जयपुर के पुलिस कांस्टेबल रोहित करेंगे राजस्थान को रिप्रेजेंट:दिल्ली में ऑल-इंडिया वुशु चैंपियनशिप में लेंगे हिस्सा, पाकिस्तानी खिलाड़ी को चटा चुके है धूल

जयपुर9 महीने पहले
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ऑल इंडिया वुशु चैंपियनशिप के लिए प्रैक्टिस करते रोहित। - Dainik Bhaskar
ऑल इंडिया वुशु चैंपियनशिप के लिए प्रैक्टिस करते रोहित।

जयपुर के रोहित जांगिड़ 19 से 24 सितंबर तक दिल्ली में होने वाली वुशु चैंपियनशिप में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेंगे। राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात रोहित ने बताया कि पिछले लंबे वक्त से मैं तैयारियों में जुटा हुआ हूं। ताकि चैंपियनशिप में मेडल जीत राजस्थान का नाम देशभर में रोशन कर सकूं। बता दें कि इससे पहले रोहित हांगकांग में खेली गई अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में पाकिस्तान के खिलाड़ी को शिकस्त देकर चर्चा में आए थे।

हांगकांग में पाकिस्तानी खिलाड़ी को हराया
रोहित अब तक चार अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप खेल चुके हैं। जिनमें सभी में वे भारत के लिए पदक लेकर आये हैं। इस बीच भारत बनाम पाकिस्तान का उनका मुकाबला यादगार रहा। जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाड़ी को बुरी तरह से शिकस्त दी थी। वहीं रोहित नेपाल में साल 2021 में दक्षिण एशियाई वुशु चैंपियनशिप में भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीत चुके हैं। रोहित को 65 किग्रा कैटेगरी में वर्ल्ड में चौथी रैंक भी हासिल कर चुके है।
रोहित बोले, शुरूआत में फैमिली सपोर्ट नहीं मिला
भारतीय वुशु टीम के खिलाड़ी और राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल रोहित जयपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह 9th क्लास से वुशु खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कई दिक्कतों का सामना किया। पहले काफी दुबला-पतला हुआ करता था। फैमिली भी सपोर्ट नहीं करती थी। घरवाले कहते थे, पढ़ाई-लिखाई करोगे तो आगे जाओगे। खेल में क्या रखा है। गर्वनमेंट जॉब की तैयारी करो। खेलते हुए चोट लगती रहती थी, तो घरवाले परेशान होते थे।

रोहित ने कहा कि वह मिडिल क्लास फैमिली से आते है। पापा का फर्नीचर का काम है और मम्मी हाउस वाइफ है। वह नहीं जानते थे कि गेम में भी स्कोप है। मगर अब परिवार का साथ मिलता है। रोहित ने बताया कि वह सुबोध स्कूल से पास आउट है। स्कूल में सीनियर गुरविंदर सिंह को गेम के कारण कई बार प्राइज मिलता था। उनको देखकर मैंने भी ट्रेनिंग लेना शुरू किया।
वुशू एक चीनी मार्शल आर्ट खेल
वुशू एक चीनी मार्शल आर्ट खेल है। लड़ाई गतिविधियों के साथ आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के अभ्यास इसमें किए जाते हैं। इसे दो वर्गों ताओलो और संसौ में बांटा गया है। ताओलो में मार्शल आर्ट पैटर्न, एक्रोबैटिक मूवमेंट्स और तकनीकी कला शामिल हैं।