बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव 10 माह बाद फिर से सेंट्रल पार्क के रनिंग ट्रैक पर उतरे। इस बार भी वह राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सेंट्रल पार्क में दौड़े। बलजीत ने सुबह 7.09 बजे पर रनिंग शुरू की, जो शाम को 6.15 बजे पूरी हुई।
बलजीत ने सेंट्रल पार्क के 24 चक्कर लगाए। विधायक ने रनिंग करते हुए कुल 100 किलोमीटर की दौड़ पूरी की। विधायक की हेल्थ फिलहाल पूरी तरह से ठीक है। इस दौरान केवल पानी और नारियल पानी पिया था।
उन्होंने कहा, 'बेरोजगारी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। राज्य और केंद्र सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। भर्तियों में राजस्थान के युवा पिछड़ते जा रहे हैं। बाहरी राज्यों के युवा प्रदेश में आकर नौकरी पा रहे हैं। कई राज्य ऐसे हैं, जहां पर बाहरी राज्यों के बेरोजगार युवकों को भर्ती में शामिल नहीं किया जाता।
राजस्थान में बाहरी राज्यों के बेरोजगार युवकों को भी लिया जाता है। इससे राजस्थान का मूल युवा बेरोजगार ही रह जाता है। कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा हुई। पेपरलीक हो जाने से सब कुछ खत्म हो जाता है। इसी के विरोध में आज सुबह से और शाम को सूर्यास्त तक सेंट्रल पार्क में रनिंग की। सरकार को ताकत दिखाई।'
विरोध के इस अनोखे तरीके को देखते हुए बड़ी संख्या में विधायक समर्थक भी सेंट्रल पार्क में पहुंचे। लोग भी उनके साथ ही सेंट्रल पार्क में दौड़े।
शाम सवा 4 बजे के करीब यादव की जांच करने डॉक्टरों की टीम पहुंची थी। उनका बीपी और हार्ट बीट की जांच की गई थी। सब कुछ ठीक होने पर दोबारा से बलजीत यादव ने दौड़ना शुरू किया था।
आगे पढ़िए- बलजीत यादव से भास्कर की खास बातचीत...
सवाल- 10 महीने बाद क्यों फिर से रनिंग ट्रैक पर आना पड़ रहा है?
जवाब- सरकार जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं करेगी, यह लड़ाई जारी रहेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि हम एक न एक दिन सरकार को झुकाएंगे। मजदूरों, बेरोजगारों और किसानों की मांगों को पूरा करवा पाएंगे।
सवाल- 10 माह पहले जिन मुद्दों को लेकर आप दौड़े थे, क्या वह मांग पूरी हुई?
जवाब- सरकार सिर्फ आश्वासन देती रही। किसी भी प्रकार के मुद्दों को पूरा नहीं किया गया। राजस्थान के युवाओं के हक पर डाका डाला जा रहा है। सरकार ने इस विषय को लेकर किसी भी प्रकार की कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। देश के 22 राज्यों में राजस्थान के युवाओं को एक भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है।
ये 22 राज्यों ने पॉलिसी बनाकर दूसरे स्टेट के बेरोजगार युवकों को भर्ती में नहीं ले रहे, जबकि राजस्थान में दूसरे स्टेट के युवक राजस्थान के युवा का हक खा रहे हैं। राजस्थान सरकार भी बिल लेकर आए, ताकि इससे बाहरी राज्यों के युवकों को यहां रोजगार न मिले।
यहां के बेरोजगार युवक सरकारी नौकरी पाएं। सरकार से कहा गया है कि वह 5 लाख भर्तियां निकालें। 2 महीने में परीक्षा कराएं, 4 महीने में रिजल्ट दें। 6 महीने में नौकरियां दे दें।
सवाल- आप की सरकार है। आप खुद विधायक हैं। पेपर लीक हुए। भर्तियों को लेकर लोग कोर्ट पहुंच गए। इससे भर्तियों का फायदा बेरोजगार युवकों को नहीं मिला?
जवाब- मैंने पहले भी कहा है कि पेपर लीक की घटनाओं पर रोक लगे। अभी भी कह रहा हूं। बड़ी मछलियों को पकड़ो। छोटे को पकड़कर कुछ नहीं होगा। सरकार ने सिर्फ खानापूर्ति की है।
सवाल- किरोड़ी लाल मीणा भी आप ही जैसे मुद्दे को लेकर 11 दिन से धरने पर बैठे हैं। आपके विरोध करने का तरीका किरोड़ी लाल मीणा के तरीके से कितना अलग है?
