राजनीतिक नियुक्तियों काे लेकर कांग्रेस के नेताओं का इंतजार और लंबा होने की आशंका है। उम्मीद थी कि सरकार पिछले साल के आखिरी सप्ताह में ही राजनीतिक नियुक्तियां कर लेगी, लेकिन सूत्रों की मानें तो नए साल के पहले महीने में भी राजनीतिक नियुक्तियां होने की उम्मीद कम ही है। सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में जो जवाब दिया गया है उसके मुताबिक 9 खाली पड़े आयोगों में नियुक्तियां फरवरी के अंत तक करने की बात कही गई है।
हालांकि आयोगों के अलावा बोर्ड और निगमों में भी बड़ी संख्या में राजनीतिक नियुक्तियों के लिए पद खाली हैं। कांग्रेस सरकार को बने हुए 17 दिसंबर को 3 साल पूरे हो चुके हैं। पिछले साल सरकार मंत्रिमंडल फेरबदल कर चुकी है और माना जा रहा था कि संसदीय सचिवों से सहित अन्य राजनीतिक नियुक्तियां भी जल्द कर ली जाएंगी। लेकिन बीच में कही सियासी पेंच फंस गया है।
ये बोर्ड और निगम खाली: समाज कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड, हज कमेटी, अल्पसंख्यक वित्त निगम, वक्फ बोर्डए देवस्थान बोर्ड, हाउसिंग बोर्ड, बीज निगम घुमंतु अर्ध घुमंतु बोर्ड, वक्फ विकास परिषद, मेवात विकास बोर्ड, डांग विकास बोर्ड, खादी और यूआईटी।
इन आयोगों में नियुक्तियां बाकी: किसान आयोग, गौसेवा आयोग,अलावा महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, निशक्तजन आयोग, एससी-एसटी आयोग, ओबीसी आयोग।
7 अकादमियों में नहीं हैं अध्यक्ष: साहित्य अकादमी, उर्दू अकादमी, संस्कृत अकादमी, बृजभाषा अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, सिंधी भाषा अकादमी
इन जगहों पर भी खाली हैं पद: वहीं राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी), राजस्थान राज्य बीज निगम, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, लघु उद्योग विकास निगम, बुनकर सहकारी संघ, मेला विकास प्राधिकरण, जयपुर-जोधपुर-अजमेर विकास प्राधिकरण, 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति में उपाध्यक्ष और सदस्य। सेंटर फॉर डेवलपमट ऑफ वॉलेंटरी सेक्टर के पद खाली पड़े हुए हैं।
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