जयपुर के मनोहरपुरा कच्ची बस्ती में बने राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कुछ वक्त पहले असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता था। सरकारी स्कूल राहचलते लोगों के शौच के काम आता था। इस स्कूल के छात्र-छात्रा इसी गंदगी के बीच पढ़ाई करते थे, लेकिन मनीषा सिंह ने तीन साल पहले इस स्कूल का कायाकल्प करने की ठान ली।
मनीषा ने सबसे पहले स्कूल के सरकारी टीचरों से बात की। फिर शुरू किया स्कूल की तस्वीर बदलने का काम। स्कूली टीचर के साथ मिल कर पहले तो बच्चों के शिक्षा के स्तर में सुधार किया। फिर जन सहयोग से स्कूल में वो सब मूल भूत सुविधाओं की व्यवस्था की, जिससे बच्चों को पढ़ाई का माहौल मिल सके। आज तीन साल बाद स्कूल नया स्वरूप ले रहा है। मनीषा इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाती भी हैं।
लायंस क्लब और जनसहयोग से करवाया जीर्णोद्धार
मनीषा ने बिना सरकारी मदद लिए जन सहयोग से पहले तो स्कूल बाउंड्री वॉल का काम कराया। ताकि स्कूल कैंपस में बाहरी और असामाजिक तत्वों की गतिविधियां खत्म हो सके। इसके लिए स्थानीय लोगों ने भवन निर्माण के छोटे-छोटे कार्यों में सहयोग किया।
इसके बाद लॉयन्स क्लब के सहयोग से दो भवन और छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट का भी निर्माण करवाया। साथ ही स्कूल की दीवारों पर कलर पेंटिंग भी की गई है। इससे बच्चों को अच्छा पढ़ाई का वातावरण मिल सके।
बच्चियों को सिखाए आत्मरक्षा के गुर
प्रदेश में बच्चियों के साथ लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म के मामलों को देख कर मनीषा ने स्कूल में सेल्फ डिफेंस की टीम को अपने साथ जोड़कर बच्चियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए।
बच्चों को इनाम देकर करती है प्रोत्साहित
मनीषा बच्चों को प्रोत्साहन देने के लिए कक्षा में अच्छे अंक लाने वाले बच्चों को ईनाम देकर प्रोत्साहित भी करती हैं। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए मेडिकल कैंप लगवाती हैं। स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों के परिवार के लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, इसलिए बच्चों की स्टेशनरी आइटम्स, ड्रेस से लेकर बैग और शूज की व्यवस्था भी मनीषा जन सहयोग से करती हैं।
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