भर जाएंगे तो आने वाले दिनों में पीने के पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
राजस्थान में इस बार मानसून ने 3 दिन में ही पूरे प्रदेश को कवर कर लिया है। मौसम विभाग की मानें तो 5 जुलाई से राजस्थान में बारिश का एक दौर फिर से शुरू होगा, जो अगले 3 से 4 दिनों तक चलने की संभावना है। इस दौरान दक्षिण-पूर्वी राजस्थान कोटा, भरतपुर संभाग में भारी बारिश होने का अनुमान है। मौसम केंद्र जयपुर के मुताबिक एक और नया परिसंचरण तंत्र (सर्कुलेट्री सिस्टम) बंगाल की खाड़ी व पश्चिम बंगाल में आसपास के क्षेत्र के ऊपर बना हुआ है। इस सिस्टम के प्रभाव से बारिश शुरू होगी। इसमें पूर्वी राजस्थान के अलावा पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर संभाग के जिलों में रिकॉर्ड बारिश होने की संभावना है।
बीसलपुर और जवाई बांध में आया पानी
अच्छी बारिश से राजस्थान के दो प्रमुख बांध, जिसके पानी पर राज्य की 4 जिलों की एक करोड़ से ज्यादा आबादी निर्भर है, उनमें भी पानी आया है। बीसलपुर बांध में मानसून की एंट्री के बाद से लगातार थोड़ा-थोड़ा पानी आ रहा है। इसी तरह पाली के जवाई बांध में भी 1 जुलाई को हुई तेज बारिश के बाद 1.19 मिलीयन क्यूबिक मीटर (एम. क्यूएम) पानी स्टोर हुआ है। इसके अलावा चंबल नदी में पानी आने से जवाहर सागर, कोटा बैराज बांध में का भी जलस्तर बढ़ा है।
3 दिन में पूरे राज्य में छाया
देरी से एंट्री करने के बाद 3 दिन के अंदर मानसून ने पूरे राज्य में अपनी दस्तक दे दी। राज्य में 1 जून से 2 जुलाई तक औसतन 61.8MM बरसात होती है, लेकिन इस बार अब तक 82.2MM औसत बारिश हो चुकी है। जिलेवार रिपोर्ट देखें तो सबसे ज्यादा बरसात बीकानेर जिले में हुई है, जहां औसत से 149 फीसदी ज्यादा पानी बरसा है। बीकानेर में अमूमन इस समय तक 46.1MM बरसात होती है, लेकिन इस बार यहां 115MM बरसात हो चुकी है।
27 फीसदी रकबे में हो चुकी खरीफ फसलों की बुवाई
जून में अच्छी बारिश का नतीजा रहा कि राज्य में इस बार खरीफ की बुवाई भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा रही। राज्य में इस बार 16417 हेक्टेयर जमीन पर खरीफ की बुवाई का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 4427 हेक्टेयर जमीन पर 30 जून तक बुवाई हो चुकी है यानी 27 फीसदी पर। इससे पहले पिछले साल 2021 में इस समय तक मानसून की कमजोर एंट्री होने से 2062 हेक्टेयर जमीन पर ही बुवाई हुई थी, जबकि लक्ष्य 16099 हेक्टेयर जमीन का था।
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