जवाब- मैं संविधान में विश्वास रखता हूं। मैं नहीं चाहता कि पब्लिक को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी हो। मैं केवल गांधीवादी तरीके से संविधान के दायरे में रहकर विरोध व्यक्त करना चाहता हूं। हम गांधी जी के पद चिह्नों पर चलकर केंद्र और राज्य सरकार को झुकाएंगे।
सवाल- 10 माह पहले भी आप इन्हीं मुद्दों को लेकर दौड़े थे। उस दौरान भी कुछ नहीं हुआ। अगर इस बार भी कुछ नहीं हुआ तो क्या रुख करने वाले हैं?
जवाब- हम सरकार को अपना दम दिखा देंगे। यह सिर्फ ट्रेलर है। हमारी इच्छाशक्ति को देख लीजिए, हमारे अंदर की आग को देख लीजिए। सूर्य उदय से अस्त तक दौड़ कर दिखा दीजिए तो आपको पता चल जाएगा कि कैसे दौड़ा जाता है। हमारे अंदर की आग को कम मत समझिये। इस पर आपको ज्यादा नुकसान उठाना पड़ जाएगा।
सवाल- मुख्यमंत्री से इस विषय को लेकर कोई बात हुई?
जवाब- मुख्यमंत्री से पहले भी इस विषय को लेकर बात हुई है। उन्होंने आश्वस्त भी किया था कि करेंगे, लेकिन अभी तक हुआ कुछ नहीं?
सवाल- क्या करो और मरो की स्थिति पैदा हो चुकी है?
जवाब- करो और मरो की स्थिति पैदा हो चुकी है। नहीं मानी गई तो करो या मरो की स्थिति पैदा होगी। इस सत्र में 5 लाख भर्तियां नहीं निकालीं तो सरकार को देखना होगा।
सवाल- सरकार को 4 साल पूरे हो चुके हैं? क्या सरकार सफल रही?
जवाब- मैं इतना बुद्धिजीवी नहीं हूं। जनता ही आकलन करेगी। मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि केंद्र और राज्य सरकार ने हमारी किसी भी मांग को नहीं माना।
सवाल- राजनीति से जुड़े हुए लोग बोलते हैं कि बलजीत यादव इस दौड़ से अपनी राजनीति और चमकाना चाहते हैं?
जवाब- अगर वह भी चमकाना चाहते हैं तो दौड़ लें। दौड़ से उन्हें कौन रोक रहा है। बेईमानी का खाते हैं इसलिए आरोप लगाना आसान है। आरोप तो किसी पर भी लगा दो।
बलजीत पहले भी कर चुके गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा
बलजीत यादव ने सरकार को 10 महीने पहले भी कटघरे में खड़ा कर दिया था। नकल माफिया और गुरुकुल यूनिवर्सिटी फर्जीवाड़े को लेकर यादव ने काले कपड़े पहनकर जयपुर के सेंट्रल पार्क के ट्रैक पर सुबह से शाम तक दौड़ लगाई थी। तब सुबह से शाम 6.30 बजे तक विधायक यादव सेंट्रल पार्क के 24 चक्कर लगाने के साथ कुल 108 किलोमीटर दौड़े थे। इनकी हेल्थ को देखते हुए सेंट्र्ल पार्क के चारों गेट पर एंबुलेंस तैनात की गई थी। शाम 6.30 बजे बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सेंट्रल पार्क पहुंचे थे। इसके बाद विधायक ने अपनी दौड़ खत्म की थी। विरोध के इस अनोखे तरीके को देखते हुए बड़ी संख्या में विधायक समर्थक भी सेंट्रल पार्क में मौजूद थे।
पहली बार विधायक बने, गहलोत सरकार को दे रहे समर्थन
बलजीत अलवर जिले की बहरोड़ विधानसभा सीट से पहली बार जीते हैं। गहलोत सरकार को अपना समर्थन दे रहे हैं। राज्यसभा चुनाव व अन्य मुद्दों को लेकर वह अब तक कांग्रेस खेमे में ही रहे हैं। इस बार सेंट्रल पार्क में एंबुलेंस या किसी भी प्रकार की मेडिकल फैसिलिटी की व्यवस्था नहीं की गई थी।
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